Karachi faces price hike during Ramadan, residents struggle to afford essentials Fruits vegetable for Iftar and sehari पाकिस्तान में सेहरी और इफ्तार पर भी आफत, रमजान में भी न मिली राहत; फल-सब्जी थाली से दूर, International Hindi News - Hindustan
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पाकिस्तान में सेहरी और इफ्तार पर भी आफत, रमजान में भी न मिली राहत; फल-सब्जी थाली से दूर

TNN की रिपोर्ट में कहा गया है कि पूरे कराची में फल-सब्जी, सूखे मेवे, मसाले और क्रॉकरी की कीमतों में अचानक भारी उछाल आ गया है। अचानक से सभी जरूरी सामान महंगे हो गए हैं।

Pramod Praveen एएनआई, कराचीTue, 11 March 2025 02:38 PM
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पाकिस्तान में सेहरी और इफ्तार पर भी आफत, रमजान में भी न मिली राहत; फल-सब्जी थाली से दूर

पड़ोसी देश पाकिस्तान के कई शहरों में पवित्र रमजान के महीने में भी लोगों को भारी महंगाई और मुसीबतों का सामना करना पड़ रहा है। आलम ये है कि इफ्तार और सेहरी के लिए जरूरी फल-सब्जी और मेवे जैसे चीजों की कीमतें आसमान छू रही है। इससे मध्यम और निम्न-मध्यम बेहाल हो उठा है और सरकार से बढ़ती महंगाई को काबू में करने का गुहार लगा रहा है। कराची के निवासी रमजान के दौरान भोजन, कपड़े और घरेलू सामान के लिए संघर्ष कर रहे हैं।

TNN स्टोरीज की रिपोर्ट के अनुसार, कराची के निवासी रमजान के शुरू होते ही जरूरी सामानों की कीमतों में तेज बढ़ोतरी से जूझने लगे हैं। इस वजह से माह-ए-रमजान में भी लोगों के लिए बुनियादी जरूरतें जुटा पाना मुश्किल हो गया है। रिपोर्ट में कहा गया है कि पवित्र महीने की शुरुआत होते ही सब्जियों,फलों, तेल, सूखे मेवों, मसालों और कपड़ों की कीमतों में इजाफा हो गया है, जिससे आम जन निराश और बोझिल हो गए हैं।

विरोध-प्रदर्शन करने से डर रहे लोग

एक बुजुर्ग निवासी अहसान ने अपनी मजबूरी साझा करते हुए कहा, "रमजान से ठीक एक सप्ताह पहले, रोजमर्रे के लिए जरूरी सामानों की कीमतें बहुत कम थीं, लेकिन जैसे ही रोज़ा शुरू हुआ, सारे सामान की कीमतें आसमान छूने लगी है।" उन्होंने कहा कि लोग पुलिस की जवाबी कार्रवाई के डर से रमजान के दौरान सरकार के खिलाफ विरोध-प्रदर्शन करने से डर रहे हैं। उन्होंने कीमतों में बढ़ोतरी के लिए बड़े बाजारों में जवाबदेही की कमी को जिम्मेदार ठहराया, जहां विक्रेता जनता की लाचारी का फायदा उठा रहे हैं।

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एक अन्य निवासी हाजी मुहम्मद अली ने इस मुद्दे की अनदेखी के लिए अधिकारियों को दोषी ठहराया। उन्होंने कहा, "अधिकारी सो रहे हैं, उन्हें मोटी तनख्वाह मिल रही है, जबकि आम लोग इस महंगाई की मार झेल रहे हैं। उन्हें आम आदमी की मुश्किलों की परवाह नहीं है।" उनकी हताशा नागरिकों के बीच व्यापक असंतोष को दर्शाती है, जो सरकार द्वारा अपने हाल पर छोड़ दिए गए जान पड़ते हैं।दूसरी तरफ, स्थानीय दुकानदारों को रमजान के मौके का फायदा उठाने के लिए आलोचनाओं का सामना करना पड़ रहा है।

फल-सब्जी, सूखे मेवे की कीमतों में उछाल

TNN की रिपोर्ट में कहा गया है कि पूरे कराची में सूखे मेवे, मसाले और क्रॉकरी की कीमतों में अचानक भारी उछाल आ गया है। अचानक से सभी जरूरी सामान महंगे हो गए हैं। एक स्थानीय निवासी के हवाले से कहा गया है कि सामानों की कीमतों में अचानत बढ़ोत्तरी से मध्यम और निम्न वर्ग के परिवार सबसे अधिक प्रभावित हुए हैं। एक अन्य निवासी ने अपनी पीड़ा साझा करते हुए कहा कि वे लाचार हैं क्योंकि वहां दूसरा कोई विकल्प नहीं है। उन्होंने कहा कि अगर वे लोग महंगाई की वजह से उन दुकानदारों का बहिष्कार करते हैं तो उन्हें माह-ए-रमजान में रोजा रखने में मुश्कलें आएंगी। इसलिए वे असहाय हैं।

टीएनएन स्टोरीज की रिपोर्ट के अनुसार, रमजान के चलते जनता बाजार नियामकों और अधिकारियों से अधिक जवाबदेही की मांग कर रही है, ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि बुनियादी ज़रूरतें लोगों की पहुँच में बनी रहें। बहरहाल, जरूरी सामानों की कीमतों में भारी वृद्धि ने कराची में व्यापक निराशा को जन्म दिया है। कई लोग पूछ रहे हैं कि क्या अधिकारी इस पवित्र महीने के दौरान आमजनों के इस संघर्ष के लिए कोई कदम नहीं उठाएंगे।

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