हिन्दुस्तान मिशन शक्ति प्रयागराज : कुछ हटकर करें और अपनी अलग पहचान बनाएं
हिन्दुस्तान मिशन शक्ति के तहत प्रयागराज में सोमवार को एसएस खन्ना गर्ल्स डिग्री कॉलेज में संवाद का आयोजन किया गया। जिसमें शामिल शख्सियतों ने अपने...
प्रयागराज। वरिष्ठ संवाददाता
जीवन सभी जीते हैं, लेकिन पहचान वही बनाते हैं जो कुछ अलग करते हैं। हमें पुरुषों जैसा नहीं बनना है, हम स्त्रियां हैं और स्त्री बनकर ही अपनी पहचान बनानी है। यह बात सोमवार को सदनलाल सांवलदास खन्ना (एसएस खन्ना) गर्ल्स डिग्री कॉलेज में हिन्दुस्तान मिशन शक्ति के तहत आयोजित संवाद में सामने आईं। संवाद में मंच पर मौजूद शख्सियतों ने अपने विचार रखे तो तमाम छात्राओं ने बड़ी बेबाकी से अपने मन की बात सबके सामने रखी। इस वैचारिक आदान प्रदान में तय हुआ कि अब कुछ करने का वक्त आ चुका है।
महाविद्यालय की छात्रा सादिया सिद्दिकी ने ''घर भी हमारा है...'' कविता के जरिए यह बताया कि आज की महिलाएं, महिलाओं की सबसे बड़ी समर्थक के रूप में सामने आ रही हैं। छात्रा ने नारीवाद और महिला सशक्तिकरण में अंतर पर सवाल किया। मिशन शक्ति के तहत चयनित आयुर्वेद चिकित्सक डॉ. श्वेता सिंह ने बताया कि नारीवाद और महिला सशक्तिकरण में बहुत फर्क है। नारीवाद एक व्यापक शब्द है, लेकिन इसका विस्तार है महिला सशक्तिकरण। छात्रा शिवानी त्रिपाठी ने पूछा कि महिला सशक्तिकरण की बात लंबे समय से हो रही है, लेकिन बदलाव कहां पर आया। इस पर चयनित वक्ताओं ने बताया कि बदलाव धीरे-धीरे आएगा। छात्रा दिव्या ओझा ने छेड़खानी पर सवाल किया, छात्रा सृष्टि कुशवाहा ने शरीर और स्वास्थ्य पर सवाल पूछा, छात्रा तोशिफा ने लड़कों को भी शिक्षित करने की बात उठाई, वंशिका ने पढ़ाई की जरूरी बताया।
इस पर मिशन शक्ति के लिए चयनित मोमी डे और वर्षा श्रीवास्तव ने बताया कि इन सभी बातों के लिए संयुक्त प्रयास की जरूरत है। बदलाव धीरे-धीरे होगा, मिलकर काम करें और कुछ हटकर करने का प्रयास करें। छात्रा प्रियंवदा त्रिपाठी ने पूछा कि घर में महिलाओं को निर्णय लेने क्यों नहीं दिया जाता। इस पर मंचासीन शख्सियतों ने बताया कि इस पर देखना चाहिए कि निर्णय क्या है। कार्यक्रम की शुरुआत कॉलेज की प्राचार्य डॉ. लालिमा सिंह ने की। उन्होंने अतिथियों का स्वागत कर हिन्दुस्तान मिशन शक्ति की रूपरेखा छात्राओं के सामने रखीं। कार्यक्रम का संचालन शिक्षिका डॉ. शुभ्रा मालवीय ने किया। कॉलेज की शिक्षिका डॉ. विनीता मिश्रा और डॉ. श्रद्धा राय ने मिशन शक्ति अभियान की जरूरत को समझाया। अंत में धन्यवाद शिक्षक डॉ. हरीश सिंह ने दिया।