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विश्व गठिया दिवस: अपनी हड्डियों को जवान रहने दें

आज की बदलती जीवनशैली, मोटापा, गलत खानपान के कारण गठिया यानी अर्थराइटिस रोग युवाओं को भी अपनी चपेट में ले रहा है। पिछले बीस साल में इसके मरीजों की संख्या में करीब पचास प्रतिशत की वृद्धि हुई है। भारत...

विश्व गठिया दिवस: अपनी हड्डियों को जवान रहने दें
पटना । स्मार्ट रिपोर्टरSat, 12 Oct 2019 12:45 AM
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आज की बदलती जीवनशैली, मोटापा, गलत खानपान के कारण गठिया यानी अर्थराइटिस रोग युवाओं को भी अपनी चपेट में ले रहा है। पिछले बीस साल में इसके मरीजों की संख्या में करीब पचास प्रतिशत की वृद्धि हुई है। भारत में यह रोग मधुमेह के बाद सबसे तेजी से फैल रहा है। सिर्फ भारत की बात करें तो यहां लगभग 15 प्रतिशत लोगों में गठिया रोग पाया जाता है।

बता दें कि हर साल 12 अक्तूबर को गठिया दिवस मनाया जाता है। पहली बार दुनियाभर में विश्व गठिया दिवस (वर्ल्ड अर्थराइटिस डे) 12 अक्तूूबर 2013 को मनाया गया। इस अवसर पर संधिवात और गठिया जैसी बीमारियों से पीड़ित लोगों की मदद के लिए कई कार्यक्रम आयोजित किए गए। विश्व गठिया दिवस चिकित्सा समुदाय, मरीजों और आम जनता के बीच इस बीमारी के बारे में जागरुकता फैलाने के उद्देश्य से मनाया जाता है। गौरतलब है कि गठिया को संधि शोथ या जोड़ों में दर्द के रोग के रूप में भी जाना जाता है।

गठिया के तहत रोगी के एक या कई जोड़ों में दर्द, अकड़न या सूजन आ जाता है। इस रोग में जोड़ों में गांठें बन जाती हैं और शूल चुभने जैसी पीड़ा होती है। नाड़ी की गति तेज हो जाती है, ज्वर होता है, वेगानुसार संधिशूल में भी परिवर्तन होता रहता है, लेकिन कुछ सावधानी बरत कर ऐसे असहनीय दर्द और गठिया जैसी बीमारी से मुक्ति पा सकते हैं। शहर में इस रोग के प्रति जागरूकता के लिए कई कार्यक्रम आयोजित किये  जाएंगे, जिसमें विशेषज्ञ चिकित्सक लोगों को इस रोग से बचाव के बारे में विस्तार से जानकारी देंगे। 

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