Hindi Newsविदेश न्यूज़Banker of poorest Muhammad Yunus says ready to head Bangladesh interim government

बांग्लादेश की अंतरिम सरकार संभालेगा 'गरीबों का बैंकर', मान ली लोगों की बात; आगे क्या?

  • बांग्लादेश में शेख हसीना के प्रधानमंत्री पद से इस्तीफा देकर देश छोड़ने के बाद बदलते घटनाक्रम में सबसे प्रमुख तौर से नोबेल पुरस्कार विजेता मोहम्मद यूनुस का नाम उभरा है।

Amit Kumar ढाका, लाइव हिन्दुस्तानTue, 6 Aug 2024 04:35 PM
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नोबेल विजेता मुहम्मद यूनुस ने मंगलवार को कहा कि वह बांग्लादेश में अंतरिम सरकार का नेतृत्व करने के लिए तैयार हैं। बड़े पैमाने पर प्रदर्शनों के कारण लंबे समय से सत्तारूढ़ शेख हसीना को देश छोड़कर भागना पड़ा है। मुहम्मद यूनुस ने एएफपी को दिए एक लिखित बयान में कहा, "मैं प्रदर्शनकारियों के मुझ पर दिखाए गए भरोसे से सम्मानित महसूस कर रहा हूं। वे चाहते हैं कि मैं अंतरिम सरकार का नेतृत्व करूं।" मुहम्मद यूनुस को बांग्लादेश में 'ग्रामीणों का बैंकर' कहा जाता है।

84 वर्षीय नोबेल पुरस्कार विजेता ने कहा, "अगर बांग्लादेश में किसी भी कार्रवाई की जरूरत है, तो मैं मेरे देश के लिए और मेरे लोगों के लिए ऐसा करूंगा।" उन्होंने "स्वतंत्र चुनाव" का भी आह्वान किया। बंगलादेश के छात्र संगठन नोबेल पुरस्कार विजेता डॉ. मुहम्मद यूनुस को अंतरिम सरकार का सलाहकार बनाने की वकालत कर रहे थे। छात्र संगठन के मुख्य प्रवक्ताओं में से एक नाहिद इस्लाम ने मंगलवार की सुबह अपने वीडियो संदेश में भी उनसे अपील की थी। अब फिलहाल उन्होंने प्रदर्शनकारियों की बात मान ली है।

मुहम्मद यूनुस ने कहा, "अंतरिम सरकार तो बस शुरुआत है। स्थायी शांति केवल स्वतंत्र चुनावों से ही आएगी। बिना चुनावों के कोई बदलाव नहीं होगा।" 'सबसे गरीब लोगों के बैंक' के रूप में पहचाने जाने वाले यूनुस को ग्रामीण महिलाओं को छोटी-छोटी नकद राशि उधार देने के लिए 2006 में शांति पुरस्कार से सम्मानित किया गया था। उनकी इस मदद से महिलाओं को कृषि उपकरणों या व्यावसायिक उपकरणों में निवेश करने और अपनी आय बढ़ाने में मदद मिली थी।

बांग्लादेश में शेख हसीना के प्रधानमंत्री पद से इस्तीफा देकर देश छोड़ने के बाद बदलते घटनाक्रम में सबसे प्रमुख तौर से नोबेल पुरस्कार विजेता मोहम्मद यूनुस का नाम उभरा है। हसीना के देश छोड़कर जाने की खबर फैलते ही सैकड़ों लोगों ने उनके आवास में घुसकर तोड़फोड़ और लूटपाट की। देश में सरकार विरोधी प्रदर्शनों में पिछले 15 दिन में 300 से अधिक लोगों की मौत हुई है। बांग्लादेश की सेना ने अस्थायी रूप से देश का नियंत्रण अपने हाथ में ले लिया है, लेकिन यह स्पष्ट नहीं है कि देश के राष्ट्रपति द्वारा मंगलवार को संसद को भंग करने के बाद अंतरिम सरकार में उसकी क्या भूमिका होगी।

इस अनिश्चितता के बीच, एक नाम मोहम्मद यूनुस का सामने आया जो नए सिरे से चुनावों की घोषणा होने तक बांग्लादेश की बागडोर संभालने जा रहे हैं। यूनूस नोबेल पुरस्कार विजेता हैं, जिन्हें ‘‘सबसे गरीब लोगों का बैंकर’’ भी कहा जाता है। इसे लेकर उन्हें आलोचना का सामना भी करना पड़ा था और एक बार हसीना ने यूनुस को ‘‘खून चूसने वाला’’ कहा था। 83 वर्षीय यूनुस हसीना के कटु आलोचक और विरोधी माने जाते हैं। उन्होंने हसीना के इस्तीफे को देश का ‘‘दूसरा मुक्ति दिवस’’ ​​बताया है।

क्यों इतने फेमस हैं यूनुस?

पेशे से अर्थशास्त्री और बैंकर यूनुस को गरीब लोगों, विशेष रूप से महिलाओं की मदद के लिए माइक्रोक्रेडिट के उपयोग में अग्रणी भूमिका निभाने के लिए 2006 में नोबेल शांति पुरस्कार से सम्मानित किया गया था। यूनुस ने 1983 में ग्रामीण बैंक की स्थापना की ताकि उन उद्यमियों को छोटे ऋण उपलब्ध कराए जा सकें जो सामान्यतः उन्हें प्राप्त करने के योग्य नहीं होते। लोगों को गरीबी से बाहर निकालने में बैंक की सफलता ने अन्य देशों में भी इसी तरह के लघु वित्त पोषण के प्रयासों को बढ़ावा दिया।

यूनुस को 2008 में हसीना सरकार की कार्रवाई का सामना करना पड़ा जब उनके प्रशासन ने यूनुस के खिलाफ कई जांच शुरू कीं। यूनुस ने पहले घोषणा की थी कि वह 2007 में एक राजनीतिक पार्टी बनाएंगे, हालांकि उन्होंने अपनी योजना पर अमल नहीं किया। जांच के दौरान हसीना ने यूनुस पर ग्रामीण बैंक के प्रमुख के तौर पर गरीब ग्रामीण महिलाओं से ऋण वसूलने के लिए बल और अन्य तरीकों का इस्तेमाल करने का आरोप लगाया। यूनुस ने आरोपों से इनकार किया था।

(इनपुट एजेंसी)

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