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चीन से मोहभंग! 'इंडिया आउट' भूल गए मोहम्मद मुइज्जू; पीएम मोदी संग इन मुद्दों पर बात

चीन से मोहभंग! 'इंडिया आउट' भूल गए मोहम्मद मुइज्जू; पीएम मोदी संग इन मुद्दों पर बात

संक्षेप: मालदीव पहुंचे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की राष्ट्रपति मुइज्जू के साथ औपचारिक बातचीत हुई है। यह वार्ता वार्ता रक्षा और बुनियादी ढांचे के क्षेत्रों में सहयोग को मजबूत करने पर ध्यान केंद्रित थी।

Fri, 25 July 2025 06:04 PMAnkit Ojha पीटीआई
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दो दिवसीय मालदीव दौरे पर पहुंचे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और राष्ट्रपति मोहम्मद मुइज्जू के बीच औपचारिक वार्ता हुई है। मालदीव के 60वें स्वतंत्रता दिवस के मौके पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी मुख्य अतिथि होंगे। मालदीव की राजधानी माले पहुंचने पर राष्ट्रपति मोहम्मद मुइज्जू ने प्रधानमंत्री मोदी का स्वागत किया। जानकारी के मुताबिक प्रधानमंत्री मोदी और राष्ट्रपति मुइज्जू के बीच वार्ता रक्षा और बुनियादी ढांचे के क्षेत्रों में सहयोग को मजबूत करने पर ध्यान केंद्रित किया गया। यह वार्ता दोनों देशों के रिश्तों में असहजता के दौर के बाद महत्वपूर्ण बदलाव को दर्शाती है।

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पीएम मोदी के पहुंचने के कुछ घंटों बाद, मोदी का प्रतिष्ठित रिपब्लिक स्क्वायर पर औपचारिक रूप से स्वागत किया गया और उन्हें ‘गार्ड ऑफ ऑनर’ दिया गया। मोदी ने सोशल मीडिया पर एक पोस्ट में कहा, "राष्ट्रपति मुइज्जू द्वारा हवाई अड्डे पर आकर मेरा स्वागत करने के भाव से मैं बहुत प्रभावित हूं। मुझे विश्वास है कि भारत-मालदीव मित्रता आने वाले समय में प्रगति की नई ऊंचाइयों को छुएगी।" दोनों नेताओं ने प्रतिनिधिमंडल स्तर की वार्ता से पहले बैठक की। द्विपक्षीय संबंधों में यह बदलाव इसलिए महत्वपूर्ण है, क्योंकि चीन के करीब माने जाने वाले मुइज्जू नवंबर 2023 में "इंडिया आउट" अभियान के बल पर द्वीपीय राष्ट्र की सत्ता में आए हैं।

मुइज्जू के कार्यकाल के शुरुआती कुछ महीनों के दौरान उनकी नीतियों के कारण संबंधों में भारी तनाव पैदा हो गया। शपथ लेने के कुछ ही घंटों के भीतर, उन्होंने अपने देश से भारतीय सैन्य कर्मियों को वापस बुलाने की मांग कर दी। इसके बाद, भारत ने उनकी जगह असैन्य कर्मियों को तैनात कर दिया। भारतीय सैन्य कर्मियों को मालदीव में दो हेलीकॉप्टरों और एक विमान के रखरखाव और संचालन के लिए तैनात किया गया था, जिनका उपयोग मानवीय और बचाव कार्यों के लिए किया गया था।

यह व्यापक रूप से माना जाता है कि भारत के निरंतर प्रयासों ने संबंधों को पुनः पटरी पर लाने में मदद की, जिसमें द्वीप राष्ट्र को उसकी आर्थिक समस्याओं से निपटने में सहायता देना भी शामिल है। विदेश सचिव विक्रम मिसरी से जब संबंधों में आए बदलाव के बारे में मंगलवार को पूछा गया तो उन्होंने कहा, 'हमने इस पर काम करना जारी रखा है और मुझे लगता है कि इसका परिणाम आपके सामने है।' मालदीव हिंद महासागर क्षेत्र में भारत के प्रमुख समुद्री पड़ोसियों में से एक है और रक्षा तथा सुरक्षा के क्षेत्रों सहित समग्र द्विपक्षीय संबंधों में मालदीव की पिछली सरकारों के कार्यकाल में वृद्धि देखी गई थी।

