कितना बदल गया बांग्लादेश! मोहम्मद अली जिन्ना को राष्ट्रपिता घोषित करने की मांग
- ढाका प्रेस क्लब में मोहम्मद अली जिन्ना की 76वीं पुण्यतिथि के मौके पर एक कार्यक्रम आयोजित किया गया था। इस दौरान जिन्ना को याद किया गया और मांग की गई कि मुजीबर रहमान की जगह उन्हें ही राष्ट्रपिता घोषित कर दिया जाए। यही नहीं राष्ट्रगान और झंडे में बदलाव की भी मांग उठी।
क्या बांग्लादेश अब बदल गया है? 5 अगस्त को शेख हसीना सरकार को सत्ता से बेदखल करने के बाद देश के जो हालात हैं, उससे तो ऐसा ही लगता है। देश में मोहम्मद यूनुस के नेतृत्व में अंतरिम सरकार चल रही है और इन दिनों बांग्लादेश मुक्ति संग्राम का नेतृत्व करने वाले मुजीबर रहमान तक के खिलाफ विचार प्रकट किए जा रहे हैं। यही नहीं हिंसक प्रदर्शनों के दौरान देश में कई जगहों पर मुजीबर रहमान की मूर्तियां तक हथौड़े से तोड़ डाली गईं, जिन्हें बंगबंधु कहा जाता है। यही नहीं अब हालात ऐसे हैं कि ढाका में पाकिस्तान के निर्माता कहे जाने वाले मोहम्मद अली जिन्ना को फादर ऑफ नेशन घोषित करने की मांग की गई।
बुधवार को ढाका प्रेस क्लब में मोहम्मद अली जिन्ना की 76वीं पुण्यतिथि के मौके पर एक कार्यक्रम आयोजित किया गया था। इस दौरान जिन्ना को याद किया गया और मांग की गई कि मुजीबर रहमान की जगह उन्हें ही राष्ट्रपिता घोषित कर दिया जाए। बांग्लादेश 1971 में मुक्ति संग्राम के बाद अस्तित्व में आया था। मुख्य तौर पर बांग्ला और उर्दू भाषा को लेकर छिड़े विवाद के बाद यह आंदोलन शुरू हुआ था और पूर्वी पाकिस्तान कहे जाने वाला हिस्सा बांग्लादेश के तौर पर एक अलग देश बन गया। उसी विरासत से अवामी लीग जुड़ी रही है, लेकिन अब शेख हसीना के देश छोड़कर भागने के बाद पाकिस्तान समर्थक तत्व हावी हैं।
पाकिस्तान की सेना के साथ मिलकर बांग्लादेश के ही लोगों से लड़ने वाले जमात-ए-इस्लामी जैसे संगठन अब मजबूत होते दिख रहे हैं। बुधवार को नेशनल प्रेस क्लब ऑफ ढाका में आयोजन हुआ, जिसमें उर्दू शायरी पढ़ी गई और कुछ लोगों के भाषण भी हुए। इस दौरान एक मांग यह भी हुई कि बांग्लादेश के झंडे और राष्ट्रगान को भी बदला जाए। ऐसी मांग ने बांग्लादेश में उदारवादियों को करारा झटका दिया है और उनके लिए यह चिंता की बात है। बांग्लादेश के सोशल मीडिया में भी ऐसी मांग बढ़ रही है।
प्रेस क्लब में हुए आयोजन में कई वक्ताओं ने यहां तक कहा कि बांग्लादेश दो बार स्वतंत्र हुआ है। एक बार 14 अगस्त, 1947 में बांग्लादेश को आजादी मिली थी और फिर दूसरी बार 5 अगस्त, 2024 को ऐसा हुआ है। इस टिप्पणी में अहम बात यह है कि 1971 का जिक्र नहीं किया गया, जब बांग्लादेश बना था। इस तरह वक्ताओं ने पाकिस्तान से अलग होने को ही गलत करार दिया। इसके साथ ही जिन्ना को ही फादर ऑफ द नेशन घोषित करने की मांग की।
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