'जंग में सब जायज…' गैंग रेप की वीडियो सामने आने पर इजरायली नेता कर रहे सैनिकों का बचाव
- गाजा में पिछले दस महीने से जारी जंग के बीच फिलिस्तीनी कैदी के साथ सामूहिक बलात्कार के मामले में 10 सैनिकों की गिरफ्तारी पर इजरायली नेता विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं। दक्षिणी इजरायल के नेगेव रेगिस्तान में कैदियों को एक सेंटर में सैनिकों ने एक फिलिस्तीनी कैदी के साथ सामूहिक बलात्कार किया।
गाजा में पिछले दस महीने से जारी जंग के बीच फिलिस्तीनी कैदी के साथ सामूहिक बलात्कार के मामले में 10 सैनिकों की गिरफ्तारी पर इजरायली नेता विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं। दक्षिणी इजरायल के नेगेव रेगिस्तान में कैदियों को एक सेंटर में सैनिकों ने एक फिलिस्तीनी कैदी के साथ सामूहिक बलात्कार किया। घटना का वीडियो सामने आया है। 29 जुलाई को बलात्कार के मामले में अब दस सैनिकों को गिरफ्तार किया गया है हालांकि उन्हें बाद में रिहा भी कर दिया गया। जानकारी के मुताबिक ये सैनिक फोर्स 100 नाम की यूनिट के हैं, जिसे सेदे तेइमान फैसिलिटी की सुरक्षा का काम सौंपा गया था।
अल जज़ीरा की रिपोर्ट के मुताबिक इस वीडियो में इजरायली सैनिक कैदी को फर्श पर बंधे हुए एक बड़े समूह से एक महिला को चुनते हैं। इसके बाद पीड़ित को एक दीवार के पास ले जाया जाता है जहां गार्ड अपनी पहचान कैमरे से छिपाकर उसके साथ बलात्कार करते हैं। मिलिट्री ने 4 अगस्त को गिरफ्तार किए गए तीन सैनिकों को रिहा कर दिया है। 30 जुलाई को केफ़र योना में एक सैन्य अदालत की सुनवाई के बाद जांच के बाद दो सैनिकों को भी रिहा कर दिया गया था।
वीडियो सामने आने के बाद ने लोग इज़रायली सेना पर भड़क गए हैं। कुछ संयुक्त राष्ट्र एजेंसियों सहित ने फ़िलिस्तीनी कैदियों के साथ किए जा रहे व्यवहार के बारे में चिंता भी जताई है। हालांकि इज़राइल के राष्ट्रीय सुरक्षा मंत्री इटमार बेन-ग्वीर जैसे कट्टरपंथी नेता सहित अन्य लोगों ने तर्क दिया है कि देश की रक्षा के लिए कुछ भी करना जायज है, चाहे वह सामूहिक बलात्कार भी हो।
आरोपियों का बचाव कर रहे इजरायली नेता
29 जुलाई को आरोपियों की गिरफ्तारी के बाद भीड़, जिनमें कई सरकारी मंत्री भी शामिल थे, ने उसी दिन बाद में दक्षिणी इज़राइल में सेदे तेइमान पर धावा बोल दिया। कैद किए गए सैनिकों को खोजने में विफल होने के बाद वे फिर 60 किमी दूर बेत लिड के बेस पर चले गए जहां सैनिकों को पूछताछ के लिए रखा गया था ताकि सैनिकों की रिहाई की मांग की जा सके। बुधवार को उच्च न्यायालय की सुनवाई के दौरान भी विरोध प्रदर्शन जारी रहे। इस विरोध प्रदर्शन में कथित तौर पर 7 अक्तूबर को गाजा द्वारा हमले में प्रभावित हुए लोग शामिल थे। सैनिकों के बचाव में एक नया संगठन भी बनाया गया है। संगठन ने इजरायली मीडिया से कहा, "यह सुनवाई बेतुकी है और सैनिकों की गिरफ्तारी हमास नेता याह्या सिनवार और हत्यारों को एक तोहफा है।" कैबिनेट सदस्यों सहित इज़रायली राजनेताओं ने भी आरोपियों का बचाव किया है। एक नेता बेन-ग्वीर ने रिजर्विस्टों की गिरफ़्तारी के दिन इज़रायली मीडिया से कहा, “इज़रायल के लिए हमारे सबसे अच्छे हीरो को गिरफ़्तार करना शर्मनाक है।
लेटेस्ट Hindi News, बॉलीवुड न्यूज, बिजनेस न्यूज, टेक , ऑटो, करियर ,और राशिफल, पढ़ने के लिए Live Hindustan App डाउनलोड करें।