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एक और राज्य में सेना तैनात करना चाहते थे डोनाल्ड ट्रंप, कोर्ट से लगा तगड़ा झटका

संक्षेप: ट्रंप प्रशासन ओरेगन राज्य में भी नेशनल गार्ड्स की तैनाती करना चाहता था। वहीं फेडरल कोर्ट ने इस फैसले पर अस्थायी रोक लगा दी है। कोर्ट ने कहा है कि बहस लंबित रहने तक सरकार का फैसला प्रभावी नहीं होगा।

Sun, 5 Oct 2025 02:08 PMAnkit Ojha लाइव हिन्दुस्तान
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एक और राज्य में सेना तैनात करना चाहते थे डोनाल्ड ट्रंप, कोर्ट से लगा तगड़ा झटका

अमेरिका में ओरेगन राज्य के एक फेडरल जज ने राज्य और उसके शहर पोर्टलैंड द्वारा दायर एक मुकदमे में फैसला सुनाते हुए देश के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के प्रशासन के पोर्टलैंड में ‘नेशनल गार्ड’ तैनात करने के आदेश पर अस्थायी रूप से रोक लगा दी है। ट्रंप प्रशासन ने केंद्रीय अधिकारियों और संपत्ति की सुरक्षा के लिए नेशनल गार्ड तैनात करने का आदेश दिया था। अमेरिकी जिला न्यायाधीश करिन इमरगुट ने मुकदमे में बहस लंबित रहने तक यह आदेश जारी किया।

वादियों का कहना है कि ‘नेशनल गार्ड’ की यह तैनाती अमेरिकी संविधान के साथ-साथ उस संघीय कानून का भी उल्लंघन है जो आम तौर पर घरेलू कानूनों को लागू करने में सेना के इस्तेमाल पर रोक लगाता है। इमरगुट ने अपने आदेश में लिखा कि यह मामला तीन मूलभूत लोकतांत्रिक सिद्धांतों के परस्पर संबंध से जुड़ा है: ‘संघीय सरकार और राज्यों के बीच संबंध, सेना और घरेलू कानून प्रवर्तन के बीच संबंध और सरकार की कार्यपालिका, विधानपालिका और न्यायपालिका के बीच शक्तियों का संतुलन।’

जज ने कहा कि आम तौर पर राष्ट्रपति उन परिस्थितियों में ‘नेशनल गार्ड’ सैनिकों की तैनाती का आदेश दे सकते हैं जब नियमित कानून प्रवर्तन बल अमेरिका के कानूनों का पालन नहीं कर पाते लेकिन पोर्टलैंड में ऐसा नहीं हुआ। उन्होंने कहा कि वादियों ने यह साबित किया कि राष्ट्रपति के आदेश से पहले पोर्टलैंड आव्रजन केंद्र में हुए प्रदर्शन अधिक हिंसक या विघटनकारी नहीं थे।

उन्होंने कहा, ‘राष्ट्रपति का यह निर्णय तथ्यों से बिल्कुल परे है।’ रक्षा मंत्रालय ने कहा था कि वह ओरेगन के ‘नेशनल गार्ड’ के 200 सदस्यों को 60 दिनों के लिए संघीय नियंत्रण में रख रहा है ताकि उन जगहों पर संघीय संपत्ति की सुरक्षा की जा सके जहां प्रदर्शन हो रहे हैं या होने की संभावना है। डेमोक्रेटिक पार्टी के नेता एवं इलिनोइस के गवर्नर जेबी प्रित्जकर ने शनिवार को कहा कि ट्रंप प्रशासन इलिनोइस के नेशनल गार्ड के 300 सैनिकों का संघीयकरण करने की योजना बना रहा है, जो अमेरिकी शहरों में राष्ट्रपति द्वारा संघीय हस्तक्षेप की हालिया वृद्धि को दर्शाता है।

ट्रंप ने पोर्टलैंड और शिकागो दोनों को अपराध और अशांति से ग्रस्त शहर बताया है। उन्होंने पोर्टलैंड को ‘‘युद्ध क्षेत्र’’ कहा है और सुझाव दिया है कि पोर्टलैंड में समस्याओं को खत्म करने के लिए यह तैनाती आवश्यक है। राष्ट्रपति के तौर पर अपने दूसरे कार्यकाल की शुरुआत से उन्होंने मैरीलैंड के बाल्टीमोर, टेनेसी के मेम्फिस, डिस्ट्रिक्ट ऑफ कोलंबिया, लुइसियाना के न्यू ऑरलियन्स और कैलिफोर्निया के ओकलैंड, सैन फ्रांसिस्को और लॉस एंजिलिस सहित 10 शहरों में सैनिक भेजे हैं या भेजने की बात की है। इलिनोइस और ओरेगन के गवर्नर इस तैनाती को अलग तरह से देखते हैं। ओरेगन की गवर्नर टीना कोटेक ने सितंबर के अंत में ट्रंप से कहा था कि यह तैनाती अनावश्यक थी।

Ankit Ojha

लेखक के बारे में

Ankit Ojha
अंकित ओझा पिछले 8 साल से पत्रकारिता के क्षेत्र में कार्य कर रहे हैं। अंकित ने जामिया मिल्लिया इस्लामिया से स्नातक के बाद IIMC नई दिल्ली से हिंदी पत्रकारिता में स्नातकोत्तर डिप्लोमा किया है। इसके बाद कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय से स्नातकोत्तर डिग्री हासिल की है। राजनीति, राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय डेस्क पर कार्य करने का उनके पास अनुभव है। इसके अलावा बिजनेस और अन्य क्षेत्रों की भी समझ रखते हैं। हिंदी, अंग्रेजी के साथ ही पंजाबी और उर्दू का भी ज्ञान है। डिजिटल के साथ ही रेडियो और टीवी के लिए भी काम कर चुके हैं। और पढ़ें

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