हिन्दुस्तान मिशन शक्ति: बांदा की अंजू ने 50 से ज्यादा महिलाओं को दिलाया योजनाओं का लाभ
महिला जब तक घर के अंदर रहती है, तब तक अबला है। घर की दहलीज पार करते ही सबला बन जाती है। बांदा जनपद में फतेहगंज की अंजू गुप्ता ने यह साबित कर दिया है। खुद को आत्मनिर्भर बनाने के बाद अब वह गांव की...
महिला जब तक घर के अंदर रहती है, तब तक अबला है। घर की दहलीज पार करते ही सबला बन जाती है। बांदा जनपद में फतेहगंज की अंजू गुप्ता ने यह साबित कर दिया है। खुद को आत्मनिर्भर बनाने के बाद अब वह गांव की महिलाओं को स्वावलंबी बना रही हैं।
अंजू गुप्ता ने बीए करने के बाद एमएसडब्ल्यू में दाखिला लिया है। निर्धन परिवार की अंजू की शादी 2017 में फतेहगंज के रामबाबू से हुई। ससुराल की माली हालत भी ठीक नहीं थी। पति की सहमति से पहले गांव के दुर्गा महिला समूह से जुड़ीं और एनआरएलएम से 40 हजार रुपए लोन लेकर ससुराल में ही कॉपी-किताब की दुकान खोली। आमदनी बढ़ी तो ब्यूटी पार्लर भी खोल लिया और दुकान को पति संभालने लगे। इसके बाद अंजू अपने साथ गांव की दूसरी महिलाओं को स्वावलंबी बनाने के मिशन में जुट गईं। अब तक 50 से ज्यादा महिलाओं को सरकारी योजनाओं का लाभ दिला चुकी हैं। एनआरएलएम में पहले वह ब्लॉक रिसोर्स पर्सन (बीआरपी) बनीं और अब इंटरनल प्रोफेशनल रिसोर्स पर्सन (आईपीआरपी) बन चुकी हैं। तमाम महिलाओं को सरकारी योजनाओं की जानकारी और लाभ दिलाने की दिशा में तेजी से काम कर रही हैं।