हादसों का हाई-वे: सर्विस लेन पर बालू लदे ट्रैक्टरों के अतिक्रमण से आए दिन होती हैं दुर्घटनाएं

Malay, Last updated: Mon, 13th May 2019, 12:27 AM IST
पटना का बाइपास खून से लाल होता जा रहा है। कारण है सर्विस लेन का लापता हो जाना। अतिक्रमण और बालू लदे ट्रैक्टर के नीचे सर्विस लेन ढूंढने से भी नहीं मिलती। यहां दोनों तरफ भवन निर्माण सामग्री की दुकानों...
बाइपास पर ट्रैक्टर से टकराने के बाद पलट गया टैंकर।

पटना का बाइपास खून से लाल होता जा रहा है। कारण है सर्विस लेन का लापता हो जाना। अतिक्रमण और बालू लदे ट्रैक्टर के नीचे सर्विस लेन ढूंढने से भी नहीं मिलती। यहां दोनों तरफ भवन निर्माण सामग्री की दुकानों ने कब्जा जमा लिया है। हर दिन सिकुड़ते जा रहे बाइपास पर रोजाना दो से तीन हादसे होते हैं। रविवार को भी ऐसा ही हुआ। एलपीजी से भरा टैंकर ट्रैक्टर से टकराकर पलट गया। गैस के लीक होने से हड़कंप मच गया। आनन-फानन आसपास के 50 घरों को खाली भी करवाया गया। एक बड़ा हादसा होते-होते बचा। घटना में ट्रैक्टर और  टैंकर चालक दोनों गंभीर रूप से जख्मी हैं। इसके पहले भी ऐसे हादसे होने के बाद जिम्मेदारों की नींद एक-दो दिन के लिए टूटती है। देखना यह है कि क्या इस बार भी यह नींद टूटेगी या फिर हादसों का बाईपास यूं ही चलता रहेगा।

सर्विस लेन पर बालू लदे सैकड़ों वाहन
हिन्दुस्तान स्मार्ट ने हादसे के हाई-वे की पड़ताल की तो खुलासा हुआ कि बाइपास पर सैकड़ों ट्रैक्टर व पिकअप बालू लादकर खड़े रहते हैं। कुछ जगहों पर बालू की अनलोडिंग कराकर बिक्री की जा रही थी। चमनचक के पास बालू से लदे 26 ट्रैक्टर खड़े मिले। खेमनीचक मोड़ के समीप 35 ट्रैक्टर, रामकृष्णानगर मोड़ के पास 40 ट्रैक्टर और न्यू जगनपुरा मोड़ से लेकर एक वाहन कंपनी के शोरूम के आगे तक 60 से अधिक ट्रैक्टर खड़े मिले। 

टालमटोल करती रही पुलिस
जब हमारे रिपोर्टर ने एक जिम्मेदार नागरिक बनकर बाइपास से संबंधित थानों में इन ट्रैक्टरों की शिकायत की तो हर कहीं से निराशाजनक जवाब मिला। रिपोर्टर का एक ही सवाल था। 

रिपोर्टर- बाइपास के दोनों तरफ सर्विस लेन पर बालू लदे ट्रैक्टरों ने कब्जा जमा रखा है जिससे बाइपास सिकुड़ गया है। इसके कारण यहां आए दिन हादसे होते हैं। आप लोग कुछ कार्रवाई क्यों नहीं करते?
गर्दनीबाग थानेदार का जवाब: जवानों की कमी है। हम चाहकर भी कुछ नहीं कर सकते।
रामकृष्ण नगर थानेदार का जवाब: ट्रैक्टर व पिकअप वालों से समस्या तो है, लेकिन बेहतर होगा कि आप ट्रैफिक वालों को बोलिए। हम इसमें कुछ नहीं कर सकते। 
एसपी ट्रैफिक का जवाब: आप ही बताइए कि हम क्या कर सकते हैं। यह समस्या तो कई दिनों से है। 

सर्विस लेन पर मोटी परत
न्यू बाइपास रोड पर बालू की मोटी परत भी दुर्घटना की प्रमुख वजहों में एक है। स्थिति यह है कि जगह-जगह बालू जमा होने से बाइक फिसल रही हैं। डिवाइडर भी पूरी तरह बालू की परत से ढक चुके हैं। सड़क के किनारे भी बालू के ढेर लगे हैं। ऐसा इसलिए हो रहा है, क्योंकि बालू लदे ट्रैक्टर व पिकअप तेज गति से चलते हैं और इन पर लदा बालू ढका नहीं रहता। इससे बालू गिरकर सड़क पर जमा होता रहता है। सर्विस लेन की हालत तो खस्ताहाल है। यहां कई जगह पर सर्विस लेन 20 फीट की जगह पांच फीट ही बची है। इसमें बालू की परत संग बालू का ढेर जमा है।जैसे गोली चली
खेमनीचक में अचानक गोली जैसी आवाज हुई। लोगों ने देखा तो भारत पेट्रोलियम की एलपीजी से भरी एक टैंकर पलटी हुई थी। घटना स्थल पर मौजूद प्रत्यक्षदर्शियों का कहना है कि टैंकर तेज रफ्तार में अपनी साइड से जा रही थी। इसी लेन में चल रहे ट्रैक्टर में जोरदार टक्कर मारते हुए वह बाइपास केनीचे खेमनीचक रोड में पलट गई।

बाइपास पर हमेशा उड़ती रहती है धूल
न्यू बाइपास रोड पर जहां बालू के ट्रैक्टर खड़ेे रहते हैं, उसके आसपास अक्सर धूल उड़ती रहती है। सुबह व शाम के समय रामकृष्णा नगर मोड़ के पास का पूरा इलाका धूल की चपेट में रहता है। यहां कई लोग मुंह ढके आते-जाते दिखे। धूल के चलते मास्क पहनना अब इनकी मजबूरी है। बाइपास के सर्विस लेन के दुकानदार विनोद पाठक बताते हैं कि दक्षिणी इलाकों में धूल व बालू से सब परेशान हैं।

यहां खड़े रहते हैं ट्रैक्टर 
अनीसाबाद मोड़, बेउर मोड़, अल्कापुरी मोड़, सिपारा पुल के पास, रामकृष्णा नगर मोड़, जगनपुरा मोड़, नंदलाल छपरा, हनुमाननगर मोड़, 90 फीट मोड़, पहाड़ी पर, जीरोमाइल, खेमनीचक मोड़, चमनचक, न्यू जगनपुरा बाईपास मोड़। 

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