
डोनाल्ड ट्रंप का पुराना ढोल, नया राग; अब 11 जंग रुकवाने का कर रहे दावा, देख लीजिए लिस्ट
संक्षेप: डोनाल्ड ट्रंप बीते कुछ सप्ताह से लगातार यह दावा कर रहे हैं कि उन्होंने दुनिया भर में चल रहे कई युद्धों के बीच मध्यस्थता कर जंग खत्म रुकवाई है। पहले उन्होंने 5, फिर 7 और अब 11 लड़ाइयां रुकवाने का दावा किया है।
अपने आप को नोबेल शांति पुरस्कार के लिए सबसे उपयुक्त दावेदार बताने वाले अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने एक बार फिर पुराना राग अलापा है। ट्रंप ने इस बार अपने द्वारा रुकवाए गए युद्धों की सूची को और बढ़ा दिया है। ट्रंप ने इस बार एक नहीं, दो नहीं, बल्कि वैश्विक स्तर पर चल रहे 11 युद्धों को रुकवाने का दावा किया है। इस सूची में हमेशा की तरह भारत और पाकिस्तान के बीच शुरू हुए जंग को रुकवाने का क्रेडिट भी शामिल है।

बता दें कि इससे पहले डोनाल्ड ट्रंप अलग-अलग मंचों पर कभी 5 तो कभी 7 वैश्विक संघर्षों में मध्यस्थता का दावा कर चुके हैं। अब उन्होंने अमेरिकी सांसद बायरन डोनाल्ड्स का एक पुराना सोशल मीडिया पोस्ट शेयर किया है जिसमें 11 युद्धों को रुकवाने का जिक्र है। इस सूची में भारत पाकिस्तान जंग के अलावा इजरायल ईरान कंबोडिया थाईलैंड जैसे देशों का जिक्र है। खास बात यह है कि सूची में 5 बार इजरायल का नाम है।
ट्रंप ने जो सूची साझा की है, वह कुछ इस तरह है:
आर्मेनिया-अजरबैजान
कंबोडिया-थाईलैंड
कांगो-रवांडा
मिस्र-इथियोपिया
भारत-पाकिस्तान
इजरायल बहरीन
इजरायल ईरान
इजरायल मोरक्को
इजरायल सूडान
इजरायल यूएई
सर्बिया-कोसोवो
भारत ने दिया है स्पष्ट जवाब
इससे पहले डोनाल्ड ट्रंप दर्जनों बार भारत और पाकिस्तान के बीच मध्यस्थता कराने का दावा कर चुके हैं। अमेरिकी राष्ट्रपति ने इस सोशल मीडिया पोस्ट से एक दिन पहले भी यह दावा किया था। ट्रंप ब्रिटेन की अपनी राजकीय यात्रा के दौरान ब्रिटिश प्रधानमंत्री कीर स्टारमर के साथ संयुक्त ब्रीफिंग में बोल रहे थे। ट्रंप ने इस दौरान सात वैश्विक संघर्षों में मध्यस्थता का दावा करते हुए कहा कि उनकी "सबसे बड़ी निराशा" यह रही है कि रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने यूक्रेन के साथ चल रहे संघर्ष को लेकर उन्हें निराश किया। वहीं उन्होंने भारत और पाकिस्तान के बीच जंग रुकवाने में सफलता की बात की। हालांकि भारत ने ट्रंप के इन दावों को स्पष्ट रूप से खारिज कर दिया है। भारत ने कहा है कि भारत और पाकिस्तान के बीच हुई सीधी बातचीत के बाद ही युद्धविराम पर सहमति बनी थी।

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