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कोरोना वायरस के खिलाफ योग का सुरक्षा घेरा, जानिए कैसे बढ़ती है इम्युनिटी

दुनियाभर में कोरोना के रोज नए मामले सामने आ रहे हैं। इससे अब तक हजारों लोगों की मौत हो चुकी है। इससे संक्रमित लोगों की संख्या लगातार बढ़ती जा रही है। ऐसे में इससे बचाव को लेकर हर स्तर पर प्रयास...

कोरोना वायरस के खिलाफ योग का सुरक्षा घेरा, जानिए कैसे बढ़ती है इम्युनिटी
लाइव हिन्दुस्तान,नई दिल्ली।Mon, 16 Mar 2020 09:01 PM
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दुनियाभर में कोरोना के रोज नए मामले सामने आ रहे हैं। इससे अब तक हजारों लोगों की मौत हो चुकी है। इससे संक्रमित लोगों की संख्या लगातार बढ़ती जा रही है। ऐसे में इससे बचाव को लेकर हर स्तर पर प्रयास किए जा रहे हैं और सभी तरह के साधना भी आजमाएं जा रहे हैं।

कोरोना को लेकर बनी ऐसी आपात स्थिति में सरकार और प्रशासन के साथ सबसे ज्यादा हमारी जवाबदेही बनती है। जागरूकता इस बीमारी का सबसे बड़ा बचाव है। साथ ही, शरीर की स्वयं की रोग से लड़ने की कार्य प्रणाली ब्रह्मास्त्र के रूप में दिखती है।

 

माना जाता है कि कमजोर इम्युनिटी के लोग आसानी से कोरोना के संपर्क में आने पर उससे संक्रमित हो सकते हैं। ऐसे में व्यक्तिगत स्तर पर हमें अपनी इम्युनिटी को बढ़ाने का कार्य करना चाहिए। तनाव हमारी इम्युन यानी रोग प्रतिरोधक क्षमता को कमजोर कर देता है। ऐसे में यह जरूरी है कि योग के आसन प्राणायाम ध्यान विधि से हम तनाव को कंट्रोल में रखें और इम्युनिटी पॉवर को सशक्त बनाएं । साथ ही, योग के कई आसन ऐसे हैं जो हमारी इम्युन सिस्टम को कई तरीके से मजबूत करता है।

वशिष्ठ योग आश्रम अहमदाबाद के योग गुरु धीरज बताते हैं कि हमारी शरीर में इम्युनिटी के तीन मुख्य घटक हैं - थाइमस ग्लैंड , लिम्फ या लिम्फ नोड्स और स्प्लीन। कुछ खास आसनों से हम इन तीनों घटकों को ज्यादा सेहतमंद और एक्टिव रख अपनी इम्युनिटी को सुपर एनर्जी दे सकते हैं। आइये जानते हैं उसके बारे में-

थाइमस ग्लैंड -

थाइमस ग्लैंड गर्दन के नीचे और छाती से सबसे ऊपरी हिस्से के पास एक अंतरस्त्रावी ग्रंथि या ग्लैंड है। यह ग्लैंड खास हार्मोन पैदा करता है, जो इम्युन सिस्टम को मदद करता है। थाइमस के अंदर लिम्फोसाइड यानी टी-सेल पैदा होता हैं जो व्हाइट ब्लड सेल्स यानी डब्ल्यूबीसी का एक प्रकार है। टी सेल्स किसी भी तरह के वाइरस, बैक्टीरिया और फंगस को ठिकाने लगाने में माहिर होता है।

जब हम बैकबैंड आसन यानी पीछे झुकने वाले आसन जैसे सुप्त बद्ध कोणासन, धनुरासन, उष्ट्रासन करते हैं तो छाती ज्यादा स्ट्रेच होती है और थाइमस ग्लैंड ज्यादा एक्टिव व सेहतमंद रहता है और रोग से लड़ने की हमारी क्षमता बढ़ जाती है।

लिम्फ नोड्स -

शरीर का ये पहला रक्षा द्वार जैसा है। शरीर में इसका एक रास्ता होता है, जिसके जरिए वो भ्रमण कर पाता है। हार्ट हमारे रक्त को शरीर के हर सेल्स तक पहुंचाता है, लेकिन लिम्फ के पास इस तरह की व्यवस्था नहीं। हम जब एक्टिव रहते हैं या स्ट्रेचिंग करते हैं तो लिम्फ ज्यादा एक्टिव हो अपना काम करती है। ये अपने तरल पदार्थ के साथ टी-सेल और बी-सेल को लेकर बाहरी वाइरस और दूसरे हानिकारक जर्म्स के खिलाफ अभियान छेड़ देती है। फिर नष्ट हुए विदेशी वायरस सेल्स को शरीर से बाहर करने का भी इंतजाम करती है।

स्प्लीन -

छाती की हड्डियों के अंदर ऊपरी हिस्से में स्प्लीन होता है। छोटा सा दिखने वाला ये अंग शरीर की रक्षा दीवार का बड़ा सेनापति जैसा है। स्प्लीन मुख्य रुप में इम्युन सिस्टम के लिए ये ब्लड की शुद्धता का ख्याल रखता है। पुराने रेड ब्लड सेल्स की जगह वो नए की व्यवस्था करता है। प्लेटलेट्स और नए व्हाइट ब्लड सेल्स की भरपूर आपूर्ति का भी इंतजाम करती है। इस तरह ये इम्युन सिस्टम का आपूर्ति विभाग भी है। बैकबैंड के आसन से छाती स्ट्रेच होती है और इस जरुरी अंग की कार्यक्षमता बढ़ती है।

इन तीनों घटकों को एक साथ मिलकर आप मजबूती से कोरोना वाइरस के खिलाफ खुद का मोर्चा खोल सकते हैं। योग गुरु धीरज इस वीडियो में ऐसे 5 मुख्य आसन बता रहें हैं जो थाइमस ग्लैंड, लिम्फ नोड्स और स्प्लीन को एक्टिव कर इम्युनिटी को सुपर बूस्ट करेगा और तनाव से मुक्त कर हमें इम्युन शक्ति कमजोर होने से बचाएगा।

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