
पहले US, अब कनाडा से भी झटका; 74 फीसदी भारतीय छात्रों के वीजा आवेदन ही खारिज
संक्षेप: कनाडा ने भारत समेत चीन और अन्य देशों को भी ये झटका दिया है लेकिन चीनी आवेदनों को खारिज करने की दर भारत के मुकाबले कम है। आंकड़े बताते हैं कि अगस्त 2025 में लगभग 24% चीनी स्टडी परमिट कनाडा ने खारिज कर दिए हैं।
अमेरिका से टैरिफ तनावों के बीच कनाडा के प्रधानमंत्री मार्क कार्नी भारत के साथ रिश्ते सुधारने की कोशिशों में जुटे हैं। इस बीच, वैसे भारतीय छात्रों को कनाडा ने झटका दिया है, जो वहां का वीजा हासिल करने की दौड़ में शामिल थे। सरकारी आंकड़ों के अनुसार, चार में से तीन भारतीय छात्रों के आवेदन खारिज कर दिए गए हैं। दरअसल अंतरराष्ट्रीय छात्रों पर कनाडा के कड़े प्रतिबंधों का यह बुरा असर है। बता दें कि कनाडा भारतीय छात्रों के लिए पसंदीदा गंतव्य हुआ करता था लेकिन अपनी इमिग्रेशन पॉलिसी के कारण अब अपनी लोकप्रियता खो रहा है।

दरअसल, कनाडा ने अस्थायी प्रवासियों की संख्या कम करने और छात्र वीजा से जुड़े धोखाधड़ी से निपटने के व्यापक प्रयास के तहत 2025 की शुरुआत में लगातार दूसरे वर्ष जारी किए जाने वाले अंतरराष्ट्रीय छात्र परमिटों की संख्या कम कर दी है। रॉयटर्स की एक रिपोर्ट में कहा गया है कि इमिग्रेशन विभाग द्वारा उपलब्ध कराए गए आंकड़ों के अनुसार, अगस्त 2025 में लगभग 74 फीसदी भारतीय आवेदन अस्वीकार कर दिए गए हैं, जबकि दो साल पहले अगस्त 2023 में भारतीय छात्रों के आवेदन को खारिज करने का आंकड़ा 32 फीसदी था। यानी ताजा आंकड़ों के मुताबिक कनाडा के उच्चतर माध्यमिक संस्थानों में अध्ययन के लिए वीजा मांग रहे हर चार में से तीन भारतीय छात्रों के हाथ मायूसी लगी है।
चीनी आवेदन खारिज की दर भारत से कम
कनाडा ने भारत समेत चीन और अन्य देशों को भी ये झटका दिया है लेकिन चीनी आवेदनों को अस्वीकार करने की दर भारत के मुकाबले कम है। आंकड़े बताते हैं कि अगस्त 2025 में लगभग 24 प्रतिशत चीनी अध्ययन परमिट कनाडा ने अस्वीकार कर दिए हैं। बता दें कि भारतीय आवेदक पहले से ही बहुत कम हो चुके हैं। अगस्त 2023 में भारतीय आवेदकों की संख्या 20,900 थी जो अब अगस्त 2025 में घटकर 4,515 रह गई थी। इनमें से भी 74 फीसदी आवेदनों को खारिज कर दिया गया।
कनाडा रिश्ते सुधारने की कोशिश में
पिछले एक दशक में भारत कनाडा में अंतर्राष्ट्रीय छात्रों का सबसे बड़ा स्रोत रहा है। अगस्त में, 1,000 से अधिक स्वीकृत आवेदकों वाले किसी भी देश की तुलना में अध्ययन-परमिट अस्वीकृति दर भी सबसे अधिक थी। छात्रों के आवेदन अस्वीकृति दर में यह वृद्धि ऐसे समय में हुई है जब कनाडा और भारत एक साल से अधिक समय के तनाव के बाद संबंधों को सुधारने की कोशिश कर रहे हैं। पूर्व प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो ने भारत सरकार पर ब्रिटिश कोलंबिया के सरे में 2023 में एक कनाडाई की हत्या में शामिल होने का आरोप लगाया था। उसके बाद से दोनों देशों के रिश्ते तनावपूर्ण दौर में पहुंच गए थे। बता दें कि अमेरिका भी छात्रों को वीजा देने के मोर्चे पर पहले झटका दे चुका है।

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