मूक बधिर बच्चों की होगी स्क्रीनिंग, किया जाएगा उपचार
ललितपुर। जन्मजात मूक बधिर बच्चों को अब आसानी से जनपद में ही उपचार उपलब्ध हो
ललितपुर। जन्मजात मूक बधिर बच्चों को अब आसानी से जनपद में ही उपचार उपलब्ध हो सकेगा। राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम, दिव्यांगजन सशक्तिकरण विभाग व एक फाउंडेशन के संयुक्त तत्वावधान में पांच अगस्त को जिला अस्पताल में शिविर आयोजित किया जा रहा है। जिसमें ऐसे बच्चों की स्क्रीनिंग करके उनको चिह्नित किया जाएगा।
सीएमओ डा. जेएस बक्शी ने अधीनस्थ आरबीएसके टीम/प्रभारी चिकित्साधिकारी, नगरीय पीएचसी को 0 से 05 वर्ष तक की आयु के मूक बधिरता से ग्रसित बच्चों को कैंप में भेजने के निर्देश दिए हैं। चिकित्सा क्षेत्र से जुड़ी कानपुर की एक फाउण्डेशन के जनरल मैनेजर नागेंद्र मिश्रा ने बताया कि प्रत्येक वर्ष आरबीएसके और दिव्यांग जन विभाग के सहयोग से मूक बधिर बच्चों का कैंप आयोजित किया जाता है। इस दौरान चिह्नित बच्चों की नि:शुल्क सर्जरी कराई जाती है। यदि कोई निजी अस्पताल में इस तरह की सर्जरी कराता है तो उसके करीब पांच से छह लाख रुपए तक खर्च होते हैं लेकिन आरबीएसके कार्यक्रम के अंतर्गत ऐसे बच्चों का नि:शुल्क उपचार दिव्यांग जन विभाग व फाउंडेशन के सहयोग से किया जाता है। इस दौरान सर्जरी में अभिभावक कोई पैसा नहीं देना पड़ता है। आरबीएसके डीईआईसी मैनेजर डा. सुखदेव ने बताया कि जिला चिकित्सालय पुरुष में पांच अगस्त को 10 से चार बजे तक मूक बधिर बच्चों की स्क्रीनिंग के लिए सभी उपाय किए जा रहे हैं। इस प्रकार की दिव्यांगता को सही करने के लिए बच्चों की उम्र जितनी कम होती है, उतनी ही सर्जरी की सफलता की संभावना अधिक होती है।
अब तक 22 बच्चों की हो चुकी है सर्जरी
राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम के अंतर्गत अब तक मूक बधिरता से ग्रसित बाइस बच्चों की सर्जरी कराई जा चुकी है। वर्ष 2019-20 में 8 सर्जरी, वर्ष 2020-21 में 7 सर्जरी, वर्ष 2021- 22 में 5 सर्जरी, वहीं 2022 में अब तक 02 बच्चों की सर्जरी हो चुकी है। शिविर में और बच्चे लाभान्वित होंगे।