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दीपावली के बाजार में ड्रेगन नहीं शेर की धमक ज्यादा

दीपावली के बाजार में ड्रेगन नहीं शेर की धमक ज्यादा -टॉय पिस्टल में पूरी तरह

दीपावली के बाजार में ड्रेगन नहीं शेर की धमक ज्यादा
हिन्दुस्तान टीम,अलीगढ़Thu, 28 Oct 2021 08:40 PM
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दीपावली के बाजार में ड्रेगन नहीं शेर की धमक ज्यादा

-टॉय पिस्टल में पूरी तरह से मेड इन इंडिया का दखल

-वहीं इलेक्ट्रोनिक झालरों में भी वोकल फॉर लोकल को बढ़ावा

-गिफ्ट आइटमों से लेकर अन्य क्षेत्र में 60 प्रतिशत तक भारतीय उत्पाद

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कार्यालय संवाददाता। अलीगढ़।

चीन के साथ सीमा पर चल रहे विवाद का असर इस बार दीपावली के बाजार पर भी देखने को मिल रहा है। बाजार में चाइनीज नहीं बल्कि भारतीय शेर की धमक है। टॉय पिस्टल से लेकर जगमग करने वाली झालरों व अन्य उत्पादों में भारतीय उत्पाद ही छा रहे हैं। पीएम मोदी के वोकल फॉर लोकल के नारे को व्यापारी व खरीदारी दोनों ही बढ़ा रहे हैं।

चाइनीज लाइट की खरीदारी दुकानदारों द्वारा दिल्ली व मुंबई से की जाती है। इस बार दुकानदारों ने भारत में निर्मित लाइट, फूलबत्ती, लीची लाइट, दीपक लाइट, झालर और सजावटी सामान को अधिक तवज्जो दी है। दुकानों में थोड़ा-बहुत चाइनीज सामान भी दिख रहा है, मगर दुकानदारों का कहना है कि यह पिछले साल का बचा हुआ माल है। इस बार उन्होंने चाइनीज लाइट नहीं मंगाई है। देसी लाइट का करीब 50 फीसद से अधिक कब्जा हो चुका है।

0-एलईडी, झालरों में भी मेड इन इंडिया

पिछले सालों तक जहां त्योहारी सीजन में लाइटिंग,झालर और सजावटी उत्पादों के मार्केट में चाइना का कब्जा बना रहता था। इस साल एलईडी,झालरों में 60 फीसदी बाजार में मेड इन इंडिया माल छा रहा है।

0-टॉय पिस्टल के कारोबार ने चाइना को दी मात

अलीगढ़ में तैयार होने वाली प्लास्टिक दाने की टॉय पिस्टल की मांग देशभर में त्योहारी सीजन में होती है। एक दौर था जब इस इंडस्ट्रीज पर पूरी तरह से चाइना का कब्जा हो चुका था, वजह चाइना की सबसे सस्ती टॉय पिस्टल का बाजार में आना। इसके बावजूद भी स्थानीय कारोबारियों ने हार नहीं मानी। लोहा, जिंक, प्लास्टिक से तैयार होने वाली चाइनीज टॉय पिस्टल की तर्ज पर ही भारतीय टॉय पिस्टल तैयार की। यह टॉय पिस्टल पाकिस्तान, श्रीलंका, बांग्लादेश, नेपाल व अन्य देशों तक भेजी जाती है। अलीगढ़ में प्लास्टिक की पिस्टल का करी 150 करोड़ रुपये का कारोबार है। 35 मैन्युफैक्चर्स टॉय पिस्टल तैयार करते हैं।

0-सजे बाजार, ग्राहक भी मांग रहे भारतीय उत्पाद

पीएम मोदी ने बीते दिनों मन की बात में वोकल फॉर लोकल को बढ़ावा देते हुए देशवासियों से दीपावली की खरीदारी में भारतीय उत्पादों को ही खरीदने का आव्हान किया था। यही वजह है कि अब ग्राहक स्वदेशी सामान की ज्यादा मांग कर रहे हैं। चाइनीज झालर गिने-चुने ग्राहक ही खरीद रहे हैं। महंगी होने के बाद भी स्वदेशी झालर, रंग-बिरंगे बल्ब खूब बिक रहे हैं। वहीं मिट्टी के दीयों की खरीदारी भी बढ़ गई है।

महावीरगंज, रेलवे रोड, हलवाई खाना, सराय हकीम, रघुवीरपुरी, सुदामापुरी, विष्णुपुरी, रामघाट रोड, सेन्टर प्वाइंट आदि बाजार रंग-बिरंगी लाइटों से सज गए हैं। व्यापारियों का कहना है कि भले ही भारत में बनने वाली झालरों की कीमत चीनी झालरों से ज्यादा होती है, लेकिन वह जल्दी से खराब नहीं होती है। स्वदेशी झालर अगली दीवाली पर भी काम आ जाती हैं। त्योहार की तैयारी को लेकर बाजार में चहल-पहल बढ़ गई है।

वर्जन

भारतीय टॉय पिस्टल के आगे अब चाइनीज टॉय पिस्टल कहीं भी नहीं है। तकनीक को अपग्रेड करते हुए इस बाजार से चाइना को पूरी तरह से खदेड़ने में हम सफल रहे हैं।

-सुभाष लिटिल, टॉय पिस्टल मैन्युफैक्चर्स

भारतीय टॉय पिस्टल को सबसे कम पांच रूपए में बाजार में उतारकर चाइना को पछाड़ा है। अब सरकार इस इंडस्ट्रीज पर ध्यान तो यह और तकनीकी स्तर पर अपग्रेड हो सकती है।

-सुनील पाली, टॉय पिस्टल मैन्यूफैक्चर्स

चाइनीज झालर नहीं अब तो ग्राहक भी स्वदेशी झालर ही मांग रहे हैं। दीपावली को लेकर अब बाजार में डिमांड बढ़ने लगी है।

-प्रमोद अग्रवाल, कारोबारी

दीपावली पर स्वेदशी झालरों, मिट्टी के दीपकों व मोमबत्ती से ही घर को जगमग करेंगे। इसी प्लानिंग के साथ ही बाजार से खरीदारी की है।

-नीतू वार्ष्णेय स्वीटी, ब्रह्म्नपुरी

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