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बिटकॉइन बढ़ा रहा कार्बन का बोझ

बिटकॉइन (आभासी मुद्रा) के इस्तेमाल से दुनियाभर में 22 मेगाटन कार्बन का उत्सर्जन हो रहा है। यह उत्सर्जन लास वेगास और वियना जैसे शहरों के कार्बन उत्सर्जन से कहीं ज्यादा है। एक हालिया शोध में यह दावा...

बिटकॉइन बढ़ा रहा कार्बन का बोझ
बर्लिन। एजेंसीTue, 18 Jun 2019 09:03 PM
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बिटकॉइन (आभासी मुद्रा) के इस्तेमाल से दुनियाभर में 22 मेगाटन कार्बन का उत्सर्जन हो रहा है। यह उत्सर्जन लास वेगास और वियना जैसे शहरों के कार्बन उत्सर्जन से कहीं ज्यादा है। एक हालिया शोध में यह दावा किया गया है। जर्मनी की टेक्निकल यूनिवर्सिटी ऑफ म्यूनिख के शोधकर्ताओं ने बिटकॉइन के कार्बन फुटप्रिंट पर गहन अध्ययन किया। 

एक बिटकॉइन के ट्रांसफर का संचालन करने और उसे वैध बनाने के लिए एक गणित की पहेली को हल करना पड़ता है। यह पहेली कंप्यूटर के ग्लोबल बिटकॉइन नेटवर्क में सुलझानी पड़ती है। इस नेटवर्क से कोई भी जुड़ सकता है और पहेली को सुलझाकर इनाम जीत सकता है। इस पूरी प्रक्रिया में इस्तेमाल होने वाली कंप्यूटिंग क्षमता को बिटकॉइन माइनिंग कहते हैं। यह प्रक्रिया पिछले कुछ सालों में तेजी से बढ़ी है। रिपोर्ट के अनुसार 2018 में बिटकॉइन माइनिंग में चार गुना उछाल आया है। बिटकॉइन में हुई बढ़ोतरी से वैज्ञानिकों को यह चिंता सता रही है कि क्या इससे पृथ्वी पर कार्बन का बोझ और बढ़ रहा है। बिटकॉइन माइनिंग के कार्बन फुटप्रिंट को जानने के लिए कई शोध किए गए हैं।  

एशियाई देशों में हो रही बिटकॉइन नेटवर्किंग

टीम ने बिटकॉइन नेटवर्क द्वारा की जा रही ऊर्जा की खपत को मापने से शुरुआत की। शोधकर्ताओं के अनुसार नवंबर 2018 में बिटकॉइन ने सालभर में 46 टेरावाट आवर ऊर्जा का इस्तेमाल किया। बिटकॉइन माइनिंग के लाइव ट्रैकिंग डाटा से शोधकर्ताओं को पता चला कि आखिर इतनी ऊर्जा की खपत से कितने कार्बन का उत्सर्जन हो रहा है। इस डाटा से शोधकर्ताओं ने पता लगाया कि 68 फीसदी बिटकॉइन नेटवर्क कंप्यूटिंग एशियाई देशों में हो रही थी, 17 फीसदी  नेटवर्क कंप्यूटिंग यूरोपीय देशों में हो रही थी और 15 फीसदी उत्तर अमेरिकी देशों में। 

इसे खत्म करना जरूरी
इन सभी परिणामों को फिर शोधकर्ताओं ने उन विभिन्न देशों में ऊर्जा पैदा करने से होने वाले काबर्न उत्सर्जन से जोड़कर देखा। शोध के अनुसार बिटकॉइन सिस्टम का कॉर्बन फुटप्रिंट 22 से 22.9 मेगाटन प्रति वर्ष है। शोधकर्ता स्टॉल ने कहा, बिटकॉइन का कार्बन फुटप्रिंट इतना ज्यादा है कि इसे खत्म करने के बारे में चर्चा की जानी चाहिए।  

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