फोटो गैलरी

Hindi News हिन्दुस्तान मिशन शक्ति वाराणसीमिशन नारी शक्ति: चंदौली में डॉ. सरिता ने विधवाओं के सम्मान की लड़ी लड़ाई

मिशन नारी शक्ति: चंदौली में डॉ. सरिता ने विधवाओं के सम्मान की लड़ी लड़ाई

चहनियां ब्लॉक के जगन्नाथपुर गांव की डॉ. सरिता मौर्या नारी शक्ति मिशन चलाकर महिलाओं को स्वावलंबी बना रही हैं। खासकर रूढ़िवादी विचाराधारा के तहत...

चहनियां ब्लॉक के जगन्नाथपुर गांव की डॉ. सरिता मौर्या नारी शक्ति मिशन चलाकर महिलाओं को स्वावलंबी बना रही हैं। खासकर रूढ़िवादी विचाराधारा के तहत...
1/ 3चहनियां ब्लॉक के जगन्नाथपुर गांव की डॉ. सरिता मौर्या नारी शक्ति मिशन चलाकर महिलाओं को स्वावलंबी बना रही हैं। खासकर रूढ़िवादी विचाराधारा के तहत...
चहनियां ब्लॉक के जगन्नाथपुर गांव की डॉ. सरिता मौर्या नारी शक्ति मिशन चलाकर महिलाओं को स्वावलंबी बना रही हैं। खासकर रूढ़िवादी विचाराधारा के तहत...
2/ 3चहनियां ब्लॉक के जगन्नाथपुर गांव की डॉ. सरिता मौर्या नारी शक्ति मिशन चलाकर महिलाओं को स्वावलंबी बना रही हैं। खासकर रूढ़िवादी विचाराधारा के तहत...
चहनियां ब्लॉक के जगन्नाथपुर गांव की डॉ. सरिता मौर्या नारी शक्ति मिशन चलाकर महिलाओं को स्वावलंबी बना रही हैं। खासकर रूढ़िवादी विचाराधारा के तहत...
3/ 3चहनियां ब्लॉक के जगन्नाथपुर गांव की डॉ. सरिता मौर्या नारी शक्ति मिशन चलाकर महिलाओं को स्वावलंबी बना रही हैं। खासकर रूढ़िवादी विचाराधारा के तहत...
हिन्दुस्तान टीम,वाराणसीWed, 20 Jan 2021 03:03 AM
ऐप पर पढ़ें

चंदौली। निज संवाददाता

चहनियां ब्लॉक के जगन्नाथपुर गांव की डॉ. सरिता मौर्या नारी शक्ति मिशन चलाकर महिलाओं को स्वावलंबी बना रही हैं। खासकर रूढ़िवादी विचाराधारा के तहत विधवा महिलाओं को ग्रामीण अंचल में तिरस्कार रोकने के प्रभावी अभियान चलाने का काम कर रही है। उनकी पहल पर गांव-गांव महिलाओं का आत्मसम्मान बढ़ने के साथ ही आत्मनिर्भर बरनने की भी प्रेरणा मिल रही है। इलाहाबाद विश्वविद्यालय से पीएचडी करने के बाद डॉ. सरिता मौर्या बीटीसी विभाग में कार्यरत है। उनका कहना है कि 21वीं सदी में भले ही मानव चांद तक पहुंच गया है, लेकिन प्राचीन रूढ़िवादी विचाराधारा अब तक समाप्त नहीं हो सकी है। देश से सती प्रथा तो समाप्त हो चुका है, लेकिन विधवा महिलाओं के प्रति तिरस्कार की भावना पूरी तरह खत्म नहीं हुई है। खासकर ग्रामीण व अशिक्षित परिवारों में हालात बहुत ही दयनीय है। डॉ. सरिता मौर्या ने छह साल पहले महिला स्वावलंन व आत्म-सम्मान का अभियान चलाया। गांव-गांव घूमकर घर-घर महिलाओं को जागरूक करने का काम करती है। पिछले साल जनवरी में चहनियां में विधवा सम्मान समारोह का आयोजन कर नई पहल शुरू की। इसके अलावा गरीब परिवार की महिलाओं को स्वरोजगार से जोड़ने का भी लगातार प्रयास कर रही हैं।

