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पालतू जानवरों के लिए पेटमेट एप

जाने वह कैसी होगी/कैसा होगा? मैं क्या पहनूं? मुझे देखकर मेरे बारे में क्या सोचेगा/सोचेगी? यह सारे सवाल दिमाग में तभी आते हैं, जब हम पहली बार किसी डेट के लिए तैयार हो रहे होते हैं। वैसे अकसर, हम अपने...

पालतू जानवरों के लिए पेटमेट एप
हिन्दुस्तान सिटी टीम, नई दिल्ली।Sun, 11 Aug 2019 07:09 PM
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जाने वह कैसी होगी/कैसा होगा? मैं क्या पहनूं? मुझे देखकर मेरे बारे में क्या सोचेगा/सोचेगी? यह सारे सवाल दिमाग में तभी आते हैं, जब हम पहली बार किसी डेट के लिए तैयार हो रहे होते हैं। वैसे अकसर, हम अपने डेट के साथ किसी अच्छे रेस्तरां या कैफे जाना ही पसंद करते हैं, लेकिन सोचिए अगर कभी आपका मिलना किसी अच्छे स्पा में तय हो तो? और आपके साथ ही आपके प्यारे पालतू के लिए भी साथी मिल जाए तो क्या कहेंगे? यह सोचना थोड़ा अजीब है, लेकिन इसके जरिये आप अपने पालतू जानवर के लिए एक परफेक्ट डेट तय कर सकते हैं।

दिल्ली की सहाना खत्री और उनके बिजनेस पार्टनर मनस छाबड़ा मिलकर एक पेट्रीमोनियल चला रहे हैं, जो आपके पालतू जानवर के लिए एक बढ़िया मैच ढूंढ़ती है। अगर आप सोच रहे हैं कि दिल्ली वाले ही एक आदर्श मैच की तलाश कर रहे हैं, तो ऐसा नहीं है! मुंबई की जोड़ी रोमित दलाल और चेतन शाह पालतू जानवरों के मालिकों को एक एप के जरिये जोड़ने में मदद कर रहे हैं। ‘पेटमेट’ नाम का यह डेटिंग एप टिंडर की तरह ही है। इसमें आप अन्य पालतू जानवरों (कुत्तों और बिल्लियों) की फोटो देखकर, अपने पेट्स के लिए राइट स्वाइप करके चुन सकते हैं और अपने पेट्स के लिए एक मजेदार साथी का मौका बना सकते हैं।

पेट्रीमोनियल और पेटमेट बनाने वाली जोड़ियों को यह विचार तब आया, जब वह अपने पालतू जानवरों के लिए साथी ढूंढ़ रहे थे, लेकिन उन्हें समझ नहीं आ रहा था कि वे कहां जाएं। वहीं, एक पेट मैग्जीन, ‘डॉग्स एंड मोर’ चलाने वाली रोजियाना गैजियानी के मुताबिक जब उन्होंने 2016 में डॉग्स कार्निवाल शुरू किया, तब उनके पास कई सारे अनुरोध आए, जिसमें पेट-ओनर्स ने उनसे अपने पालतू जानवरों के लिए अच्छा साथी ढूंढ़ने के लिए कहा। इस तरह उन्होंने एक पेज की शुरुआत की, जिसका नाम ‘डॉगीमोनियल्स’ है।

दिल्ली में रहने वाली मार्केटिंग क्षेत्र से जुड़ी सोनल आहूजा कहती हैं,‘मेरे पास एक यूरोपियन डोबरमैन है और मैं उसके लिए एक साथी ढूंढ़ रही हूं। शुरू में यह सब बहुत मुश्किल लग रहा था, लेकिन मुझे फिर इस तरह के र्डेंटग एप्स के बारे में पता लगा, जो मेरे ख्याल में एक बेहतरीन विकल्प है।’ अगर इन एप्स की लगने वाली फीस की बात करें, तो ‘डॉगीमोनियल्स’ और ‘पेटमेट’ निशुल्क हैं, जबकि ‘पेट्रीमोनियल’ कुछ फीस लेता है।

पेट्रीमोनियल चलाने वाले मनस छाबड़ा पूरी प्रक्रिया को विस्तार से बताते हैं, ‘हमारा उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि एक पालतू दूसरे पालतू से मिले और उनके मालिक भी एक-दूसरे से मिलें। हम इसमें तीन चरणों का पालन करते हैं- हम एक स्पा डेट तय करते हैं, जहां पेट ओनर्स भी एक-दूसरे से मिल सकें और फिर दोनों कुत्तों के लिए हेल्थ चेकअप रखते हैं। और आखिरी चरण मेटिंग है। विश्वसनीयता बनाए रखने के लिए सभी पेट ओनर्स विभिन्न जांचों से गुजरते हैं।’

दिल्ली के पशु चिकित्सक डॉ. प्रदीप राणा कहते हैं,‘सोशल मीडिया के जरिये अपने कुत्ते के लिए साथी ढूंढ़ना एक नया ट्रेंड बन गया है। वहीं, जहां तक मेटिंग की बात है, तो हम जानवरों के व्यवहार को देखते हैं और उनकी शारीरिक जांच करके यह देखते हैं कि क्या वह मेटिंग के लिए फिट है।’

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