
हमारे पास BRICS है... टैरिफ टैक्टिक्स के बीच डोनाल्ड ट्रंप को रूस ने खूब सुनाया
संक्षेप: रूसी विदेश मंत्रालय की प्रवक्ता मारिया जखारोवा ने अमेरिका के उस कदम की तीखी आलोचना की है, जिसके तहत ट्रंप प्रशासन दुनियाभर के देशों पर मनमाना टैरिफ लगा रहा है और अपनी शर्तों पर अमेरिका से व्यापार करने के लिए दबाव बना रहा है।
रूस ने अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और उनके प्रशासन की खुले तौर पर आलोचना की है और दो टूक कहा है कि अमेरिकी सरकार दुनियाभर के देशों पर अपना प्रभुत्व जमाने के लिए टैरिफ टैक्टिक्स का इस्तेमाल कर रही है। रूसी विदेश मंत्रालय की प्रवक्ता मारिया जखारोवा ने कहा कि अमेरिका उन देशों को टैरिफ धमकी दे रहा है और राजनीति से प्रेरित आर्थिक दबाव डाल रहा है जो अंतरराष्ट्रीय मंच पर अलग और स्वतंत्र रास्ता चुन रहे हैं।

जखारोवा ने कहा कि उनका देश वास्तविक बहुपक्षीय और समान विश्व व्यवस्था बनाने के लिए इन देशों के साथ सहयोग बढ़ाने का समर्थन करता है और उस दिशा में आगे बढ़ रहा है। इसके साथ ही रूसी प्रवक्ता ने ट्रंप प्रशासन पर वाशिंगटन के प्रभुत्व को बनाए रखने के लिए दक्षिण के देशों के खिलाफ नव-उपनिवेशवादी नीति अपनाने का आरोप लगाया। उन्होंने दो टूक कहा कि ट्रंप प्रशासन द्वारा किसी भी देश पर थोपा गया टैरिफ और प्रतिबंध इतिहास के स्वाभाविक क्रम को नहीं बदल सकता।
मॉस्को की टिप्पणी की टाइमिंग अहम
मॉस्को की यह टिप्पणी अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा दर्जनों देशों पर टैरिफ लगाने के कुछ दिनों बाद आई है। प्रतिबंधों और टैरिफ हमलों को आज के दौर की एक अफसोसजनक वास्तविकता बताते हुए ज़खारोवा ने कहा कि अमेरिका के इस कदम से पूरी दुनिया प्रभावित हुई है। उन्होंने आरोप लगाया कि अमेरिका उभरती विश्व व्यवस्था में अपने प्रभुत्व को हो रहे नुकसान को स्वीकार नहीं कर पा रहा है।
अमेरिका साउथ ग्लोबल को रोक नहीं सकता
ग्लोबल साउथ में रूस के सहयोगियों के विरुद्ध ट्रम्प की टैरिफ नीति पर टिप्पणी करते हुए, जखारोवा ने इसे अलग-अलग देशों की राष्ट्रीय संप्रभुता पर सीधा अतिक्रमण और उनके आंतरिक मामलों में हस्तक्षेप की कोशिश कहा है। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि अमेरिका की यह कोशिश इतिहास के स्वभाविक क्रम को आगे बढ़ने से नहीं रोक सकती है।
हमारे साथ BRICS देश
ज़खारोवा ने कहा, "हमारा दृढ़ विश्वास है कि कोई भी टैरिफ युद्ध, धमकी या प्रतिबंध इतिहास के स्वाभाविक क्रम को नहीं रोक सकते क्योंकि हमें बड़ी संख्या में सहयोगियों और समान विचारधारा वाले देशों का समर्थन हासिल है।" उन्होंने कहा कि विशेष रूप से हमारे साथ BRICS है, जिसके सदस्य देश एक जैसा दृष्टिकोण साझा करते हैं। उन्होंने आगे कहा कि रूस ब्रिक्स देशों के बीच सहयोग को और मजबूत करने और उन पर अवैध एकतरफा प्रतिबंधों का विरोध करने के लिए तैयार है।
BRICS से मतलब उस समूह से है, जिसमें मूल रूप से ब्राजील, रूस, भारत, चीन और दक्षिण अफ्रीका शामिल हैं। 2024 में इसका विस्तार करके इसमें मिस्र, इथियोपिया, ईरान और संयुक्त अरब अमीरात को भी शामिल किया गया है और 2025 में इंडोनेशिया भी इसमें शामिल हो जाएगा।

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Pramod Praveenलेटेस्ट Hindi News , बॉलीवुड न्यूज, बिजनेस न्यूज, टेक , ऑटो, करियर , और राशिफल, पढ़ने के लिए Live Hindustan App डाउनलोड करें।




