फोटो गैलरी

Hindi Newsबीमार अस्पताल: इस दर्द की दवा नहीं

बीमार अस्पताल: इस दर्द की दवा नहीं

अगर आप सेहत को लेकर सरकार के भरोसे हैं तो यह आपकी सबसे बड़ी भूल है। पिछले दिनों राजधानी के दो शहरी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों की स्मार्ट टीम ने जायजा लिया तो परेशान करने वाले नजारे दिखे। अस्पताल में...

बीमार अस्पताल: इस दर्द की दवा नहीं
पटना स्मार्ट टीमSat, 04 May 2019 01:22 AM
ऐप पर पढ़ें

अगर आप सेहत को लेकर सरकार के भरोसे हैं तो यह आपकी सबसे बड़ी भूल है। पिछले दिनों राजधानी के दो शहरी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों की स्मार्ट टीम ने जायजा लिया तो परेशान करने वाले नजारे दिखे। अस्पताल में डॉक्टर साहब तो थे ही नहीं, बाकी अन्य कोई स्टाफ भी नहीं था। 

दृश्य-1: कमरा तो खुला था, पर डॉक्टर साहब अपनी कुर्सी पर नहीं थे
कंकड़बाग प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में दोपहर दो बजे हल्की चहल-पहल है। यहां पल्स पोलिया टीकाकरण से संबंधित महिलाएं बैठी हैं। डॉक्टर साहब का कमरा खुला है, परंतु अपनी कुर्सी से वह गायब हैं। अस्पताल में अन्य कोई और स्टाफ भी नहीं है। अब ऐसा रवैया रहेगा तो भला मरीज क्या जान गंवाने आएगा। हर ओर नजर दौड़ा लिया गया, पर कोई मरीज भी नहीं दिखा। दूसरी ओर, बगल वाले कमरे में पल्स पोलियो अभियान से जुड़े  कुछ लोग जरूर मौजूद हैं। पूछने पर बताया कि डॉक्टर साहब चले गए हैं, अब कल देखेंगे। स्वास्थ्य केंद्र के प्रभारी डॉक्टर को जब फोन लगाया गया तो कोई जवाब नहीं मिला। वहीं मेडिकल ऑफिसर ने फोन पर बताया कि वे छुट्टी पर हैं। 

जर्जर भवन और बीमार व्यवस्थाओं के बूते स्वास्थ्य सुविधाएं देने का दावा
कंकड़बाग टेम्पो स्टैंड से कुछ आगे राम कृष्ण द्वारका कॉलेज के रास्ते में प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र पड़ता है। बताया जाता है कि पहले यह कंकड़बाग डिस्पेंसरी के नाम से जाना जाता था। 2015 में डिस्पेंसरी को शहरी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में बदल दिया गया। इसलिए इसका नाम भी बदलकर कंकड़बाग पीएचसी हो गया। यह 1974 से ही हाउसिंग बोर्ड के भवन में चल रहा है। देखरेख के अभाव में यह भवन खंडहर में तब्दील हो गया है। खिड़की और दरवाजों का हाल भी कुछ ठीक नहीं। कमरे तो यहां 6 हैं, पर काम के केवल दो। इन दोनों कमरों की भी स्थिति ज्यादा अच्छी नहीं। साफ-सफाई के नाम पर कुछ दिख नहीं रहा था। अस्पताल में घुसते ही सीढ़ियों पर गंदगी फैली मिली। कमरों का हाल कबाड़ जैसा था। शौचालय की तो पूछिए मत। छत ऐसी कि कब नीचे आ गिरे।

दृश्य-2: शहरी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र कमला नेहरू नगर 
कमला नेहरू नगर स्थित शहरी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र तो लगता है खुलने से पहले ही बंद हो गया था। दरवाजे पर बड़ा सा ताला लटक रहा था। जबकि घड़ी अभी दोपहर के एक बजा रही थी। यहां ओपीडी का समय दोपहर 12 से रात 8 बजे का है। केंद्र पर पल्स पोलियो अभियान से जुड़ीं तीन महिलाएं मौजूद थीं। उनसे पूछने पर पता चला कि अभी डॉक्टर साहब नहीं आए हैं। एक बजे के बाद ही आते हैं।  बोर्ड पर प्रभारी चिकित्सा डॉ. सैयद बरकतुल्लाह व चिकित्सा पदाधिकारी अंशकालीन डॉ. आदित्य झा का नाम लिखा था। डॉ. सैयद बरकतुल्लाह को कॉल किया गया। उन्होंने दो टूक कहा- अब मैं वहां का इंचार्ज नहीं। प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र का संचालन प्रमोद कुमार निराला के घर में हो रहा है।

हिन्दुस्तान का वॉट्सऐप चैनल फॉलो करें