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हिन्दुस्तान मिशन शक्तिः कानपुर में अजन्मी बेटियों को दुनिया में लाने का काम कर रहीं ज्योति

कहते हैं कि कलाकार काफी संवेदनशील होता है। अपनी भावनाओं को शब्द के जरिए कविताओं से व्यक्त करने और कागजों पर चित्र उकेरते-उकेरते इंदिरा नगर की ज्योति वर्मा कब नवजात बच्चियों के पैर पूजने लगीं, उन्हें...

हिन्दुस्तान मिशन शक्तिः कानपुर में अजन्मी बेटियों को दुनिया में लाने का काम कर रहीं ज्योति
प्रमुख संवाददाता,कानपुरSun, 29 Nov 2020 02:26 AM
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कहते हैं कि कलाकार काफी संवेदनशील होता है। अपनी भावनाओं को शब्द के जरिए कविताओं से व्यक्त करने और कागजों पर चित्र उकेरते-उकेरते इंदिरा नगर की ज्योति वर्मा कब नवजात बच्चियों के पैर पूजने लगीं, उन्हें पता ही नहीं चला। अजन्मी बेटियों की मौत से अंदर ही अंदर घायल होती ज्योति ने उन्हें बचाने के लिए अलग रास्ता चुना, जिसकी बदौलत आज 100 से ज्यादा बच्चियां घरों में किलकारियां मार रही हैं।
सीएसजेएमयू विवि में नौकरी कर रहीं ज्योति खबरों से जुड़ी रहती हैं। उन्हें भ्रूण हत्या की खबरें काफी आहत करती हैं। वह जानती हैं कि इसके लिए समाज की सोच बदलनी होगी। इसीलिए वर्ष 2014 में जिला प्रशासन की अनुमति के बाद उन्होंने बगदौधी बांगर गांव को गोद लिया। यहां 1000 बेटों पर केवल 777 बेटियां थीं। वहां गईं तो लोग बेटियों की कम संख्या के तरह-तरह के बहाने बनाते थे। उन्होंने बेटी के जन्म पर ज्योति प्रकाशोत्सव पर्व मनाने की परंपरा शुरू की। इसका असर ये हुआ कि एक साल के अंदर उस गांव में 22 बच्चियों ने जन्म लिया। सफलता देख इस प्रथा को शहर के गरीब वर्ग के बीच लाईं। शिवली के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में एक साथ 26 नवजात बच्चियों के पैर पूजे। ये पर्व वह हर साल दोनों नवरात्रि को मनाती हैं। 
गरीब के घर में बिटिया का प्रकाशोत्सव
जिन गरीब कन्याओं के घर में कुछ नहीं हैं, उनके घर बिटिया जन्म लेने पर वह पांच-छह महिलाओं के साथ जाती हैं। उनके प्रोत्साहन के लिए घर में रंगोली सजाती हैं। मंगल गीत गाती हैं। रक्षासूत्र बांधती हैं। शपथ ग्रहण समारोह कराती हैं। बेटी बचाओ का संकल्प पत्र भरवाती हैं। इस रस्म से उन गरीबों को बेहद गर्व का अनुभव होता है। इसके बाद भी वह उन बच्चियों के परिवारों के संपर्क में रहती हैं। उन्हें सरकारी योजनाओं की जानकारी देती हैं। उनके खाते खुलवाती हैं। सरकारी मदद से जुड़ी योजनाओं में उनकी मदद करती हैं। 
सुषमा स्वराज कर चुकी हैं सम्मानित
बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ अभियान के लिए उन्हें यूपी सरकार से मलाला अवार्ड मिल चुका है। केंद्र से स्वर्गीय सुषमा स्वराज विशिष्ट महिला सम्मान से नवाज चुकी हैं। ज्योति कीर्ति श्री सम्मान और माधव राव सिंधिया अवार्ड भी पा चुकी हैं। 

 

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