Nazis were treated better than Venezuelans deported by Trump judge says at hearing इससे अच्छा सलूक तो नाजियों के साथ हुआ था… ट्रंप के तरीकों पर अमेरिकी कोर्ट सख्त, International Hindi News - Hindustan
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इससे अच्छा सलूक तो नाजियों के साथ हुआ था… ट्रंप के तरीकों पर अमेरिकी कोर्ट सख्त

  • अमेरिका की एक अदालत ने अवैध प्रवासियों के साथ ट्रंप सरकार के व्यवहार पर सवाल खड़े किए हैं। सुनवाई के दौरान जज ने कहा है कि अमेरिकी सरकार ने वेनेजुएला के प्रवासियों के साथ नाजियों से भी ज्यादा बुरा व्यवहार किया है।

Jagriti Kumari रॉयटर्सTue, 25 March 2025 11:02 AM
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इससे अच्छा सलूक तो नाजियों के साथ हुआ था… ट्रंप के तरीकों पर अमेरिकी कोर्ट सख्त

अमेरिका में ट्रंप सरकार और न्यायपालिका के बीच टकराव जारी हैं। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने दूसरी बार सत्ता संभालने के बाद एक के बाद ऐसे कई फैसले लिए हैं जिन पर अमेरिका की अलग-अलग अदालतें रोक लगा चुकी हैं। अमेरिकी सरकार ने कई बार कोर्ट के फैसलों की अवमानना भी की है। इन सब के बीच देश की एक अदालत ने सोमवार को ट्रंप प्रशासन को जमकर फटकार लगाई है। ट्रंप प्रशासन के अवैध प्रवासियों के साथ किए गए व्यवहार को लेकर कोर्ट ने सवाल खड़े किए हैं। सुनवाई के दौरान कोर्ट ने कहा है कि इससे अच्छा व्यवहार द्वितीय विश्व युद्ध के दौरान नाज़ियों के साथ हुआ था।

सुनवाई के दौरान अमेरिकी सर्किट जस्टिस पेट्रीसिया मिलेट ने सरकारी वकील ड्रू एनसाइन से पूछा कि इससे पहले कि वेनेजुएला के लोगों को जबरन अल साल्वाडोर निर्वासित किया जाता, क्या वेनेजुएला के लोगों के पास ट्रंप प्रशासन के इस दावे का विरोध करने का समय था कि वे डी अरागुआ गिरोह से जुड़े हैं। सोमवार को जस्टिस ने मिलेट ने कहा, "एलियन एनिमी एक्ट के तहत नाजियों को भी इससे ज्यादा अधिकार मिले थे।”

किस फैसले पर लगी रोक?

बता दें कि ट्रंप प्रशासन ने वॉशिंगटन स्थित एक अमेरिकी जिला अदालत के खिलाफ अपीलीय अदालत का दरवाजा खटखटाया था। कोर्ट ने ट्रंप प्रशाशन के उस फैसले पर रोक लगाई थी जिसमें वेनेजुएला के नागरिकों को कथित प्रतिबंधित समूह का हिस्सा बताकर निर्वासित किया जाना था। कोर्ट द्वारा निर्वासन को अस्थायी रूप से रोकने के बाद, ट्रंप ने न्यायाधीश के महाभियोग की मांग की है।

एलियन एनीमी एक्ट क्या है?

गौरतलब है कि राष्ट्रपति ट्रंप ने इससे पहले अमेरिका में एलियन एनीमी एक्ट को दोबारा लागू करने का फैसला लिया था। 1798 में फ्रांस के साथ तनाव को देखते हुए लाए गए इस कानून के तहत अमेरिकी सरकार को एक अहम अधिकार दिया गया था। इसके मुताबिक अगर राष्ट्रपति को लगता है कि अमेरिका में रहने वाले किसी व्यक्ति की निष्ठा किसी विदेशी शक्ति के साथ है, जो युद्ध के समय राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए खतरा पैदा कर सकती है तो ऐसी स्थिति में राष्ट्रपति उस व्यक्ति को हिरासत में लेकर निर्वासित कर सकते हैं।

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200 से अधिक लोग अल साल्वाडोर निर्वासित

इससे पहले इस कानून का इस्तेमाल अमेरिकी इतिहास में महज तीन बार किया गया है। इससे पहले द्वितीय विश्व युद्ध के दौरान जापानी, जर्मन और इतालवी प्रवासियों को नजरबंद करने और देश से निकालने के लिए इस कानून का प्रयोग किया गया था। ट्रंप प्रशासन ने 15 मार्च को 200 से अधिक लोगों को अल साल्वाडोर निर्वासित कर दिया था जहां उन्हें एक सौदे के तहत देश में खूंखार आतंकियों के लिए बनाए गए जेल में रखा जा रहा है। इस सौदे के तहत अमेरिका कथित तौर पर राष्ट्रपति नायब बुकेले की सरकार को $6 मिलियन का भुगतान कर रहा है।

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