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नेपाल में शांति नहीं, होम मिनिस्टर के इस्तीफे पर भी राजी नहीं आंदोलनकारी, कहा- जिम्मेदार तो PM हैं

नेपाल में शांति नहीं, होम मिनिस्टर के इस्तीफे पर भी राजी नहीं आंदोलनकारी, कहा- जिम्मेदार तो PM हैं

संक्षेप: पुलिस की फायरिंग में 19 उपद्रवियों के मारे जाने की खबर है, जबकि बड़ी संख्या में लोग घायल हुए हैं। इस घटना के बाद नेपाल सरकार सरेंडर मोड में दिखी है। एक तरफ खुद पीएम केपी शर्मा ओली ने सोशल मीडिया से पाबंदी हटाने की बात कही है तो वहीं होम मिनिस्टर रमेश लेखक ने इस्तीफा दे दिया है।

Tue, 9 Sep 2025 09:31 AMSurya Prakash लाइव हिन्दुस्तान, काठमांडू
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नेपाल में सोशल मीडिया के कई प्लेटफॉर्म्स पर पाबंदी लगने और भ्रष्टाचार के आरोपों पर भड़की जनता ने सोमवार को जमकर आंदोलन किया। काठमांडू और आसपास के इलाकों में हजारों की संख्या में युवा सड़कों पर उतर आए और नेपाली संसद के अंदर तक घुसने की कोशिश की। इस दौरान सुरक्षा बलों ने सख्ती की तो हिंसा भड़क गई। पुलिस की फायरिंग में 19 उपद्रवियों के मारे जाने की खबर है, जबकि बड़ी संख्या में लोग घायल हुए हैं। इस घटना के बाद नेपाल सरकार सरेंडर मोड में दिखी है। एक तरफ खुद पीएम केपी शर्मा ओली ने सोशल मीडिया से पाबंदी हटाने की बात कही है तो वहीं होम मिनिस्टर रमेश लेखक ने इस्तीफा दे दिया है।

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इसके बाद भी जेनरेशन-जेड के आंदोलनकारियों का गुस्सा थमा नहीं है। इन लोगों का कहना है कि भले ही गृह मंत्री ने इस्तीफा दिया है, लेकिन इन सबके जिम्मेदार तो पीएम ही हैं। इसलिए खुद उनको ही पद छोड़ देना चाहिए। वहीं राजधानी काठमांडू और अन्य शहरों में हिंसा एवं लोगों के मारे जाने की जांच कराने का फैसला सरकार ने लिया है। पीएम केपी शर्मा ओली का कहना है कि जेनरेशन-जेड का आंदोलन शांति से चल रहा था, लेकिन उसमें कुछ घुसपैठियों ने एंट्री कर ली और माहौल खराब कर दिया। उन्होंने कहा कि हमारी सरकार युवा पीढ़ी की मांगों को समझती है और उन्हें लेकर मुस्तैद है।

ओली ने कहा, 'विरोध प्रदर्शन में कुछ अराजक तत्वों ने घुसपैठ कर ली। इसके अलावा हमने संवैधानिक संस्थाओं को बचाने के लिए सख्ती की। इस दौरान दुर्भाग्यपूर्ण घटना हो गई और कई लोगों की मौत हुई है।' उन्होंने कहा कि यह प्रदर्शन शांति पूर्ण ही था, लेकिन इसमें कुछ अराजक तत्वों ने घुसपैठ की और पूरे आंदोलन को हाइजैक कर लिया। उन्होंने इस दौरान यह भी कहा कि हमारी पॉलिसी सोशल मीडिया को ब्लॉक करने की नहीं है, लेकिन यह भी सच है कि इन प्लेटफॉर्म्स ने नेपाल में रजिस्ट्रेशन नहीं कराया है। उन्होंने कैबिनेट मीटिंग करके हालात का जायजा भी लिया है, लेकिन सोशल मीडिया से तत्काल प्रभाव से बैन हटाने से भी इनकार कर दिया।

Surya Prakash

लेखक के बारे में

Surya Prakash
दुनियादारी में रुचि पत्रकारिता की ओर खींच लाई। समकालीन राजनीति पर लिखने के अलावा सामरिक मामलों, रणनीतिक संचार और सभ्यतागत प्रश्नों के अध्ययन में रुचि रखते हैं। करियर की शुरुआत प्रिंट माध्यम से करते हुए बीते करीब एक दशक से डिजिटल मीडिया में हैं। फिलहाल लाइव हिन्दुस्तान में नेशनल, इंटरनेशनल डेस्क के इंचार्ज हैं। और पढ़ें

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