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Hindi News हिन्दुस्तान मिशन शक्ति बरेलीहिन्दुस्तान मिशन शक्ति: स्कूल संवाद में बेबाक दिखीं नारी शक्ति, बताया प्रगति का रास्ता

हिन्दुस्तान मिशन शक्ति: स्कूल संवाद में बेबाक दिखीं नारी शक्ति, बताया प्रगति का रास्ता

शादी होकर लड़की जब ससुराल जाती है, भूलकर वो मायका घर अपना बसाती है। घर आंगन खुशियों से भरते जब वो घर में आती है, सबको खाना खिलाकर फिर खुद खाती है। जो...

शादी होकर लड़की जब ससुराल जाती है, भूलकर वो मायका घर अपना बसाती है। घर आंगन खुशियों से भरते जब वो घर में आती है, सबको खाना खिलाकर फिर खुद खाती है। जो...
1/ 2शादी होकर लड़की जब ससुराल जाती है, भूलकर वो मायका घर अपना बसाती है। घर आंगन खुशियों से भरते जब वो घर में आती है, सबको खाना खिलाकर फिर खुद खाती है। जो...
शादी होकर लड़की जब ससुराल जाती है, भूलकर वो मायका घर अपना बसाती है। घर आंगन खुशियों से भरते जब वो घर में आती है, सबको खाना खिलाकर फिर खुद खाती है। जो...
2/ 2शादी होकर लड़की जब ससुराल जाती है, भूलकर वो मायका घर अपना बसाती है। घर आंगन खुशियों से भरते जब वो घर में आती है, सबको खाना खिलाकर फिर खुद खाती है। जो...
हिन्दुस्तान टीम,बरेलीTue, 29 Dec 2020 03:05 AM
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पीलीभीत। हिन्दुस्तान संवाद

शादी होकर लड़की जब ससुराल जाती है, भूलकर वो मायका घर अपना बसाती है। घर आंगन खुशियों से भरते जब वो घर में आती है, सबको खाना खिलाकर फिर खुद खाती है। जो घर संभाले तो सबकी जिंदगी संभल जाती है, लड़की शादी के बाद कितनी बदल जाती है। कठिनाईयों के रास्ते पर चलकर कामयाबी हासिल करने वाली जिले की तीन माहिलाओं ने सोमवार को हिन्दुस्तान संवाद कार्यक्रम के खुले मंच से अपने संघर्षो को साझा किया और छात्राओं को आगे बढ़ने को प्रेरित किया। कहा कितनी भी कठिनाईयां आए, कभी घबराना नहीं चाहिए। हिम्मत से आगे बढ़ी और खुद को साबित कर कामयाबी हासिल करें।

शहर के राजकीय बालिका इंटर कालेज में सोमवार को हिन्दुस्तान समाचार पत्र का मिशन शक्ति स्कूल संवाद कार्यक्रम का आगाज हुआ। कालेज की शिक्षिका व कार्यक्रम की संचालिका सुमन राठौर व निर्मला ने मुख्य अतिथि डीआईओएस संत प्रकाश व विशिष्ट अतिथि ममता गंगवार, अनीता तिवारी और गीता रानी को मंच पर आमंत्रित कर उनका स्वागत किया। सबसे बड़ी बात की कार्यक्रम की विशिष्ट अतिथियां राजकीय बालिका इंटर कालेज की छात्राएं रहीं हैं। इसके बाद तीनों महिलाओं ने हिन्दुस्तान के मंच से छात्राओं के सामने अपने कठिन दिनों का जिक्र करते हुए छात्राओं को आगे बढ़ने के लिए प्रेरित किया। कहा कि जिदंगी में सफलता पाना है तो सबसे पहले लक्ष्य निर्धारित करें और फिर उस लक्ष्य को पाने के लिए दृ़ढ़ संकल्प मजबूत और हौसला बुलंद होना चाहिए।

संघर्षो के बाद आसान हो जाती है जिंदगी: ममता

उच्च प्राथमिक विद्यालय बरहा की प्रधानाध्यापिका ममता गंगवार राष्ट्रपति पुरस्कार से सम्मानित है। सर्वश्रेष्ट शिक्षिकाओं में इनका नाम शुमार है। ममता ने आज तक जो भी हासिल किया वह आसानी से नहीं मिला। इसके लिए उन्होंने काफी संघर्ष किया। हिन्दुस्तान मंच पर आकर ममता ने बताया कि शादी के बाद आगे की पढ़ाई संकट में आ गई थी, पर हिम्मत नहीं हारी और पढ़ाई के लिए निरंतर प्रयास किया। शादी के बार उन्होंने आगे की पढ़ाई की और एक निजी कालेज में पढ़ाया। बाद में सरकारी सेवा में आने का मौका मिला और राष्ट्रपति तक पहुंची। ममता ने कहा कि पढ़ाई के बाद शिक्षिका बनने तक पिता कभी ज्यादा खुश नहीं हुए, पर जब राष्ट्रपति पुरस्कार मिला तो मेरे पिता के आखों में आंसू आ गए। कहा कि आज मेरा सीना चौड़ा है। ममता ने कालेज की छात्राओं को प्रेरित करते हुए कहा कि मैं भी इसी कालेज की छात्रा रही है। संघर्षो के साथ आगे बढ़ी हूं। आप भी आगे बढ़कर यहां पहुंच सकते है।

