गहरे हुए हिमाचल त्रासदी के जख्म, शिमला में 4 शव बरामद; कुल संख्या हुई 26
हिमाचल प्रदेश त्रासदी के जख्म बढ़ते ही जा रहे हैं। यहां बादल फटने की घटना के बाद शुक्रवार को चार शव बरामद किए गए हैं। इस तरह हिमाचल त्रासदी में कुल मृतकों की संख्या बढ़कर 26 तक पहुंच गई है।
हिमाचल प्रदेश के तीन जिलों में 31 जुलाई की मध्यरात्रि को बादल फटने से आई बाढ़ में जान गंवाने वालों की संख्या बढ़ गई है। शुक्रवार को चार शव बरामद होने के साथ ही यह संख्या अब 26 हो गई। इस मामले में जानकारी देते हुए अधिकारियों ने बताया कि लापता 30 लोगों की तलाश के लिए अभियान नौवें दिन भी जारी रहा, लेकिन पीड़ितों के परिवारों ने अपने प्रियजनों के जीवित मिलने की उम्मीद छोड़ दी है।
शिमला जिले के सुन्नी कस्बे के पास डोगरी इलाके में आज सुबह चार शव बरामद किए गए, जिससे समेज में मरने वालों की संख्या बढ़ कर 14 हो गयी। शिमला के उपायुक्त अनुपम कश्यप ने बताया कि प्रारंभिक जांच के अनुसार मृतकों में तीन महिलाएं और एक किशोर है जिनकी पहचान अभी नहीं हो पाई है। बादल फटने की यह घटना कुल्लू के निरमंड, सैंज और मलाणा, मंडी के पधर और शिमला के रामपुर उपमंडल में हुई। सबसे ज्यादा नुकसान शिमला और कुल्लू जिले की सीमा पर स्थित समेज गांव को हुआ, जहां करीब 20 लोग अब भी लापता हैं।
कुल मृतकों में से 14 शव रामपुर से, नौ मंडी के राजभान गांव से और तीन कुल्लू जिले के निरमंड/बागीपुल से बरामद किए गए हैं। लगभग 85 किलोमीटर क्षेत्र में तलाश अभियान जारी है। त्रासदी के बाद से लापता 30 लोगों के परिवार के सदस्यों ने अपने प्रियजनों के जीवित होने की उम्मीद खो दी है और भगवान से अपने प्रियजनों के शवों बमराद होने के लिए प्रार्थना कर रहे हैं ताकि वे सम्मानपूर्वक उनका अंतिम संस्कार कर सकें। परिवार के सदस्य घटनास्थल पर डेरा डाले हुए हैं।
हिमाचल प्रदेश के राजस्व मंत्री जगत सिंह नेगी ने कहा था कि शव मिलने की उम्मीद कम है। इस बीच, मौसम विभाग के स्थानीय केंद्र ने शनिवार को राज्य के अलग-अलग स्थानों पर भारी से बेहद भारी बारिश, आंधी और मेघगर्जन की चेतावनी देते हुए ‘‘ऑरेंज’’ अलर्ट जारी किया। अधिकारियों के अनुसार, सेना, राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (एनडीआरएफ), राज्य आपदा मोचन बल (एसडीआरएफ), भारत तिब्बत सीमा पुलिस (आईटीबीपी), केन्द्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल (सीआईएसए), हिमाचल प्रदेश पुलिस और होमगार्ड के 663 बचावकर्मी तलाश में जुटे हुए हैं। इसके अलावा और सरकारी तंत्र, श्वान दस्ते, ड्रोन और अन्य उपकरण भी तलाशी अभियान में तैनात किए गए हैं। अधिकारियों ने बताया कि 27 जून से आठ अगस्त के बीच बारिश से जुड़ी घटनाओं में कुल 100 लोग जान गंवा चुके हैं और राज्य को करीब 802 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है।
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