हिन्दुस्तान मिशन शक्ति: बेटियों की शिक्षा को समर्पित हैं खीरी की डॉ. कामिनी
शहर में रहने वाली सेवानिवृत्त प्रवक्ता डॉ.कामिनी सिंह ने अपना पूरा जीवन नई पीढ़ी को शिक्षित बनाने के लिए समर्पित कर...
लखीमपुर खीरी। शहर में रहने वाली सेवानिवृत्त प्रवक्ता डॉ.कामिनी सिंह ने अपना पूरा जीवन नई पीढ़ी को शिक्षित बनाने के लिए समर्पित कर दिया। युवराज दत्त महाविद्यालय में हिन्दी विभागाध्यक्ष पद से 2014 में सेवानिवृत्त होने के बाद भी शिक्षा को आगे बढ़ाने के लिए कॉलेज खोले। वह बेटियों की शिक्षा के लिए खुद को समर्पित किए हैं। महेवागंज में कुं. भवानी गर्ल्स इंटर कॉलेज शुरू कराया। रायल प्रूडेंस डिग्री कालेज की स्थापना की। डा. कामिनी सिंह बताती हैं कि उनका विवाह जब हुआ तब वे इंटर में थीं। शादी के बाद भी पढ़ाई जारी रखीं। 1980 में यूजीसी की स्कॉलरशिप मिली। डॉ. कामिनी सिंह को जिले की सर्वाधिक शिक्षित महिला का अवार्ड भी मिल चुका है। वह कालेज में शिक्षा की गुणवत्ता पर विशेष ध्यान दे रही हैं।
मूक-बधिर बच्चों को शिक्षित करने में लगीं माला
मूक-बधिर बच्चों को शिक्षित करने में लगीं माला
लखीमपुर-खीरी। शहर में रहने वाली माला श्रीवास्तव जिला समन्वयक हैं। रिसोर्स सेंटर में तैनात माला श्रीवास्तव उन बच्चों की सेवा में दिन-रात लगी रहती हैं जो न तो सुन सकते हैं न ही बोल सकते हैं। मूक-बधिर बच्चों के बीच पूरा दिन बीतता है। ये बच्चे शारीरिक रूप से कमजोर हैं। माला श्रीवास्तव जिले भर में मूक बधिर बच्चों का सर्वे कराती हैं। रिसोर्स सेंटर में इनकी शिक्षा की व्यवस्था करती हैं। इसके बाद जिले के सरकारी कालेजों में उनकी क्षमता के अनुसार कक्षाओं में दाखिला कराती हैं। कोरोना संक्रमण के बीच माला श्रीवास्तव लगातार लगी रहीं। उन्होंने दिव्यांग बच्चों का पंजीकरण कराया। दिव्यांग बच्चों के रजिस्ट्रेशन में जिला प्रदेश में आगे रहा है।
बालिकाओं को जागरूक कर रहीं रश्मि
लखीमपुर-खीरी। शहर के नई बस्ती मोहल्ले की रश्मि महेन्द्रा बेटियों, महिलाओं को लगातार जागरूक कर रही हैं। गांवों में महिलाओं, बेटियों को उनके अधिकार व कर्तव्य बता रही हैं। यही नहीं, उनकी मदद में भी लगी हैं। उन्होंने गरीब बेटियों की खातिर मुहिम चला रखी है। वे छात्राएं जिनकी पढ़ाई बीच में छूट जाती है, उसे दोबारा स्कूल पहुंचाने में वह मदद कर रही हैं। रश्मि महेन्द्रा खत्री वूमेन क्लब से जुड़ी हैं। वह शहर ही नहीं गांवों में भी जाकर काम कर रही हैं। गरीब परिवार की बेटियों की शादी में सहयोग करने के साथ ही गरीब बच्चों को कपड़े बांटना, उनको पढ़ाई के लिए प्रेरित करने में लगी हैं। रश्मि महेन्द्रा का कहना है कि बेटियों की शिक्षा सबसे ज्यादा जरूरी है।