अफगानिस्तान के पक्ष में बैटिंग, बलूच नेता के 'समर्थन' वाले बयान से पाकिस्तान को लगेगी मिर्ची
संक्षेप: सोशल मीडिया एक्स पर जारी एक बयान में मर्री ने दोनों समुदायों के बीच बहुत ही पुराना संबंध बताया। साथ ही विपरीत परिस्थितियों में पारस्परिक आदर, सहायता व एकता के उनके साझा अतीत को उजागर किया। मर्री ने याद दिलाया कि पूरे इतिहास में अफगानों ने बलूचों के संकट काल में उनका साथ दिया

पाकिस्तान और अफगानिस्तान के बीच तनाव अपनी चरम सीमा पर पहुंच चुका है। दोनों देश एक-दूसरे पर लगातार गोलीबारी कर रहे हैं। अगर यह हालात बने रहे तो दोनों राष्ट्र कभी भी सीधी जंग में उतर सकते हैं। इसी बीच, बलूच समर्थक स्वतंत्रता सेनानी हिरबयर मर्री ने बलूच और अफगान राष्ट्रों के बीच सदियों पुरानी तथा अटूट एकजुटता का जिक्र किया है। उन्होंने अफगानिस्तान के प्रति पाकिस्तान की कथित 'पंजाबी आक्रामकता' के विरुद्ध अडिग समर्थन की प्रतिबद्धता जताई है।
सोशल मीडिया एक्स पर जारी एक बयान में मर्री ने दोनों समुदायों के बीच बहुत ही पुराना संबंध बताया। साथ ही विपरीत परिस्थितियों में पारस्परिक आदर, सहायता व एकता के उनके साझा अतीत को उजागर किया। मर्री ने याद दिलाया कि पूरे इतिहास में अफगानों ने बलूचों के संकट काल में उनका साथ दिया ( चाहे शरण प्रदान कर या सहयोग देकर) और बलूचों ने भी सदैव उनका कंधे से कंधा मिलाकर साथ निभाया। मर्री ने कहा कि जब अफगानों ने फारसी अधिपत्य के विरुद्ध स्वतंत्रता संग्राम छेड़ा, तब बलूच उनके कंधे से कंधा मिलाकर लड़े। उन्होंने आगे जोर दिया कि उपमहाद्वीप में अफगानों के संघर्षों के दौर में भी बलूच उनके वफादार सहयोगी बने रहे।
काबुल और विवादास्पद डूरंड लाइन पर बिना उकसावे के हमलों की कड़ी निंदा करते हुए मर्री ने स्पष्ट किया कि ब्रिटिशों द्वारा रची गई औपनिवेशिक सीमा को न तो बलूच स्वीकार करते हैं और न ही अफगान। उन्होंने तर्क दिया कि ऐसी कार्रवाइयां केवल पाकिस्तान के स्वार्थ सिद्ध करती हैं, जिसे उन्होंने ब्रिटिश साम्राज्य की कठपुतली बताया। बलूच नेता ने पाकिस्तान पर आरोप लगाया कि वह अफगानिस्तान से विवादों के बीच इस पारगमन व्यापारिक मार्ग का दुरुपयोग अपने हित में कर रहा है, जबकि यह मार्ग संपूर्ण रूप से बलूचिस्तान से होकर गुजरता है, न कि पंजाब से।
मर्री ने कहा कि एक आजाद बलूचिस्तान अफगानिस्तान के साथ न्यायपूर्ण व पारदर्शी व्यापार संबंध स्थापित करेगा। उन्होंने इस मार्ग को जबरन इस्तेमाल न करने, बल्कि शांतिपूर्ण संवाद से मतभेदों का समाधान करने का वचन दिया। बलूच-अफगान ऐतिहासिक गठबंधन के प्रति अपनी निष्ठा दोहराते हुए मर्री ने कहा कि सदियों से दोनों राष्ट्र एक-दूसरे के प्रति वफादार रहे हैं व समर्थन देते आए हैं। कुछ भी बदला नहीं है। हम पंजाबी आक्रामकता के खिलाफ अफगानों के साथ कंधे से कंधा मिलाकर खड़े हैं।

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