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी शुक्रवार को दो दिवसीय यात्रा पर मालदीव पहुंचे, जहां वे द्वीपीय देश के 60वें स्वतंत्रता दिवस समारोह में मुख्य अतिथि के रूप में शामिल होंगे। मालदीव की राजधानी माले पहुंचने पर राष्ट्रपति मोहम्मद मुइज्जू ने प्रधानमंत्री मोदी का स्वागत किया। दोनों नेताओं के बीच इस यात्रा के दौरान व्यापक वार्ता होने की उम्मीद है। प्रधानमंत्री मोदी मालदीव के राष्ट्रपति के निमंत्रण पर यहां आए हैं। प्रधानमंत्री मोदी का स्वागत बच्चों ने पारंपरिक नृत्य प्रस्तुति के साथ किया।

विदेश सचिव विक्रम मिसरी ने कहा कि प्रधानमंत्री की यह राजकीय यात्रा किसी शासनाध्यक्ष की पहली राजकीय यात्रा भी है, जिसकी मेजबानी राष्ट्रपति मुइज्जू नवंबर 2023 में पदभार ग्रहण करने के बाद से कर रहे हैं। मोदी ब्रिटेन की दो दिवसीय यात्रा से यहां पहुंचे हैं, जिसके दौरान दोनों देशों ने कार, वस्त्रों, व्हिस्की और कई अन्य उत्पादों पर शुल्क समाप्त करके द्विपक्षीय व्यापार को बढ़ावा देने के लिए एक ऐतिहासिक व्यापार समझौते पर हस्ताक्षर किए। मोदी की मालदीव यात्रा को मुइज्जू के शासनकाल में दोनों देशों के बीच संबंधों में ठहराव आने के बाद एक महत्वपूर्ण मोड़ के रूप में देखा जा रहा है।

प्रधानमंत्री 26 जुलाई को मालदीव के स्वतंत्रता दिवस समारोह में मुख्य अतिथि होंगे। वह राष्ट्रपति मुइज्जू के साथ व्यापक वार्ता भी करेंगे और द्वीपीय राष्ट्र में भारत की सहायता से चलने वाली कई विकास परियोजनाओं का उद्घाटन करेंगे।

मोदी ने दोनों देशों की यात्रा पर रवाना होने से पहले कहा था, ‘इस वर्ष दोनों देशों के बीच राजनयिक संबंधों की स्थापना की 60वीं वर्षगांठ भी है।’ उन्होंने कहा, ‘मैं राष्ट्रपति मुइज्जू और अन्य राजनीतिक नेतृत्व के साथ अपनी बैठकों के लिए उत्सुक हूं, ताकि व्यापक आर्थिक और समुद्री सुरक्षा साझेदारी के हमारे संयुक्त दृष्टिकोण को आगे बढ़ाया जा सके तथा हिंद महासागर क्षेत्र में शांति, समृद्धि और स्थिरता के लिए हमारा सहयोग मजबूत हो।’

Ankit Ojha

लेखक के बारे में

Ankit Ojha
अंकित ओझा पिछले 8 साल से पत्रकारिता के क्षेत्र में कार्य कर रहे हैं। अंकित ने जामिया मिल्लिया इस्लामिया से स्नातक के बाद IIMC नई दिल्ली से हिंदी पत्रकारिता में स्नातकोत्तर डिप्लोमा किया है। इसके बाद कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय से स्नातकोत्तर डिग्री हासिल की है। राजनीति, राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय डेस्क पर कार्य करने का उनके पास अनुभव है। इसके अलावा बिजनेस और अन्य क्षेत्रों की भी समझ रखते हैं। हिंदी, अंग्रेजी के साथ ही पंजाबी और उर्दू का भी ज्ञान है। डिजिटल के साथ ही रेडियो और टीवी के लिए भी काम कर चुके हैं। और पढ़ें

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