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हिमाचल के बिजली उपभोक्ताओं को महंगाई का झटका, सुक्खू सरकार ने लगाए दो नए उपकर

  • मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य की वित्तीय सेहत सुधारने के लिए यह बढ़ोतरी किए जाने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि 2032 तक हिमाचल को देश का सबसे समृद्ध राज्य बनाने की कोशिश की जाएगी।

Sourabh Jain लाइव हिन्दुस्तान, शिमला, हिमाचल प्रदेशTue, 10 Sep 2024 01:39 PM
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हिमाचल प्रदेश में आर्थिक संकट का सामना कर रही सुक्खू सरकार ने राज्य के लाखों बिजली उपभोक्ताओं को झटका दिया है। अब राज्य के बिजली उपभोक्ताओं पर दूध उपकर और पर्यावरण उपकर लगेगा। इसका असर प्रदेश के सभी वर्गों के बिजली उपभोक्ताओं पर पड़ेगा। इस संबंध में विधानसभा ने मंगलवार को मॉनसून सत्र की आखिरी बैठक में हिमाचल प्रदेश विद्युत (शुल्क) विधेयक ध्वनिमत से पारित कर दिया।

इस अवसर पर मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा कि राज्य सरकार पहले की व्यवस्था में बदलाव लाने की कोशिश कर रही है, जहां कई मुफ्त चीजें दी जाती थीं। अब सरकार आम आदमी पर बोझ डाले बिना राजस्व बढ़ाने की कोशिश कर रही है। उन्होंने कहा कि दुग्ध उत्पादकों की आर्थिक स्थिति को मजबूत करने और किसानों के उत्थान के लिए बिजली पर दूध उपकर लगाया जा रहा है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि वहीं, पर्यटन उद्योग को बढ़ावा देने और स्वच्छ पर्यावरण सुनिश्चित करने के लिए उद्योगों पर पर्यावरण उपकर लगाया गया है। उन्होंने कहा कि इन दोनों उपकरों को लगाने से एकत्र की गई राशि को इन निर्दिष्ट उद्देश्यों के लिए उपयोग करने के लिए बिजली विभाग के पास जमा किया जाएगा।

सीएम ने बताया लगेगा कितना उपकर?

मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार ने पहले शराब पर लगाए गए दूध उपकर से 130 करोड़ रुपए कमाए हैं। शराब की बोतल पर 10 रुपए का दूध उपकर लगाया जा रहा था, लेकिन अब बिजली खपत पर उपकर लगाया गया है। उन्होंने कहा कि यह बहुत मामूली पर्यावरण उपकर है, जिसका किसी पर कोई असर नहीं पड़ेगा। उन्होंने कहा कि छोटी औद्योगिक इकाइयों के लिए दो पैसे, मध्यम के लिए चार पैसे, बड़ी औद्योगिक इकाइयों पर 10 पैसे, स्टोन क्रशर के लिए दो रुपए और इलेक्ट्रिक वाहनों को चार्ज करने पर छह रुपए उपकर के रूप में लिए जाएंगे।

मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य की वित्तीय सेहत सुधारने के लिए यह वृद्धि किए जाने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि 2032 तक हिमाचल को देश का सबसे समृद्ध राज्य बनाने की कोशिश की जाएगी। हम वनों की सुरक्षा के लिए ग्रीन बोनस की मांग करेंगे, लेकिन हमें हर साल अक्टूबर से मार्च तक सात रुपए प्रति यूनिट बिजली खरीदने के लिए मजबूर होना पड़ता है।

जयराम बोले-गरीबों पर बोझ डाल रही सरकार

नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर ने कहा कि जब से सरकार बनी है, तभी से गरीबों पर बोझ डालने का काम किया गया है। उन्होंने कहा कि डीजल की कीमतों में सात रुपए की बढ़ोतरी की गई और 125 यूनिट मुफ्त बिजली बंद कर दी गई, जबकि कांग्रेस ने 300 यूनिट मुफ्त बिजली देने का वादा किया था। जयराम ठाकुर ने कहा कि मुख्यमंत्री कह रहे हैं कि राज्य की वित्तीय हालत खराब है, लेकिन इसका मतलब यह नहीं है कि सरकार आम आदमी पर बोझ डाले। उन्होंने कहा कि सरकार ने नल से पानी का शुल्क 10 रुपए से बढ़ाकर 100 रुपए कर दिया है, जो पूरी तरह से गलत है।

रिपोर्ट : यूके शर्मा

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