आत्मघाती हमलों से लेकर ट्रेन हाईजैक तक, बीते एक साल में पाक में कब-कब खेली गई खून की होली?
- विद्रोही संगठन बलूचिस्तान लिबरेशन आर्मी (बीएलए) ने अपने विरोध के लिए जरिए ऐसा खौफ पैदा किया है कि वहां की सरकार परेशान हो गई। बीते एक साल से बीएलए द्वारा बलूचिस्तान में खून की होली लगातार खेली जा रही है।
इस बात से हर कोई वाकिफ है कि पाकिस्तानी सरकारें अपनों के साथ ही दोयम दर्जे का सलूक करती हैं। पाकिस्तान में बलूचिस्तान और वहां के निवासियों के साथ हमेशा से सौतेला व्यवहार किया जाता रहा है। बलूचिस्तान की जनता सालों से इसी भेदभाव, सेना के सितम और संसाधनों की लूट का शिकार रही है। हालात इतने बिगड़ चुके हैं कि अब बलूची अवाम खुद को पाकिस्तान का हिस्सा मानने से ही इनकार करने लगी है। मजबूर होकर उन्होंने हथियार उठा लिए हैं और अपने हक और पहचान के लिए अब जंग छेड़ दी है।
पाकिस्तान के बलूचिस्तान प्रांत में बीते एक साल के दौरान हिंसा और विद्रोह का ऐसा तांडव मचा कि पूरा इलाका खून से लाल हो गया। विद्रोही संगठन बलूचिस्तान लिबरेशन आर्मी (बीएलए) ने अपने विरोध के लिए जरिए ऐसा खौफ पैदा किया है कि वहां की सरकार परेशान हो गई। पाकिस्तान सुरक्षा रिपोर्ट के अनुसार, 2024 में बीएलए के हमलों में 225 लोग मारे गए और 171 घटनाएं दर्ज की गईं। बीएलए और बलूचिस्तान लिबरेशन फ्रंट (बीएलएफ) जैसे संगठनों के बढ़ते हमलों ने पाकिस्तान की सुरक्षा एजेंसियों को हिला कर रख दिया है।
बलूचिस्तान में कब-कब खेली गई खून की होली
पाकिस्तान के अखबार डॉन के अनुसार, बीते एक साल से बीएलए द्वारा बलूचिस्तान में खून की होली लगातार खेली जा रही है। ट्रेन हाईजैक से लेकर आत्मघाती हमलों तक आइए एक नजर डालते हैं उन तारीखों पर जब बलूचिस्तान में विरोध के स्वर बुलंद हुए।
30 जनवरी 2024: बीएलए ने माच कस्बे में हमले किए, जिसमें 15 से अधिक रॉकेट दागे गए। इस हमले में सुरक्षा बलों के चार जवान मारे गए, जबकि 24 विद्रोहियों को मार गिराया गया।
20 मार्च 2024: ग्वादर पोर्ट अथॉरिटी कॉलोनी पर हमला, जिसमें 8 विद्रोहियों को मार गिराया गया लेकिन 2 सैनिक मारे गए।
26 मार्च 2024: तुरबत में नौसेना के एयर स्टेशन पीएनएस सिद्दीकी पर हमला नाकाम किया गया, जिसमें 6 विद्रोही मारे गए।
13 अप्रैल 2024: नोष्की में 9 यात्रियों को बस से उतारकर गोली मार दी गई।
10 मई 2024: ग्वादर के सरबंदन इलाके में 7 मजदूरों की हत्या कर दी गई।
23 जून 2024: हर्नाई जिले में पिकनिक मना रहे 14 लोगों को अगवा कर लिया गया।
27 जून 2024: कलात जिले में फ्रंटियर कोर (एफसी) की चौकी पर 50 विद्रोहियों का हमला, 2 जवान शहीद।
13 अगस्त 2024: पंजगुर के डिप्टी कमिश्नर की हत्या।
26-27 अगस्त 2024: एक ही दिन में बलूचिस्तान के कई इलाकों में 50 से अधिक लोगों की हत्या।
7 अक्टूबर 2024: कराची एयरपोर्ट के बाहर चीनी नागरिकों के काफिले पर हमला, 2 चीनी नागरिकों की मौत।
30 अक्टूबर 2024: पंजगुर जिले में बांध निर्माण स्थल पर तैनात 5 सुरक्षा गार्डों की हत्या।
9 नवंबर 2024: क्वेटा रेलवे स्टेशन पर आत्मघाती हमला, 26 लोगों की मौत, 60 घायल।
17 नवंबर 2024: कलात में सुरक्षा चौकी पर हमला, 7 सैनिक शहीद।
5 जनवरी 2025: कीच जिले में एक बस पर आत्मघाती हमला, जिसमें 6 लोग मारे गए।
9 जनवरी 2025: खुजदार में 80 विद्रोहियों ने हमला कर सरकारी इमारतों को जलाया और 90 मिलियन रुपये लूट लिए।
1 फरवरी 2025: कलात जिले में 18 सैनिकों की मौत।
19 फरवरी 2025: बारखान जिले में 7 यात्रियों को बस से उतारकर गोली मार दी गई।
3 मार्च 2025: कलात में आत्मघाती महिला हमलावर का हमला हुए जिसमें 1 सैनिक मारा गया।
अब में बलूचिस्तान के बोलन जिले के पास विद्रोहियों ने जाफर एक्सप्रेस ट्रेन को हाईजैक कर लिया, जिसमें 400 से अधिक यात्रियों को बंधक बना लिया गया था। इस हमले में कई सुरक्षाकर्मियों की भी मौत हो गई। हालांकि, पाकिस्तानी सुरक्षा बलों ने अब तक 190 लोगों को छुड़ाने में सफलता हासिल की और 30 विद्रोहियों को मार गिराया।
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