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हिन्दुस्तान मिशन शक्ति : विचारों की मजबूती से ही नारी सशक्तिकरण संभव

गाजियाबाद | संवाददाता आपके अपने अखबार हिंदुस्तान ने बुधवार को जीटी रोड स्थित...

हिन्दुस्तान मिशन शक्ति : विचारों की मजबूती से ही नारी सशक्तिकरण संभव
हिन्दुस्तान टीम,एनसीआऱThu, 18 Feb 2021 03:00 AM
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गाजियाबाद | संवाददाता

आपके अपने अखबार हिंदुस्तान ने बुधवार को जीटी रोड स्थित शंभू दयाल डिग्री कॉलेज में हिंदुस्तान मिशन शक्ति स्कूल संवाद के दसवें कार्यक्रम का आयोजन किया। इस दौरान वक्ताओं ने कहा कि विचारों की मजबूती से ही नारी सशक्तिकरण संभव है।

अलग-अलग क्षेत्र में अग्रणी भूमिका निभा रहीं महिलाओं ने छात्राओं से संवाद कर कहा कि अच्छा सोचिये, प्रयास कीजिये और सशक्त बनिये। इसके लिए केवल सोच बदलने की जरूरत है। साथ ही निर्णय लेने से पहले अच्छे-बुरे परिणाम का आंकलन करें, उसके बाद निर्णय लें। कार्यक्रम में छात्रा प्रिंसी त्यागी ने कहा कि सशक्तिकरण का मतलब नारी की क्षमता से है। छात्रा प्रिंसी त्यागी ने इतिहास में नाम रचने वाली महिलाओं के संघर्ष की कहानी सुनाई। उन्होंने कहा सभी वर्गों में महिला सशक्तिकरण को बढ़ावा देने की जरूरत है, तभी महिलाएं आगे बढ़ सकेंगी। हमें सोच बदलकर समाज से भेदभाव को दूर करना होगा।

सहनशक्ति से ही नारी आज हर क्षेत्र में आगे बढ़ रही हैं। छात्रा रश्मि ने कहा कि अगर महिलाओं को बराबर का दर्जा जाए तो देश विकसित होगा। आज भी महिलाओं को सशक्त होने के बावजूद उन्हें खुद के फैसले नहीं लेने दिया जाता। महिलाओं को केवल कर्म और धर्म के बीच बांध रखा है। छात्रा वीना राठौर ने कहा कि ग्रामीण क्षेत्रों में महिलाएं खेती में लगी हैं। महिलाओं ने खेती के साथ घर परिवार को भी संभाल रखा है। लेकिन महिलाओं को नौकरी के क्षेत्र में नहीं जाने दिया जाता। इससे नारी सशक्तिकरण की आवाज को दबाया जा रहा है। कार्यक्रम में महिला कल्याण अधिकारी नेहा वालिया ने छात्राओं को योजना से जुड़ी जानकारी दी। उन्होंने कहा कि सरकार बालिकाओं और महिलाओं को सशक्त करने के लिए कई कार्यक्रम चला रही है। लेकिन योजनाओं की कम जानकारी होने के कारण वह लाभ नहीं ले पाती हैं। इसके लिए हमें शिक्षित और जागरूक होना जरूरी है। एसोसिएट प्रोफेसर कमलेश भारद्वाज ने कहा कि समाज में प्रतिभा दबी हुई है उसे उभारने की जरूरत है। कॉलेज की प्राचार्या डॉ. मंजू गोयल ने हिंदुस्तान के कार्यक्रम की सराहना करते हुए आभार व्यक्त किया। उन्होंने कहा कि छात्राएं इस कार्यक्रम के माध्यम से मंचासीन अतिथियों से प्रेरणा लेकर आगे बढ़ेंगी और उपलब्धि हासिल करेंगी। समय के साथ साथ बदलाव हुए हैं। निर्णय लेने से पहले अच्छ और बुरे परिणामों का आंकलन करना जरूरी है। उसके बाद ही निर्णय लें। छात्रा निशा सैफी ने कार्यक्रम का शुभारंभ मां शारदे की वंदना से किया। कार्यक्रम का संचालन एसोसिएट प्रोफेसर डॉ. बिंदु कर्णवाल ने किया।

अच्छी सोच और प्रयास करने से सशक्त बन सकेंगे: लक्ष्मी

मुख्य कोषागार अधिकारी लक्ष्मी मिश्रा ने महिला सशक्तिकरण के लिए शिक्षित होना जरूरी बताया। उन्होंने कहा इस कार्यक्रम का उद्देश्य समाज में नारी के प्रति सोच बदलना है। महिला घर में रहने के साथ समाज में भी सहयोग कर रही हैं। उन्होंने कहा कि अगर आपकी इच्छा के बिना हाथ उठता है तो हाथ मरोड़ देना है। हमें अपने दायित्व और कर्तव्यों को नहीं भूलना है।

महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने की जरूरत : अरूणा

गरीब बच्चों के लिए निशुल्क विद्यालय चलाकर शिक्षित करना और जरूरतमंद महिलाओं को प्रशिक्षण देकर आत्मनिर्भर बनाने वाली अरूणा त्यागी ने छात्राओं को सशक्त बनने के लिए प्रेरित किया। उन्होंने बताया कि निशुल्क विद्यालय में अभी भी 250 बच्चे पढ़ रहे हैं। साथ ही ग्रामीण क्षेत्रों में महिलाओं सिलाई-कढ़ाई, आचार बनाना आदि का प्रशिक्षण देकर उन्हें आत्मनिर्भर बना रही हैं।

आवाज उठानी होगी तभी अत्याचार रुकेंगे: प्रियंका

समाजसेविका प्रियंका राणा जरूरतमंद महिलाओं को कानूनी मदद और सलाह दे रही हैं। साथ ही घरेलू हिंसा के खिलाफ आवाज उठाना और महिलाओं को उनके अधिकारों के जानकारी देकर उन्हें जागरूक कर रही हैं। कार्यक्रम में उन्होंने बताया कि नारी सशक्तिकरण के लिए महिलाओं को सम्मान देने की जरूरत है। इसके लिए युवा जागृत होगा तभी नारी सशक्तिकरण संभव है।

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