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फिटनेस से सुधरी है बॉलिंग : कुलदीप यादव 

बाएं हाथ के स्पिनर कुलदीप यादव ने अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में एक खास जगह बनाई है। 24 वर्षीय इस खिलाड़ी के मुताबिक उस खास जगह को बरकरार रखने के लिए दो चीजें बेहद जरूरी हैं- पहली तंदुरुस्ती और दूसरी है...

फिटनेस से सुधरी है बॉलिंग : कुलदीप यादव 
समर्थ गोयल  ,नई दिल्लीSun, 08 Sep 2019 03:39 PM
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बाएं हाथ के स्पिनर कुलदीप यादव ने अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में एक खास जगह बनाई है। 24 वर्षीय इस खिलाड़ी के मुताबिक उस खास जगह को बरकरार रखने के लिए दो चीजें बेहद जरूरी हैं- पहली तंदुरुस्ती और दूसरी है आहार। कुलदीप कहते हैं,‘यह बहुत महत्वपूर्ण है कि आप प्रशिक्षण कार्यक्रमों के दौरान अपना ध्यान केंद्रित रखें और कभी भी इसे भटकने न दें। आपको यह नियमित रूप से ईमानदारी के साथ करना होगा। तभी आप अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में अपनी जगह बनाए रख सकते हैं।’ 
नियमित अभ्यास की दिनचर्या 
दूसरे क्रिकेटरों के विपरीत, कुलदीप का प्रशिक्षण शाम के वक्त शुरू होता है। उनके लिए प्रशिक्षण का मतलब अपनी ऊर्जा के स्तर को लगातार ऊंचा रखना और उसे विकसित करना है। वह कहते हैं,‘मैं आमतौर पर लगभग डेढ़ घंटे तक अभ्यास करता हूं। कई बार, यह समय महज 45 मिनट भी होता है। चूंकि मैं एक स्पिनर हूं, इसलिए मुझे अपने हाथों, कंधों और कलाइयों पर विशेष काम करना होता है।’ 
कुलदीप आगे कहते हैं,‘टीम भावना भी बहुत जरूरी है। मेरी टीम के सभी सदस्य फिटनेस को लेकर खासे सतर्क हैं। सिर्फ फिटनेस पर ध्यान देने से ही मेरी फील्डिंग में गजब का सुधार हुआ है। और सिर्फ फील्डिंग में ही नहीं, बल्कि बॉलिंग में भी सुधार देखा है।’ 
कुलदीप यह भी कहते हैं,‘मेरा ध्यान मुख्य रूप से स्टैमना बढ़ाने पर है। बांहों और कंधों के अलावा मैं अपने पैरों के व्यायाम पर भी ध्यान देता हूं। एक बॉलर को पैरों पर विशेष ध्यान देना होता है। यह सुनिश्चित कर लेना चाहिए कि आपके पैरों में पर्याप्त मजबूती हो, ताकि आप अंतरराष्ट्रीय स्तर पर प्रतिस्पर्धा में टिके रह सकें।’ 
नहीं चलती बेईमानी
राजमा-चावल कुलदीप की कमजोरी हैं। लेकिन अपनी फिटनेस को ध्यान में रखते हुए वह ज्यादातर राजमा-चावल से दूर रहने की कोशिश करते हैं। खासकर जब वह खेल रहे होते हैं, तब वह इसको लेकर पूरे सजग रहते हैं। उन्होंने मुस्कुराते हुए कबूल किया,‘मैं जिस तरह का काम करता हूं, मेरे पास ऐसी जरा भी गुंजाइश नहीं होती कि मैं अपने खानपान से जुड़े नियमों की अनदेखी करूं। बेशक मुझे राजमा-चावल बहुत पसंद है! इसके बावजूद मैं इससे दूर रहता हूं। यह मैं केवल तभी खाता हूं, जब खेल नहीं रहा होता या घर पर होता हूं।’ 
नाश्ते के लिए कुलदीप के पास सिर्फ दो  विकल्प होते हैं- पहला, कुछ फल और अंडे की सफेदी से बना ऑमलेट और दूसरा, डोसा अथवा इडली। वह बताते हैं,‘इन दो चीजों के अलावा मैं नाश्ते में कुछ और नहीं लेता। मेरा दोपहर का खाना बहुत साधारण होता है। अमूमन मैं दोपहर में थोड़ा चिकन, दाल और चावल खाने में लेता हूं। प्रोटीन और कार्बोहाइड्रेट के बीच संतुलन बनाए रखना मेरे लिए बहुत महत्वपूर्ण है।’
अगर रात के खाने की बात करें तो कुलदीप के लिए अनिवार्य रूप से इसका मतलब हल्का खाना है। वह कहते हैं,‘डिनर  में मैं थोड़ा चावल, या दाल, या किसी तरह का सलाद, या थोड़ी करी लेता हूं। मैं आमतौर पर रात में भारी खाना नहीं खाता, क्योंकि उसके बाद आप कोई शारीरिक गतिविधि नहीं कर रहे होते। इसका ध्यान रखना मेरे लिए काफी अहम है।                                      

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