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डोनाल्ड ट्रंप ने कर दिया एलन मस्क को 'चीफ' बनाने का ऐलान, सरकार बनी तो मिलेगा यह पद

  • डोनाल्ड ट्रंप ने ऐलान किया है कि अगर वह राष्ट्रपति बनते हैं तो वह गवर्नमेंट एफिसिएंसी कमीशन बनाएंगे जिसके हेड एलन मस्क होंगे। बता दें कि राष्ट्रपति चुनाव के दौरान एलन मस्क डोनाल्ड ट्रंप का खुलकर साथ दे रहे हैं।

डोनाल्ड ट्रंप ने कर दिया एलन मस्क को 'चीफ' बनाने का ऐलान, सरकार बनी तो मिलेगा यह पद
Ankit Ojha लाइव हिन्दुस्तानFri, 6 Sep 2024 02:16 AM
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अमेरिका में रिपब्लिकन पार्टी के राष्ट्रपति उम्मीदवार डोनाल्ड ट्रंप ने कहा है कि अगर वह जीतते हैं तो एलन मस्क के लिए एक अलग विभाग ही बना देंगे। उन्होंने कहा है कि जीत के बाद वह 'गवर्नमेंट एफिसिएंसी कमिशन' बनाएंगे जिसके चीफ एलन मस्क होंगे। चुनाव से पहले वह अर्थव्यवस्था को लेकर एक रैली में भाषण दे रहे थे। उन्होंने न्यूयॉर्क इकनॉमिक क्लब में कहा कि राष्ट्रपति बनने के बाद वह घरेलू उत्पादन करने वाली कंपनियों के कॉर्पोरेट टैक्स में बड़ी कटौती करेंगे। इसके अलावा नई कंपनियां बनाने के लिए सरकारी जमीन की खरीद पर भी टैक्स घटा देंगे।

ट्रंप ने कहा कि कंपनियों के लिए वह वेल्थ फंड की शुरुाआत करेंगे। रॉयटर्स की रिपोर्ट के मुताबिक डोनाल्ड ट्रंप अपने सहयोगियों के साथ कई सप्ताह से एफिसिएंसी कमीशन को लेकर बातचीत कर रहे हैं। हालांकि पहली बार उन्होंने सार्वजनिक रूप से अपना प्लान बताया है। उन्होंने यह भी कहा कि एलन मस्क इस आयोग को हेड करने के लिए तैयार हो गए हैं। हालांकि डोनाल्ड ट्रंप ने यह नहीं बताया कि यह कमीशन कैसे काम करेगा। उन्होंने यह दावा जरूर किया कि 6 महीने के अंदर ही धोखाधड़ी और गलत तरीके से धन के लेनदेन पर लगाम लग जाएगी।

डोनाल्ड ट्रंप ने बताया कि इस आयोग में उनके पूर्व ट्रेजरी सेक्रेटरी रह चुके स्टीव नूचिन और अन्य सहयोगी भी शामिल रहेंगे। उन्होंने कहा, एफिसिएंसी कमीशन को सरकारी विभागों में पूरा वित्तीय और पर्फॉर्मेंस ऑडिट करने का अधिकार होगा। बता दें कि 19 अगस्त को मस्क ने डोनाल्ड ट्रंप के साथ इंटरव्यू के दौरान कहा था कि अगर सरकार में सेवा करने का मौका मिला तो वह जरूर करेंगे। उन्होंने कहा था, अगर मौका मिलता है तो मैं अमेरिका की सेवा के लिए तैयार हूं। इसके बाद टेसला चीफ ने सोशल मीडिया एक्स पर लिखा, किसी वेतन, किसी पद या फिर किसी पहचान की जरूरत नहीं है।

अमेरिका में एफिसिएंसी कमीशन की चर्चा पहले भी होती रही है। रिपब्लिकन राष्ट्रपति रोनाल्ड रेगन ने 1981 में इस तरह की संस्थान बनाई थी। इसे ग्रेस कमीशन नाम दिया गया था। ट्रंप के इस ऐलान के बाद उनकी आलोचना भी हो रही है। अमेरिकन फेडरेशन ऑफ गवर्नमेंट एंप्लाईज यूनियन की तरफ से कहा गया है कि यह अपने लोगों को सेट करने की एक साजिश है। इसमें कुछ भी एफिसिएंट नहीं है।

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