नाम : डॉ. सरिता मौर्या।

काम : समाजसेवा

निवासी : जगन्नाथपुर, चहनियां।

नारी अधिकार के लिए संघर्ष जारी

जिले के पहाड़ी क्षेत्र नौगढ़ ब्लॉक के नर्वदापुर गांव की प्यारी देवी महिला हक व अधिकार के लिए लंबे समय से संघर्ष कर रही हैं। महिलाओं को घर-घर जाकर उनके सामाजिक व कानूनी अधिकार व सरकारी योजनाओं की जानकारी देती हैं। इसके साथ ही समाज में महिला हिंसा रोकने में भी अग्रणी रहती है। ग्रामीण अंचल में रहने के बाद भी प्यारी देवी के मन में नारी शक्ति को जागृत करने की इच्छा हुई। उन्होंने वनांचल के अधिकांश गांवों में महिलाओं के अशिक्षित होने के साथ ही जागरुकता की कमी का एहसास किया। इससे महिलाओं के साथ घरेलू हिंसा भी देखने को मिला। उन्होंने महिलाओं को स्वावलंबी व आत्मनिर्भर बनाने की पहल की। इसके लिए पहले महिलाओं को आर्थिक आजादी दिलाने का काम किया। गांव-गांव अब तक लगभग 200 से अधिक महिलाओं को स्वयं समूह से जोड़कर प्रशिक्षण दिलाने व स्वरोजगार दिलाने का काम किया। इसके बाद अशिक्षित महिलाओं को बेसिक शिक्षा भी दिलाने का काम कर रही है। इससे महिलाएं जरूरी कागजात पढ़ने, थोड़ा बहुत लिखने और खुद का हस्ताक्षर करने के काबिल बन रही हैं।

नाम : प्यारी देवी।

काम : नारी सशक्तीकरण

पता : नर्वदापुर, ब्लॉक नौगढ़।

बेटी शिक्षा व सुरक्षा बनाया मिशन

नौगढ़ के सुदूर गांवों में मूलभूत सुविधाओं का अभाव है। इन विपरीत परिस्थितियों के बावजूद सरिता देवी बेटी शिक्षा व सुरक्षा का अभियान चलाकर दशा व दिशा बदलने में जुटी है। नौगढ़ ब्लॉक के बटौउवा गांव की सरिता देवी का मानना है कि शिक्षा ही एकमात्र वह ज्योति है, जिससे समाज में व्याप्त अंधकार को मिटाया जा सकता है। उन्होंने गांव-गांव टोली बनाकर गरीब परिवार की बेटियों को शिक्षित बनाने का मुहिम छेड़ा है। घर-घर जाकर अभिभावकों से मिलकर बेटियों को स्कूल भेजने के लिए प्रेरित कर रही हैं। अब तक 50 से अधिक बेटियों का स्कूलों में दाखिला कराने के साथ ही नि:शुल्क शिक्षण सामग्री भी मुहैया करा रही हैं। सरिता देवी स्वयं अपने गांव के प्राथमिक विद्यालय की एसएमसी अध्यक्ष बनी और शिक्षा की गुणवत्ता में काफी सुधार लाने का काम किया। उनकी काबिलियत व जुनून को देखते हुए राजकीय इंटर कॉलेज नौगढ़ में अभिभावक शिक्षक संघ की उपाध्यक्ष चुनी गई। इसके अलावा ग्रामीण महिलाओं को पशुपालन करने और रोजगार से जोड़ने का भी काम कर रही हैं। उनकी पहल से गांव-गांव बेटियों जहां शिक्षित हो रही हैं, तो वहीं महिलाओं को स्वरोजगार मिल रहा है।

नाम : सरिता देवी।

काम : साक्षरता मिशन

पता : बटौउवा, ब्लॉक नौगढ़।

हिन्दुस्तान का वॉट्सऐप चैनल फॉलो करें