व्रतियों और सूर्यदेव के बीच दीवार बनी धुंध

Malay, Last updated: Mon, 4th Nov 2019, 1:29 PM IST
छठ महापर्व पर राजधानीवासियों को सूर्य देवता के दर्शन नहीं हुए। हल्की रोशनी और सूर्योदय का समय होते ही अर्घ्य शुरू हो गया। गंगा घाट, तालाब और अपनी-अपनी छतों पर अर्घ्य के लिए खड़े हुए व्रती साढ़े छह बजे...
रविवार को धुंध के कारण सूरज के दर्शन समय पर नहीं हो पाए।

छठ महापर्व पर राजधानीवासियों को सूर्य देवता के दर्शन नहीं हुए। हल्की रोशनी और सूर्योदय का समय होते ही अर्घ्य शुरू हो गया। गंगा घाट, तालाब और अपनी-अपनी छतों पर अर्घ्य के लिए खड़े हुए व्रती साढ़े छह बजे तक इंतजार करते रहे। मगर लगातार धुंध (स्मॉग) बढ़ी और सूर्य देवता दिखे ही नहीं। रविवार सुबह करीब नौ बजे सूर्यदेव प्रकट हुए। इसके बाद भी धुंध और सूर्य में लुका-छिपी का खेल चलता रहा। इस मौसम में ऐसा होना मामूली वजह नहीं है। पटना के हालात दिल्ली जैसे होते जा रहे हैं। धुंध की मुख्य वजह हवा में प्रदूषण की मात्रा का बढ़ना है। पटना में सुबह से हवा में प्रदूषण की मात्रा अधिक होने के कारण धुंध छाई रही। छुट्टी का दिन होने के कारण दिनभर सड़कों पर गाड़ियां कम चलीं। मगर शहर धुंध के आगोश में था।

राजधानी में पिछले 24 घंटे में प्रदूषण के स्तर का औसत दिल्ली जैसा ही है। पीएम 2.5 की मात्रा 413 माइक्रोग्राम प्रतिघन मीटर पर बनी हुई है। अधिकतम 446 और न्यूनतम 360 पर है। राजधानी की हवा में प्रदूषण की मात्रा मानक से सात गुना तक ज्यादा है। आंखों में जलन और फेफड़ों से संबंधित बीमारियां बढ़ने लगी हैं। सांस रोगियों के लिए भी ऐसे हालात खतरनाक हैं। बढ़ती धुंध ने एक बार फिर सभी दावों की पोल खोल दी है। 

पटना में प्रदूषण की मात्रा सिर्फ एक वजह से नहीं बढ़ती। इसके अलग—अलग कारण हैं। हर व्यक्ति जबतक मिलकर इसे कम करने का प्रयास नहीं करेगा, हालात बदलने वाले नहीं हैं। जब तक तेज हवा नहीं चलती है, तब तक स्मॉग का सामना करना होगा। ठंड जैसे ही बढ़ेगी राहत मिलने लगेगी। 
-नवीन कुमार, वैज्ञानिक, बिहार राज्य प्रदूषण नियंत्रण पर्षद

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