विश्व मानक दिवस: मुनाफे के लिए बेईमानी से करें तौबा

Malay, Last updated: Sun, 13th Oct 2019, 11:41 PM IST
आप पैसे देकर बाजार से सामान खरीदते हैं तो यह जरूर चाहते हैं कि सामान गुणवत्ता के मानक पर खरा उतरे। साथ ही उसका वजन भी सही हो। लेकिन, आम तौर दुकानदार मिलावट कर ही देते हैं। दाल में कंकड़ मिला देते हैं...
माप-तौल में डंडी मारने की अब कोई गुंजाईरश ही नहीं है। तराजू-बटखारे की जगह अब सब्जी दुकानों में भी मशीनों से वजन कर ग्राहकों को सामान दिए जाने लगे हैं। मशीनें आईएसआई मार्क की हों, इसपर मानक ब्यूरो की न

आप पैसे देकर बाजार से सामान खरीदते हैं तो यह जरूर चाहते हैं कि सामान गुणवत्ता के मानक पर खरा उतरे। साथ ही उसका वजन भी सही हो। लेकिन, आम तौर दुकानदार मिलावट कर ही देते हैं। दाल में कंकड़ मिला देते हैं तो मिठाई में केमिकल। दूध से लेकर घी तक में मिलावटखोरी चल रही है। किराना दुकानदार से लेकर सोनार तक मिलावट कर देते हैं। ज्यादा मुनाफे के लिए वजन भी कम तोलते हैं। इन्हीं चीजों पर लगाम लगाने के लिए हर शहर में मानक ब्यूरो की स्थापना की गई है।

पटना में भी यह ब्यूरो कायम है, जो मिलावटखोरी और कम वजन पर लगाम कसने के लिए कार्यरत है। व्यवसाय जगत में वस्तुओं की गुणवत्ता और उसके मानक का ख्याल रखने के लिए हर साल विश्व मानक दिवस 14 अक्तूबर को मनाया जाता है। 1970 के बाद से, दुनिया भर में विभिन्न तरीकों से विश्व मानक दिवस मनाया जाता है। संगोष्ठी, प्रदर्शनी, सम्मेलन, टीवी और रेडियो साक्षात्कार जैसे विभिन्न कार्यक्रम दुनियाभर के विभिन्न संगठनों द्वारा आयोजित किए जाते हैं।

कुछ देशों में ‘विश्व मानक सप्ताह’ कार्यक्रम 14 अक्तूबर को या उसके आसपास हर साल आयोजित किए जाते हैं। इसका उद्देश्य विश्व अर्थव्यवस्था को अंतर्राष्ट्रीय मानकीकरण के महत्व, अंतर्राष्ट्रीय मानकीकरण की भूमिका को बढ़ावा देना और दुनियाभर में उपभोक्ताओं, सरकार, उद्योग और व्यापार की आवश्यकताओं को पूरा करना है।  

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