
बाढ़ वाले पैसे को मरकज बनाने में इस्तेमाल कर रहा पाकिस्तान, ऑपरेशन सिंदूर में भारत ने किया था तबाह
संक्षेप: पाकिस्तान में गजब का खेल चल रहा है। एक तरफ देश बाढ़ से जूझ रहा है। दूसरी तरफ यहां की सरकार आतंकी संगठन लश्कर-ए-तैयबा की मदद कर रही है। आलम यह है कि बाढ़ के लिए मिले मदद के पैसों को पाकिस्तान ने लश्कर को दे दिया।
पाकिस्तान में गजब का खेल चल रहा है। एक तरफ देश बाढ़ से जूझ रहा है। बाढ़ से देश को उबारने के लिए वह हाथ फैलाकर मदद मांग रहा है। फिर मदद के लिए मिले पैसों को यहां की सरकार आतंकी संगठन लश्कर-ए-तैयबा को दे रही है। अब लश्कर इन पैसों का इस्तेमाल करके उस मस्जिद को बनवा रहा है जो ऑपरेशन सिंदूर के दौरान तबाह हुई थी। यह मस्जिद लश्कर का मुख्यालय है। इस मस्जिद को पूरी तरह से गिराकर इसकी जगह नई मस्जिद बनाने की तैयारी है।
करीब पांच महीने पहले भारत ने ऑपरेशन सिंदूर में लश्कर के मुख्यालय को तबाह कर दिया था। इस हमले में इस मस्जिद के तीन अहम हिस्से तबाह हो गए थे। इन हिस्सों में कैडर के रहने, हथियार जुटाने और ट्रेनिंग की सुविधा का इंतजाम था। हमले के बाद केवल इसके अवशेष ही बाकी रह गए थे। जिसे आतंकी संगठन किसी तरह से इस्तेमाल नहीं कर पा रहा था।
जानकारी के मुताबिक 18 अगस्त को मरकज को गिराए जाने की विधिवत प्रक्रिया शुरू हुई। इंडिया टुडे की रिपोर्ट के मुताबिक इसके लिए लश्कर ए तैयबा ने पांच जेसीबी मशीनें लगाई गई थीं। इन मशीनों ने तोड़-फोड़ से निकला मलबा हटाया। 4 सितंबर को मरकज की तोड़फोड़ शुरू हो चुकी थी। अब इसे फिर से बनाने की प्रक्रिया शुरू होने वाली है।
गौरतलब है कि मई की शुरुआत में चार दिन के संघर्ष के बाद पाकिस्तानी सरकार ने खुलेआम ऐलान किया था कि वह सभी आतंकी संगठनों की तबाह हुए ठिकानों को सही कराएगा। इस तरह से लश्कर ए तैयबा को मदद की पहली किश्त के रूप में चार करोड़ पाकिस्तानी रुपए 14 अगस्त को मिले थे। हालांकि आतंकी संगठन का मानना है कि मरकज को फिर से बनाने में कुल 15 करोड़ पाकिस्तानी रुपए खर्च होंगे।


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