हिन्दुस्तान मिशन शक्ति : पीलीभीत में स्कूल तक बच्चों को लाने का काम कर रहीं करुणा
समाज में शिक्षा की अलख जगाने के लिए प्राथमिक विद्यालय बरहा की शिक्षिका करुणा गौड़ जुटी हुई हैं। वह प्रत्येक बच्चे को स्कूल तक लाने के लिए डोर-टू-डोर...
पीलीभीत। हिटी
समाज में शिक्षा की अलख जगाने के लिए प्राथमिक विद्यालय बरहा की शिक्षिका करुणा गौड़ जुटी हुई हैं। वह प्रत्येक बच्चे को स्कूल तक लाने के लिए डोर-टू-डोर संपर्क कर रही हैं ताकि कोई बच्चा निरक्षर न रहे। समाज के उत्थान के लिए बालिकाओं और महिलाओं को जागरूक करने का संकल्प लिया।
गांव में ड्रॉपआउट और आर्थिक रूप से पिछड़े बच्चों की संख्या अधिक पाई गई, जो बाल मजदूरी कर रहे थे। बालिकाएं भी गिनी चुनी थीं। स्कूल तक लाना आसान नहीं था, लेकिन करुणा ने हिम्मत नहीं हारी। योजनाबद्ध ढंग से डोर-टू-डोर संपर्क, अप्रोच, नुक्कड़ नाटक, माता समूह, शिक्षण सामग्री उपलब्ध कराकर बच्चों का नामांकन कराया। शिक्षा के महत्व के प्रति गोष्ठी, वीडियो दिखाकर लोगों को जागरूक किया। बच्चों को शिक्षा के प्रति जागरूक करने का सफर अनवरत चल रहा है।
खुद सीखकर दूसरी लड़कियों को सिखाया
मन में हौंसला और दृढ़ संकल्प हो तो कोई भी काम नामुमकिन नहीं है। ऐसा ही कुछ कर दिखाया है कस्बा पौटा कलां की रजिया बेगम ने। पीलीभीत के नेहरू प्रगति महिला कल्याण समिति से रजिया ने सिलाई और कारचोबी का प्रशिक्षण लिया। उसके बाद गांव में सिलाई सिखाने का काम शुरू किया। आज 350 से अधिक लड़कियों को सिलाई सिखा चुकी है, जिसमें जो अपना स्वरोजगार कर रही है। गांव के लोगों ने रजिया को पढ़ाने पर ऐतराज जताया, लेकिन उसके पिता मुन्ने अहमद ने पढ़ाई करने के लिए प्रेरित किया। उसके बाद रजिया ने एमए किया। आज वह सिलाई प्रशिक्षण देने के साथ एक पब्लिक स्कूल में पढ़ाने का काम कर रही है। वह घर पर सिलाई का काम करके आर्थिक रूप से मजबूत हो रही है, जो समाज को नया संदेश दे रही हैं।
बालिका शिक्षा के लिए काम कर रहीं निधि
बालिकाओं को स्कूली शिक्षा प्रदान करने के लिए अमरिया ब्लाक क्षेत्र के उच्च प्राथमिक स्कूल की इंचार्ज प्रधानाध्यापक निधि मिश्रा मिशन के रूप में काम कर रही है। गरीब और नि:सहाय बालक-बालिकाओं को आर्थिक रूप से मदद करने का काम करती हैं। बेसिक शिक्षा क्षेत्र में 11 वर्ष शिक्षण कार्य करते हुए हो गए हैं। वह गांव में घर-घर जाकर अभिभावकों से संपर्क कर बच्चों को स्कूल भेजने के लिए मोटीवेट कर रही है। बालिका शिक्षा के लिए प्रेरित कर रही है। आठवीं की शिक्षा प्राप्त करने के बाद बालिकाओं को बेहतर स्कूल में प्रवेश दिलाने के लिए कहती हैं। गरीब बच्चों को पढ़ाने में मदद करती हैं। बच्चों को पर्सनल अनुभव बच्चों को सुनाकर जागरूक करने का काम कर रही हैं।