कोरोना वायरस बचाव ही सुरक्षा

Malay, Last updated: Wed, 11th Mar 2020, 5:28 PM IST
कोरोना वायरस से दुनियाभर में लोग बीमार पड़ रहे हैं। यह वायरस ऊंट, बिल्ली और चमगादड़ सहित कई पशुओं में भी प्रवेश कर रहा है। यह वायरस सी-फूड से जुड़ा है और इसकी शुरुआत चीन के हुवेई प्रांत के वुहान शहर के...
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कोरोना वायरस से दुनियाभर में लोग बीमार पड़ रहे हैं। यह वायरस ऊंट, बिल्ली और चमगादड़ सहित कई पशुओं में भी प्रवेश कर रहा है। यह वायरस सी-फूड से जुड़ा है और इसकी शुरुआत चीन के हुवेई प्रांत के वुहान शहर के एक सी-फूड बाजार से हुई मानी जा रही है। फिलहाल इसका कोई इलाज नहीं है, इसलिए बचाव को ही इस बीमारी से निबटने का कारगर उपाय बताया जा रहा है।

विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) के अनुसार, कोरोना वायरस जानवरों से इनसानों में फैलता है। चीन के वुहान में फैल रहे कोरोना वायरस को पहले कभी नहीं देखा गया। इसलिए इसके बारे में ज्यादा जानकारी उपलब्ध नहीं है। अपोलो हॉस्पिटल के डॉ. अभिषेक कुमार शुक्ला कहते हैं कि कोरोना एक ऐसा वायरस है, जो जानवरों और इनसानों दोनों को बीमार कर सकता है। यह एक आरएनए वायरस है, जिसका मतलब यह है कि यह शरीर के अंदर कोशिकाओं में टूट जाता है और उनका उपयोग खुद को पुन: उत्पन्न करने के लिए करता है। कोई भी बीमारी महामारी तभी बनती है, जब लोगों को बीमारी की वजह और उससे बचाव के तरीकों का ज्ञान न हो। कुछ ऐसा ही फिलहाल कोरोना वायरस को लेकर भी है। अब तक अधिकतर लोग यही जानते हैं कि यह बीमारी जानवरों से फैलती है। भारत के दूरस्थ गांवों में तो शायद डॉक्टरों को भी इसके लक्षणों और बचाव के तरीकों के बारे में सटीक पता नहीं है।

क्या है कोरोना वायरस 
कोरोना वायरस (सीओवी) का संबंध वायरस के ऐसे परिवार से है, जिसके संक्रमण से जुकाम से लेकर सांस लेने में तकलीफ जैसी समस्या हो सकती है। इस वायरस को पहले कभी नहीं देखा गया है। इस वायरस का संक्रमण दिसंबर में चीन के वुहान में शुरू हुआ था। अब तक इस वायरस को फैलने से रोकने वाला कोई टीका नहीं बना है।

कोरोना वायरस का स्रोत 
कोरोना वायरस के फैलने के सही कारण का अब तक पता नहीं लग पाया है। यह वायरस का बड़ा ग्रुप है, जिसमें कुछ मरीज इससे बीमार हो रहे हैं, वहीं कुछ जानवरों में भी यह फैल रहा है। लेकिन कहा जा रहा है कि चीन के हुवेई प्रांत के वुहान शहर में इसके फैलने का बड़ा कारण यह था कि उन लोगों का कहीं न कहीं सी-फूड और जानवरों के बाजार से संबंध था। इसलिए यह कहा जा रहा है कि यह शायद जानवरों से आया है। इसका खौफ चीन के बाहर भी दिख रहा है। विशेषज्ञ की मानें, तो 25 हजार से ज्यादा लोग इस वायरस की चपेट में आ चुके हैं। चेतावनी दी जा रही है कि इसके 100 मामलों में से कम से कम दो लोगों की मौत हो सकती है। विश्व स्वास्थ्य संगठन पहले ही इसे इमर्जेंसी घोषित कर चुका है। 

क्या हैं लक्षण
डब्लूएचओ के मुताबिक, बुखार, खांसी, सांस लेने में तकलीफ इसके प्रमुख लक्षण हैं। इसके संक्रमण के फलस्वरूप बुखार, जुकाम, सांस लेने में तकलीफ, नाक बहना और गले में खराश जैसी समस्या उत्पन्न हो सकती है। बहुत हद तक इसके लक्षण भी सामान्य फ्लू की तरह ही होते हैं। जैसे तीव्र ज्वर, सर्दी, गले की खराश, ऐंठन आदि।

बचाव के उपाय
- खुद को इसके रोगियों से दूर रखें। अगर आप इसकी चपेट में आ जाएं तो दूसरों को इससे बचाएं।
- आपके आसपास इस रोग के फैलने की आशंका हो, तो नाक और मुंह को अच्छी तरह ढक कर रखें। एक बार इस्तेमाल करने के बाद रूमाल फेंक दें।
- खांसने और छींकने के बाद हाथ साबुन से धोएं।
- आंखों, मुंह और नाक को छूने से बचें, अन्यथा इसकी चपेट में आ सकते हैं।
- रोगी ऑफिस या भीड़ वाली जगह पर न जाएं।

बरतें जरूरी सावधानी
- अपनी नाक और मुंह को ढक कर रखें।
- खांसते या छींकते हुए अपनी नाक और मुंह को टिश्यू या मुड़ी कोहनी से ढकें।
- सार्वजनिक स्थानों, सार्वजनिक यातायात के साधनों में कुछ भी छूने या किसी से हाथ मिलाने से बचें।
- सब्जी और फलों को खाने से पहले अच्छी तरह धोएं।
- जिन देशों या जगहों पर इस बीमारी का प्रकोप फैला है, वहां यात्रा करने से परहेज करें।
- घर को साफ रखें और बाहर से आने वाली चीजों को भी साफ करके ही घर में लाएं।
- नॉनवेज, खासकर सी-फूड खाने से बचें, क्योंकि कोरोना वायरस के मामले अब तक सी-फूड के कारण ही सामने आए हैं।

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