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हिमाचल में आयुष्मान और हिमकेयर के नाम पर करोड़ों का घपला, ईडी की जांच में खुलासा

हिमाचल प्रदेश में कई नामी निजी अस्पतालों ने आयुष्मान भारत योजना और हिमकेयर योजना के नाम पर फर्जीवाड़ा किया है। इनमें कांगड़ा और ऊना जिलों सहित प्रदेश के के कई बड़े निजी अस्पताल शामिल हैं।

Admin लाइव हिन्दुस्तान, शिमलाFri, 2 Aug 2024 05:50 PM
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हिमाचल प्रदेश में कई नामी निजी अस्पतालों ने आयुष्मान भारत योजना और हिमकेयर योजना के नाम पर फर्जीवाड़ा किया है। इनमें कांगड़ा और ऊना जिलों सहित प्रदेश के के कई निजी अस्पताल भी शामिल हैं।

ईडी की जांच में निजी अस्पतालों में आयुष्मान योजना व हिमकेयर योजना को लेकर गड़बड़ियों का खुलासा हुआ है। दो दिन पहले ईडी ने प्रदेश के कई जिलों के निजी अस्पतालों में ताबड़तोड़ छापेमारी की थी। कांगड़ा जिला में कांग्रेस के एक विधायक के परिसर और प्रदेश कांग्रेस के पदाधिकारी के अस्पताल पर भी ईडी ने दबिश दी थी। ईडी ने छापेमारी कर आयुष्मान भारत-प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना (एबी-पीएमजेएवाई), मुख्यमंत्री हिमाचल स्वास्थ्य देखभाल योजना (हिमकेयर) और अन्य स्वास्थ्य योजनाओं से संबंधित दावों के दस्ताबेज कब्जे में लिए थे। 

ईडी ने शुक्रवार को एक बयान जारी कर कहा है कि कुछ निजी अस्पतालों में ऐसे लोगों के नाम आयुष्मान कार्ड बनवा दिए गए थे, जो कि कभी भी इलाज के लिए निजी अस्पताल नहीं आए थे। उनके नाम से फर्जी बिल बनाकर रकम निकाली गई। ईडी की जांच में सामने आया है कि बांके बिहारी अस्पताल के अलावा श्री बालाजी अस्पताल, सूद नर्सिंग होम, फोर्टिस अस्पताल और श्री हरिहर अस्पताल आदि में आयुष्मान योजना के नाम पर फर्जीवाड़ा हुआ है।

ईडी ने यह भी दावा किया है कि इन निजी अस्पतालों में 23 हजार मरीजों के लिए 21 करोड़ रुपये के संदिग्ध लेनदेन शामिल हैं। तलाशी में कई ऐसे मामले भी सामने आए, जिनमें सरकार को किए गए दावों और अस्पताल में मौजूद फाइलों में मौजूद वास्तविक आंकड़ों में भारी अंतर था। यह भी पाया गया कि मरीजों के नाम पर दावों से संबंधित कई फाइलें गायब हो गई हैं। ईडी के मुताबिक जांच के दौरान 373 फर्जी आयुष्मान कार्डों की पहचान की गई है, जिनमें उक्त आयुष्मान कार्ड लाभार्थियों को दिए गए उपचार के नाम पर सरकार से लगभग 40.68 लाख रुपये का दावा किया गया था। 

ईडी का कहना है कि ऐसे फर्जी लाभार्थियों की सूची में रजनीश कुमार और पूजा धीमान के नाम शामिल हैं, जिन्होंने सत्यापन करने पर ऐसे किसी भी आयुष्मान कार्ड के होने से इनकार कर दिया। इसके अलावा, उन्होंने इनमें से किसी भी अस्पताल में ऐसा कोई इलाज नहीं कराया। अस्पतालों ने ऐसे उपचार, सर्जरी व भर्ती के भी दावे किए हैं, जो वास्तव में रोगी को कभी दिए ही नहीं गए। ईडी की जांच में सामने आया है कि रक्षा देवी को निजी अस्पताल में भर्ती करने से मना कर दिया गया। जांच में यह भी पता चला कि इन अस्पतालों को नियमों का उल्लंघन करने के कारण आयुष्मान भारत योजना से हटा दिया गया था। 

ईडी ने यह भी कहा कि हिमाचल प्रदेश में अब तक आयुष्मान योजना के कथित उल्लंघन के लिए 8937 आयुष्मान भारत गोल्डन कार्ड रद्द किए जा चुके हैं। अब तक की गई जांच के अनुसार इस मामले में लगभग 25 करोड़ रुपये की अपराध आय शामिल है। 

ईडी के मुताबिक इन अस्पतालों की तलाशी में 88 लाख रुपये नकद, 4 बैंक लॉकर और 140 संबंधित बैंक खाते मिले। इसके अलावा, अचल और चल संपत्तियों, खातों की पुस्तकों और अन्य दस्तावेजों के अलावा, मोबाइल फोन/आईपैड, हार्ड डिस्क और पेन ड्राइव के रूप में 16 डिजिटल डिवाइस पाए गए। इनमें आयुष्मान, हिमकेयर और अन्य स्वास्थ्य योजनाओं से संबंधित दावों और दस्तावेजों के बारे में जानकारी थी और उन्हें जब्त कर लिया गया। जब्त किए गए दस्तावेजों में 21 करोड़ रुपये का संदिग्ध लेने देन सामने आया है। 

रिपोर्ट : यूके शर्मा

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