बांग्लादेश आजादी के नायक मुजीबुर रहमान की मूर्तियों की दुर्दशा, किरण मजूमदार ने कहा- ये लोग इतिहास जानते भी हैं?
- बांग्लादेश में फैले अराजकता के बीच दंगाइयों ने बांग्लादेश की आजादी के नायक रहे मुजीबुर रहमान की मूर्तियों को भी नुकसान पहुंचाया है। इन घटनाओं पर बायोकॉन की संस्थापक और किरण मजूमदार-शॉ ने चिंता जताई है। उन्होंने कहा है कि लगता है इन लोगों को इतिहास के बारे में नहीं पता।
बांग्लादेश में विरोध प्रदर्शन से शुरू हुए दंगों के बाद पूरे देश में हिंसा और अराजकता फैल गई है। लोगों ने बांग्लादेश की आजादी के नायक रहे मुजीबुर रहमान की मूर्तियों को भी नहीं छोड़ा है और कई वीडियो में उन्हें क्षतिग्रस्त करते दिखे। "बंगबंधु" के नाम से लोकप्रिय देश के पूर्व राष्ट्रपति शेख हसीना के पिता भी थे। अब बायोकॉन की संस्थापक और अध्यक्ष किरण मजूमदार-शॉ ने इस पर प्रतिक्रिया दी है। एक्स पर शेयर किए गए एक वीडियो पर प्रतिक्रिया देते हुए मजूमदार-शॉ ने इसे बांग्लादेश के लिए दुखद दिन बताया।
किरण मजूमदार ने अपने पोस्ट में लिखा, "राष्ट्रपिता की मूर्ति को नष्ट करना? क्या वे अपना इतिहास भी जानते हैं? बांग्लादेश के लिए दुखद दिन।” देश में फैली अशांति की वजह से हसीना को देश से भागकर भारत में शरण लेनी पड़ी है। सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे एक वीडियो में एक व्यक्ति को मूर्तियों में से एक के ऊपर खड़े होकर पेशाब करते हुए भी दिखाया गया। कुछ लोग मूर्तियों पर जूतों से हमला करते भी नजर आएं। मुजीबुर रहमान को समर्पित एक संग्रहालय को भी लोगों ने आग के हवाले कर दिया।
गौरतलब है कि 1971 में बांग्लादेश को स्वतंत्रता दिलाने के बाद मुजीबुर रहमान की लोकप्रियता बढ़ गई थी। हालांकि 1975 में परिवार समेत उनकी हत्या कर दी गई। विदेश में मौजूद उनकी बेटी शेख हसीना इस हमले में बच गईं थी और बाद में वह बांग्लादेश की प्रधानमंत्री बनी थीं।
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