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किंडरगार्टन को ताबड़तोड़ नर्सिंग होम में क्यों तब्दील कर रहा चीन? किस संकट से जूझ रहा ड्रैगन; क्या प्लान

चीन में आधे से अधिक किंडरगार्टेन निजी क्षेत्र में संचालित हैं, जबकि शेष सरकारी नियंत्रण में हैं। रिपोर्ट में कहा गया है कि चीनी शिक्षा मंत्रालय के आंकड़ों के मुताबिक, 2021 के अंत तक देशभर में कुल 2,94,800 किंडरगार्टेन थे, जो 2023 में घटकर 2,89,200 रह गए।

Pramod Praveen लाइव हिन्दुस्तान, नई दिल्लीFri, 13 Sep 2024 03:18 PM
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चीन पिछले कुछ वर्षों से जन्म दर में बड़ी गिरावट झेल रहा है। इसकी वजह से चीन में बच्चों की संख्या में गिरावट जबकि बुजुर्गों की संख्या बढ़ती जा रही है। इस हालात के बाद चीन ने बड़ी संख्या में किंडरगार्टेन को बंद करना शुरू कर दिया है और उसे नर्सिंग होम में तब्दील कर रहा है। घटती आबादी से परेशान दुनिया का दूसरा सबसे ज्यादा जनसंख्या वाला देश अब बुजुर्गों की देखभाल करने के लिए जूझ रहा है। चीन में युवा कार्यशक्ति में भी गिरावट आई है। इस वजह से रिटायरमेंट की उम्र बढ़ा दी गई है।

अब चीन में पुरुष 63 साल में जबकि महिलाएं 58 साल में रिटायर हो सकेंगी। चीन की यह नई रिटायरमेंट पॉलिसी अगले साल जनवरी से लागू हो रही है। अभी पुरुष 60 साल में और दफ्तर में काम करने वाली महिलाएं 55 साल में रिटायर होती हैं। फैक्ट्री या कंस्ट्रक्शन साइट पर काम करने वाली महिलाएं 50 में ही सेवानिवृत होती हैं। इनकी रिटायरमेंट उम्र अब 55 साल की गई है। नई पॉलिसी 15 साल तक लागू रहेगी।

चीन की सरकारी मीडिया आउटलेट ग्लोबल टाइम्स की एक रिपोर्ट में कहा गया है कि हाल ही में सरकार ने दक्षिणी प्रांत गुआंग्डोंग में स्थित एक किंडरगार्टेन को नर्सिंग होम में तब्दील कर दिया है, जहां बुजुर्गों की देशभाल की जा रही है। 25 साल पुराने इस किंडरगार्टेन के निदेशक झुआंग यानफेंग के मुताबिक पिछले कई सालों से किंडरगार्टेन बच्चों की कमी से जूझ रहा था। इसके बाद 2023 में इसे बंद कर दिया गया था और अब वहां नर्सिंग होम खोल दिया गया है।

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चीन में आधे से अधिक किंडरगार्टेन निजी क्षेत्र में संचालित हैं, जबकि शेष सरकारी नियंत्रण में हैं। रिपोर्ट में कहा गया है कि चीनी शिक्षा मंत्रालय के आंकड़ों के मुताबिक, 2021 के अंत तक देशभर में कुल 2,94,800 किंडरगार्टेन थे, जो 2023 में घटकर 2,89,200 रह गए। यानी दो सालों में पूरे चीन में 5600 किंडरगार्टेन बंद हो गए। चीनी समाजवादियों ने सरकार के इस कदम की सराहना की है और इसे दूरदर्शी कदम बताया है। दरअसल, चीन तेजी से बुजुर्गों का घर बनता जा रहा है, जहां मौजूदा समय में 65 साल से ऊपर की करीब 20 फीसदी आबादी है। वर्ल्ड बैंक के अनुमानों के मुताबिक 20 सालों में यह आबादी 28 फीसदी तक हो जाएगी।

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चीन में लगातार सातवें साल जन्म दर में गिरावट दर्ज की गई है। साल 2021 में वहां जन्म दर में रिकॉर्ड स्तर पर कमी आई थी। तब देश की आबादी 60 साल में पहली बार बढ़ने के बजाय कम हो गई थी। वहां जन्म दर इतनी कम हो गई है कि चीन को अपने यहां जोड़ों को तीन बच्चे तक पैदा करने की इजाजत देनी पड़ी है। चीन में दशकों तक एक ही बच्चा पैदा करने की नीति लागू रही, जिसका उल्लंघन करने पर लोगों को तमाम पाबंदियों का सामना करना पड़ता था, लेकिन साल 2016 में यह नीति खत्म कर दी गई है।

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