चौबेपुर के अजांव निवासी झूला देवी पिछले 16 वर्षों से महिलाओं को जहां आर्थिक रूप से सशक्त कर रही हैं, वहीं, किशोरियों के साथ होने वाली घरेलू व लैंगिक हिंसा के खिलाफ विभिन्न मंचों पर आवाज उठा रही हैं। स्नातक उत्तीर्ण झूला गांव से जरूर पली व बढ़ी हैं, लेकिन उन्होंने अपने सोच व कार्यों से इलाके में महिला सशक्तीकरण का बड़ा चेहरा बनी हैं। उन्होंने अब तक करीब 1100 महिलाओं को सशक्त किया है। इसमें 850 से ज्यादा महिलाओं को स्वयं सहायता समूह के जरिए छोटे-छोटे रोजगार से जोड़ा। झूला बताती हैं कि किशोरियों की मदद के लिए कई बार उनके परिवार वालों को विरोध भी सहना पड़ा। लेकिन आज वे किशोरियां सिलाई, बुनाई व हस्तशिल्प की विभिन्न विधाओं में महारत हासिल कर चुकी हैं। झूला का कहना है कि ग्रामीण इलाकों के महिलाओं को आज भी घरेलू हिंसा का शिकार होना पड़ता है, लेकिन लोक लाज की डर से आगे नहीं आती हैं। इन्हें आगे आना पड़ेगा।
अगली स्टोरी