शिक्षा हमें हर मुश्किलों से लड़ना सिखाती : अनीता

शिक्षिका अनीता तिवारी की जिंदगी में काफी उचार-चढ़ाव रहा। इन्होंने इस दौर में पढ़ाई की जब संसाधन बहुत कम थे। अनीता के जिंदगी में कई कठिनाईयां आई, पर वह कभी घबराई नहीं और आगे बढ़ती चली गई। हिन्दुस्तान मंच पर आकर अनीता तिवारी ने कहा कि हमारे देश मे ंनारियों को देवी का दर्जा दिया गया है, पर कहीं न कहीं उनका अधिकारों से वंचित रखा जाता है। आज भी कई जगह लड़का, लड़की में भेद किया जाता है, जबकि अब भेद रखने की जररूत नहीं है। कहा कि हिन्दुस्तान और सरकार का यह प्रयास काफी सरानीय है। ऐसे कार्यक्रम महिलाओं को जोश भरते है। शिक्षिका अनीता ने छात्राओं को प्रेरित करते हुए उनके मौलिक अधिकारों को याद दिलाया और कहा कि हमे अपने मौलिक अधिकार को हक से लेना है। अगर हम ठान ले तो आगे बढ़ने के लिए कोई भी नहीं रोक सकता। उन्होंने कहा कि आगे बढ़ना और कामयाबी हासिल करने के लिए शिक्षा बहुत जरूरी है। शिक्षा हमें हर मुश्किलों से लड़ना सिखाती है।

नारियों में शक्ति होती है : गीता रानी

प्राथमिक विद्यालय बरहा की प्रधानाध्यापिका गीता रानी उन छात्राओं के लिए मिशल है, जो कुछ करना चाहती है। गीता रानी ने कठिन दौर देखा और आगे बढ़ी। गीता की जिंदगी में काफी संघर्ष रहा, पर वह भी पीछे मुड़कर नहीं देखा और अपने लक्ष्य की ओर बढ़ती गई। हिन्दुस्तान मंच पर आकर गीता ने हिन्दुस्तान अखबार की सराहना करते हुए कहा ऐसे कार्यक्रमों से सामाज की महिलाओ को प्रेरणा मिलती है। उन्होंने छात्राओं को प्रेरित करते हुए कहा कि हमें कभी भी अपने आप को कमजोर नहीं समझना चाहिए। हम नारियों में काफी शक्ति होती है। हर वह काम जो पुरुष करते है, पर वहां नारियों भी पहुंच रही और कदम से कदम बढ़ाकर चल रही है। कहा कि जिदंगी में हजारों मौके आएंग, बस हमें एक मौके को मजबूती से पकड़कर आगे बढ़ जाना है। जिदंगी में कठिनाईयां तो आएंगी पर उन कठिनाईयों से डरना नहीं है, बल्कि डटकर रहना है।

ऐसे कार्यक्रमों से महिलाओं को मिलेगा आत्मबल

एक दिन ही क्यों हर दिन नारीशक्ति का है। कक्षाओं में छात्राओं को सुरक्षा चक्र रूपी सभी टोल फ्री नंबर याद कराए जाएंगे। हिन्दुस्तान अखबार का यह प्रयास सराहनीय है। राजकीय इंटर कॉलेजों में ऐसे कार्यक्रम निरंतर हों। महिलाओं को शक्ति देने वाले ऐसे कार्यक्रमों से सभी को प्रेरणा मिलती है। कहा कि प्रयास करेंगे कि क्लासेस में नारी शक्ति के बारे में भी पढ़ाया जाए। काफी अच्छा लगा कि हिन्दुस्तान ऐसे कार्यक्रमों को बढ़ावा दे रहा है। इतिहास नारियों के संघर्ष की कहानियों से भरा पड़ा है। छात्राएं निरंतर कुछ खास करें।

राजकीय बालिका इंटर कालेज की प्रधानाचार्या अनीता सिंह ने कहा कि नारीशक्ति को हमेशा से पौराणिक रूप में भी त्याग और तपस्या की मूरत माना गया है। कार्यक्रम से कालेज की छात्राओं और स्टाफ को काफी उर्जा मिली हैं। हम नारियों की शक्ति को जगाने के लिए हिन्दुस्तान का आभार जताते हैं। महिलाओं को जोड़ने के लिए यह मिशन काफी आगे तक जाएगा। कहा कि विदेशों में महिलाएं बराबर की भागीदारी रख रही है पर अपने देश में ऐसा क्यों नहीं है। ऐसे कार्यक्रम बराबरी का दर्जा दिलाएंगे।

इन छात्राओं ने रखी बात

छात्रा तनिजा यादव ने एक कविता के माध्यम से नारी शक्ति का परिचय दिया। कहा कि एक महिला जो जीवन में संघर्षो के रास्ते चलकर आगे बढ़े वही नारी शक्ति है।

छात्रा नैन्सी ने कहा बिना महिलाओं के सामाज का कोई भी विकल्प नहीं है। महिलाएं ही सामाज की रचना करती है। महिलाओं को आगे बढ़ने के लिए पढ़ना और आत्मनिर्भर बनाना बहुत जरूरी है।

छात्रा मुस्कान गुप्ता ने कहा किसी भी काम की शुरूआत करने के लिए हिम्मत होनी चाहिए। हिम्मत एक दिन में नहीं आती है। निरंतर प्रयास से जब संघर्षो का सामना करते हैं और आगे बढ़ते हैं तब हमें हिम्मत मिलती है।

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