इंसानों को खत्म कर देगा; AI के पितामह ने फिर दी चेतावनी, बताई कितनी है संभावना
- The father of AI: AI के पितामह के रूप में जाने जाने वाले वैज्ञानिक जेफ्री हिंटन ने आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) को लेकर एक बार फिर से अपनी चिंता जाहिर की है। उन्होंने कहा कि जिस तेजी से यह तकनीक विकास कर रही है ऐसे में 10 से 20 प्रतिशत संभावना है कि यह इंसानों के विलुप्त होने का कारण बन सकती है।
तकनीकि जगत में कृत्रिम बु्द्धि के पितामह माने जाने वाले ब्रिटिश-कनाडाई वैज्ञानिक जेफ्री हिंटन ने AI को लेकर एक बार फिर से चिंता जताई है। उन्होंने कहा कि जिस तरीके से यह तकनीक विकास कर रही है ऐसे में 10 से 20 प्रतिशत संभावना है कि यह आगामी 30 सालों में मानवीय प्रजाती के विलुप्त होने का कारण बन सकती है।
बीबीसी के एक इंटरव्यू में हिंटन से पूछा गया कि आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस द्वारा मानवीय प्रजाती के सर्वनाश पर उनके विचार बदल गए हैं? इसका जवाब देते हुए हिंटन ने कहा कि नहीं, बिल्कुल नहीं। उन्होंने कहा कि यह पहली बार है, जब इंसानों का पाला उनसे ज्यादा बुद्धिमान चीज से पड़ा है। हमारी प्रजाती को इससे पहले कभी ऐसा नहीं करना पड़ा।
हिंटन ने कहा कि दुनिया में ऐसा शायद ही कोई उदाहरण देखने को मिले, जिसमें कम बुद्धिमान चीज किसी अधिक बुद्धिमान चीज को अपने नियंत्रण में रख पाई हो। एआई आज एक बच्चे के रूप में है और इंसान उसकी मां के रूप में, जब बच्चा छोटा होता है तो मां का उस पर नियंत्रण होता है। लेकिन विकास के क्रम में जब बच्चा बड़ा हो जाता है तो फिर उसका निश्चित तौर पर मां पर नियंत्रण हो जाता है।
इस साल फिजिक्स का नोबेल जीत चुके हिंटन ने कहा कि मुझे एआई अगर इसी रफ्तार के साथ आगे बढ़ता रहा तो यह आने वाले कुछ ही सालों में मनुष्य से ज्यादा स्मार्ट और कुशल हो जाएगा। तब इसके सामने मनुष्य एक बच्चे की तरह होंगे। उन्होंने कहा कि इसका इस तरह से बढ़ना एक डरावने सपने की तरह है।
आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के बारे में हिंटन ने पहली बार अपनी चिंताएं जाहिर नहीं की हैं। उन्होंने पहली बार एआई के अनियमित विस्तार पर अपनी बात 2023 में रखी थी। गूगल में अपनी भूमिका से इस्तीफा देने के बाद हिंटन ने कहा था कि एआई दोनों तरह की भूमिकाएं निभा सकता है। कई बुरे लोग इसका इस्तेमाल करके मानवता को नुकसान भी पहुंचा सकते हैं।
एआई के विकास पर बात करते हुए हिंटन ने कहा कि मैंने ऐसा नहीं सोचा था कि हम इस स्तर पर इतने जल्दी आ जाएंगे। मुझे लगा था कि हम भविष्य में कभी यहां पहुंचेंगे। एआई के विकास की गति बहुत तेज है। मैंने जितना सोचा था यह उससे भी बहुत अधिक तेज है। उन्होंने कहा कि अपने लाभ के लिए काम करने वाली प्राइवेट कंपनियों के हाथ में एआई के विकास की बागड़ोर थमा देने से इसका सुरक्षित विकास नहीं होगा। इसको एक ही चीज सही कर सकती है कि इसको सरकार अपने नियंत्रण में ले।
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