UK: भारतीय मूल के लोगों के बीच अंगदान को बढ़ावा देने के लिए शुरू की पहल
ब्रिटिश सरकार की वित्तपोषित स्वास्थ्य सेवा ने अंगदान करने वालों की आस्था और धार्मिक मान्यताओं की जानकारी रखने के लिए देश के अंगदान पंजीकरण में नया विकल्प जोड़ने का एलान किया है। इस कदम का मकसद भारतीय...
ब्रिटिश सरकार की वित्तपोषित स्वास्थ्य सेवा ने अंगदान करने वालों की आस्था और धार्मिक मान्यताओं की जानकारी रखने के लिए देश के अंगदान पंजीकरण में नया विकल्प जोड़ने का एलान किया है। इस कदम का मकसद भारतीय मूल के लोगों के बीच अंगदान को बढ़ावा देना है। इनमें ज्यादातर लोग आस्थाओं या धार्मिक मान्यताओं के चलते अंगदान करने से बचते हैं।
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नेशनल हेल्थ सर्विस (एनएचएस) ने कहा, यह फैसला इसलिए लिया गया है, क्योंकि दक्षिण एशियाई पृष्ठभूमि के लोग धार्मिक और सांस्कृतिक आस्थाओं के चलते अंगदान करने से कतराते हैं। फेथ इंगेजमेंट एंड ऑर्गन डोनेशन एक्शन प्लान के लेखक ने कहा, इससे नेशनल हेल्थ सर्विस का स्टाफ परिवारों को यह बताएगा कि किस तरह आस्थाओं और मान्यताओं के साथ आगे बढ़कर अंगदान किया जा सकता है। आधिकारिक आंकड़ों के मुताबिक, वर्ष 2017 में कुल आबादी के 66 प्रतिशत परिवारों की तुलना में सिर्फ 42 प्रतिशत अश्वेत और एशियाई परिवार अपने रिश्तेदारों के अंगदान के लिए राजी हुए, जबकि एक तिहाई अश्वेत लोग, एशियाई और अल्पसंख्यक समुदाय के लोग किडनी प्रत्यर्पण का इंतजार कर रहे हैं।