प्राचीन इतिहास से एमए करने वाली रानी मिश्रा खेती करने का तरीका बदलकर किसानों को आत्मनिर्भर बनाने का अभियान चला रही हैं। वह किसानों को रासायनिक उर्वरक का प्रयोग न करने की सलाह देने के साथ ही वर्मी कंपोस्ट से फसल पैदा करने का तरीका भी बता रही हैं। उनकी सलाह पर दर्जनों किसानों ने अपनी फसल में रासायनिक उर्वरक का प्रयोग करना बंद भी कर दिया है। इससे किसानों के उत्पादन की कीमत भी अधिक मिल रही है।
पट्टी इलाके के रेड़ी गारापुर गोविंदपुर की रहने वाली रानी मिश्रा ने फार्मर प्रोड्यूसर ऑर्गेनाइजेशन बनाया है। इसमें उनके साथ कई महिलाएं जुड़ी हैं। वह किसानों को जागरूक कर वर्मी कंपोस्ट खाद बनवा रही हैं। उनकी सलाह पर सैफाबाद के गोविंद सिंह, बहुता के सनी सिंह, सैफाबाद के यूसुफ खान सहित कई किसानों ने वर्मी कंपोस्ट को पूरी तरह से अपना लिया है। उन लोगों ने अपनी फसल में रासायनिक उर्वरक का उपयोग बंद कर दिया है। रानी बताती हैं कि वह किसानों को वर्मी कंपोस्ट बनाने के लिए मौके पर जाकर पूरी जानकारी देती हैं और ब्लॉक से केंचुआ भी उपलब्ध कराती हैं। उन्होंने बताया कि जो किसान सिर्फ वर्मी कंपोस्ट से ही अपनी फसल उगा रहे हैं वह रासायनिक कीटनाशक का भी उपयोग नहीं कर रहे हैं। उन्होंने बताया कि कीटनाशक भी नीम की पत्तियों से तैयार हो जाता है। फसल में इसका उपयोग बेहद कारगर हो रहा है। वर्मी कंपोस्ट से तैयार फसल के लिए इलाके में जागरूकता बढ़ रही है। बिना रासायनिक उर्वरक के प्रयोग के फसल तैयार करने वाले लोगों को बाजार के भाव से अधिक कीमत मिल रही है।
नाम : रानी मिश्रा
निवासी: रेड़ी गारापुर, गोविंदपुर, पट्टी
काम: वर्मी कंपोस्ट बनाने को जागरूकता अभियान