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अब फिल्में ठुकराना सीख गई हूं मैं : तापसी पन्नू

तापसी पन्नू ‘पिंक’, ‘नाम शबाना’ और ‘मुल्क’ जैसी फिल्मों में शानदार काम किया है। पर अब वह कहीं न कहीं वह ऐसा महसूस करने लगी हैं कि लगातार एक ही तरह के किरदार निभाने...

अब फिल्में ठुकराना सीख गई हूं  मैं : तापसी पन्नू
संगीता यादव , नई दिल्ली Thu, 22 Aug 2019 08:11 PM
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तापसी पन्नू ‘पिंक’, ‘नाम शबाना’ और ‘मुल्क’ जैसी फिल्मों में शानदार काम किया है। पर अब वह कहीं न कहीं वह ऐसा महसूस करने लगी हैं कि लगातार एक ही तरह के किरदार निभाने के चलते उन पर एक विशेष किस्म की अदाकारा होने का ठप्पा लग रहा है।  वह कहती हैं, ‘मुझे एक्शन फिल्मों के बहुत सारे ऑफर मिल रहे हैं। इनमें से ज्यादातर फिल्मों की कहानी ऐसी हैं, जिनमें मुख्य किरदार एक ऐसी महिला है, जिसका शारीरिक शोषण या बलात्कार हुआ है। पर मैं इन सभी को स्वीकार करने के बारे में नहीं सोच रही। आखिर कोई कब तक एक ही किस्म के किरदार करेगा? ऐसा करना उस साख को खत्म करना होगा, जो मैंने अब तक अर्जित की है। जब तक मुझे ऐसा नहीं लगता कि कोई किरदार मेरे स्तर को एक कदम और ऊपर लेकर जाएगा, मैं उसे स्वीकार नहीं करूंगी। मैं खुद को दोहराना नहीं चाहती।’ 

31 वर्षीया तापसी, जिनकी आगामी फिल्म ‘सांड़ की आंख’ है, कहती हैं, ‘फिल्म मेकर्स के लिए बहुत आसान होता है एक्टर्स को लगातार एक ही तरह के किरदारों के प्रस्ताव देना, क्योंकि उनमें से बहुत सारे एक्टर्स इन प्रस्तावों के लिए न नहीं बोल पाते।’ 

हालांकि तापसी ऐसी नहीं हैं। उनका मानना है कि उन्होंने कभी भी सिर्फ अपनी फिल्मों की संख्या बढ़ाने के लिए काम नहीं किया। उन्हें कभी यह डर नहीं था कि अगर उन्होंने फिल्मों में काम नहीं किया तो पैसा कहां से आएगा? वह सब्र के साथ सही मौकों का इंतजार करती हैं। 

तापसी को हाल ही में ‘तड़का’ और ‘थप्पड़’ नाम की दो फिल्में मिली हैं। वह मानती हैं कि हर एक्टर को अच्छे रोल नहीं मिलते। वह कहती हैं, ‘अच्छे किरदार पाने के संघर्ष से हर एक्टर दो-चार होता है। असली संघर्ष पहली फिल्म हिट होने के बाद शुरू होता है।’ 

दक्षिण फिल्म इंडस्ट्री की स्थापित अभिनेत्री तापसी का असली संघर्ष फिल्म ‘चश्मे बद्दूर’ की रिलीज के बाद शुरू हुआ। इसके बाद ही उन्हें एहसास हुआ कि असल में वह करना क्या चाहती हैं। वह कहती हैं, ‘मैं पूरे सब्र के साथ सही प्रस्तावों का इंतजार कर रही थी और लोगों से उस तरह का काम मांग भी रही थी, जिस तरह का काम मैं करना चाहती थी। उदाहरण के तौर पर फिल्म बेबी के लिए मैं निर्देशक के पास गई थी और काम देने की गुजारिश की थी। मैं खुशकिस्मत थी कि ‘पिंक’ जैसी फिल्म मेरे खाते में आई।’ तापसी खुश हैं कि  अब परिस्थितियां बदल चुकी हैं।

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