
प्राकृतिक खजाने पर निगाहें, अमेरिकी ने फिर पढ़े पाक की तारीफ में कसीदे; इशाक डार से मिले रुबियो
संक्षेप: कूटनीतिक जानकारों का मानना है कि रुबियो का डार के साथ यह सीधा संवाद और उनकी तारीफ भरे बयान पाकिस्तान के प्रति US की रुचि को दर्शाते हैं। यह मुलाकात दक्षिण एशिया में शक्ति संतुलन के लिए नए रास्ते खोल सकती है।
अमेरिकी विदेश मंत्री मार्को रुबियो ने पाकिस्तान के उपप्रधानमंत्री और विदेश मंत्री मोहम्मद इशाक डार से स्टेट डिपार्टमेंट में मुलाकात की। इस उच्च-स्तरीय बैठक में दोनों नेताओं ने द्विपक्षीय व्यापार, महत्वपूर्ण खनिजों में सहयोग और क्षेत्रीय स्थिरता जैसे मुद्दों पर चर्चा की। रुबियो ने आतंकवाद के खिलाफ पाकिस्तान की भूमिका और क्षेत्रीय शांति में उसके योगदान की सराहना की, जिसे कूटनीतिक हलकों में महत्वपूर्ण माना जा रहा है।

बैठक के दौरान, रुबियो ने पाकिस्तान के प्राकृतिक संसाधनों और आर्थिक संभावनाओं पर विशेष जोर दिया। सूत्रों के अनुसार, अमेरिका पाकिस्तान के खनिज भंडारों और ऊर्जा संसाधनों में निवेश की संभावनाओं पर नजर रखे हुए है। रुबियो ने कहा कि दोनों देशों के बीच आर्थिक सहयोग को बढ़ावा देना समय की मांग है, और पाकिस्तान की रणनीतिक स्थिति इसे क्षेत्रीय व्यापार का केंद्र बनाती है।
रुबियो ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर लिखा, "आज मैंने पाकिस्तानी उपप्रधानमंत्री और विदेश मंत्री मोहम्मद इशाक डार से मुलाकात की और द्विपक्षीय व्यापार को बढ़ाने तथा महत्वपूर्ण खनिज क्षेत्र में सहयोग बढ़ाने पर चर्चा की। मैंने आतंकवाद का मुकाबला करने और क्षेत्रीय स्थिरता बनाए रखने में पाकिस्तान की साझेदारी के लिए उनका धन्यवाद किया।" इस मुलाकात में दोनों पक्षों ने आगामी अमेरिका-पाकिस्तान आतंकवाद विरोधी संवाद पर भी चर्चा की जो अगस्त में इस्लामाबाद में आयोजित होने वाला है। इस संवाद का उद्देश्य ISIS-K जैसे आतंकी समूहों के खिलाफ सहयोग को और गहरा करना है।
पाक के प्राकृतिक खजाने
पाकिस्तान के प्राकृतिक खजाने देश की आर्थिक और रणनीतिक क्षमता का आधार हैं। हिमालय, कराकोरम और हिंदु कुश पर्वत श्रृंखलाओं से लेकर थार मरुस्थल और अरब सागर के तट तक, पाकिस्तान प्राकृतिक संसाधनों की विविधता से समृद्ध है। यहां कोयला, प्राकृतिक गैस, तांबा, सोना, लौह अयस्क और बेशकीमती रत्नों जैसे खनिजों के विशाल भंडार मौजूद हैं, जिनमें बलूचिस्तान का रेको दिक तांबा-सोना खनन क्षेत्र विश्व स्तर पर चर्चित है। इसके अलावा, सिंधु नदी और उसकी सहायक नदियां जलविद्युत उत्पादन और कृषि के लिए महत्वपूर्ण हैं। इन संसाधनों का दोहन, यदि प्रभावी ढंग से किया जाए, तो पाकिस्तान की अर्थव्यवस्था को नई ऊंचाइयों तक ले जा सकता है, जिसने हाल के वर्षों में वैश्विक निवेशकों, विशेष रूप से अमेरिका और चीन जैसे देशों का ध्यान आकर्षित किया है। अमेरिका अब इसी को भुनाना चाहता है।
पाकिस्तान की भूमिका और क्षेत्रीय स्थिरता पर बात
रुबियो ने पाकिस्तान की उस भूमिका की भी प्रशंसा की, जिसमें उसने ईरान के साथ मध्यस्थता में रचनात्मक योगदान दिया और क्षेत्रीय स्थिरता को बनाए रखने की प्रतिबद्धता दिखाई। अमेरिकी विदेश विभाग की प्रवक्ता टैमी ब्रूस ने बताया कि रुबियो ने इस बात पर जोर दिया कि दोनों देशों के बीच आपसी लाभकारी व्यापार को बढ़ाने और महत्वपूर्ण खनिज और खनन क्षेत्रों में सहयोग की संभावनाओं को तलाशने की आवश्यकता है।
इसके अलावा, दोनों नेताओं ने भारत और पाकिस्तान के बीच हाल के तनावों को कम करने में अमेरिका की भूमिका पर भी चर्चा की। इशाक डार ने अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के नेतृत्व में भारत-पाकिस्तान तनाव को कम करने में की गई मध्यस्थता की सराहना की। डार ने कहा, “हम अमेरिका के साथ अपनी साझेदारी को राजनीतिक, आर्थिक और सुरक्षा क्षेत्रों में और गहरा करना चाहते हैं। पाकिस्तान क्षेत्र और विश्व में शांति, प्रगति और समृद्धि के लिए एक विश्वसनीय साझेदार बना रहेगा।”
टीआरएफ का मुद्दा
यह मुलाकात उस समय हुई है, जब हाल ही में अमेरिका ने द रेसिस्टेंस फ्रंट (TRF) को एक विदेशी आतंकवादी संगठन (FTO) और विशेष रूप से नामित वैश्विक आतंकवादी (SDGT) के रूप में घोषित किया। TRF को पाकिस्तान स्थित आतंकी संगठन लश्कर-ए-तैयबा (LeT) का एक मुखौटा माना जाता है, जिसने अप्रैल में जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले की जिम्मेदारी ली थी, जिसमें 26 नागरिक मारे गए थे। हालांकि, इशाक डार ने TRF को LeT से जोड़ने पर असहमति जताई और कहा कि लश्कर-ए-तैयबा को कई साल पहले खत्म कर दिया गया था और इसके सदस्यों को गिरफ्तार कर जेल में डाल दिया गया था। उन्होंने दावा किया कि TRF का इससे कोई संबंध नहीं है।
इशाक डार की यह यात्रा पाकिस्तान के संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (UNSC) की अध्यक्षता के दौरान हो रही है, जो जुलाई 2025 में शुरू हुई। यह पाकिस्तान की 2013 के बाद पहली UNSC अध्यक्षता है। डार ने न्यूयॉर्क में UNSC की उच्च-स्तरीय बैठकों की अध्यक्षता की, जिसमें फिलिस्तीन पर एक सम्मेलन भी शामिल था।

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