'काले नाग' से लेकर 'बिकाऊ', बागियों पर खूब बरस रहे हैं CM सुक्खू; पूर्व कांग्रेस विधायकों ने भी किया पलटवार
हिमाचल प्रदेश की छह विधानसभा सीटों पर एक जून को मतदान होना है। ऐसे में सीएम सुक्खू अपनी हर रैली में बागियों पर जमकर निशाना साध रहे हैं। उन्होंने उन्हें काले नाग तक करार दिया।
हिमाचल प्रदेश की चार लोकसभा और छह विधानसभा सीट के लिए एक जून को मतदान होना है। राज्य में चुनाव प्रचार ने अब पहले से ज्यादा रफ्तार पकड़ ली हैं क्योंकि मतदान में गिने-चुने दिन बचे हैं। हालांकि जब से चुनाव प्रचार शुरू हुआ है तब से शायद ही कोई दिन ऐसा गुजरा है जब मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने बागियों के लिए 'बिकाऊ' जिन्होंने अपना जमीर बेच दिया, 'काला धन' और 'काला नाग' जैसे शब्दों का इस्तेमाल न किया हो। सीएम का दावा है कि बागियों के जाने का उनकी सरकार पर कोई फर्क नहीं पड़ा। राज्य सरकार स्थिर है। रैलियों में सीएम का फेवरेट नारा है, 'धनबल हारेगा, जनबल जीतेगा'।
सुक्खू ने छह विद्रोहियों को 'काले नाग' भी बताया और 'भुट्टो को कुट्टो (भुट्टो को हराओ)' जैसी टिप्पणी की। इसके बाद राज्य में विपक्षी दल भाजपा ने उनके खिलाफ चुनाव आयोग में शिकायत की। राज्य में विधानसभा उपचुनाव, 27 फरवरी को छह कांग्रेस विधायकों के बागी होने की वजह से हो रहे हैं। इन्होंने राज्यसभा चुनाव में भाजपा उम्मीदवार हर्ष महाजन के पक्ष में क्रॉस वोटिंग करके अपनी ही पार्टी के उम्मीदवार और वरिष्ठ वकील अभिषेक मनु सिंघवी को हरा दिया था। इसके बाद कांग्रेस ने इन्हें अयोग्य करार दिया था। बाद में इन सभी ने बीजेपी ज्वाइन कर ली थी।
सुक्खू को अपनी ही पार्टी के विधायकों से ऐसे झटके की उम्मीद नहीं थी। इसके बाद पूर्व सीएम जयराम ठाकुर के नेतृत्व में विपक्षी नेताओं ने उन्हें नैतिक आधार पर पद से इस्तीफा देने और फ्लोर टेस्ट की भी मांग उठी। सुक्खू सरकार ने विधानसभा में बजट सत्र के लिए एक पार्टी व्हिप जारी किया, लेकिन छह बागी, जो अर्धसैनिक बलों की सुरक्षा में थे, विधानसभा सत्र में शामिल नहीं हुए। जिसके बाद विधानसभा स्पीकर कुलदीप सिंह पठानिया ने उन्हें अयोग्य घोषित कर दिया। छह सीटों पर उपचुनाव एक जून को सातवें और आखिरी चरण में लोकसभा चुनाव के साथ होगा।
राज्य में उपचुनाव प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह, कांग्रेस नेता राहुल गांधी और अन्य केंद्रीय नेताओं के बीच भी काफी अहम हो गया है। 24 मई को सिरमौर जिले के नाहन में एक चुनावी रैली को संबोधित करते हुए मोदी ने छह सीटों पर उपचुनाव का जिक्र करते हुए राजनीतिक अस्थिरता का संकेत देते हुए कहा था कि राज्य सरकार कभी भी गिर सकती है। इसके जवाब में रविवार को नाहन में कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने बीजेपी पर लोकतांत्रिक तरीके से चुनी गई राज्य सरकार को गिराने की कोशिश करने का आरोप लगाया।
सीएम सुक्खू भी छह बागियों- राजिंदर राणा, सुधीर शर्मा, देविंदर कुमार भुट्टो, चैतन्य शर्मा, इंदर दत्त लखनपाल और रवि ठाकुर पर हमला करने का कोई मौका नहीं छोड़ रहे हैं। उन्होंने आरोप लगाया कि इन्होंने 'अपनी ईमानदारी बेचने के लिए करोड़ों रुपये स्वीकार' किए हैं। सुक्खू पर पलटवार करते हुए बागियों ने उन पर सरकार के दौरान उनकी अनदेखी करने और विभागों के बंटवारे में अपने दोस्तों को बढ़ावा देने का आरोप लगाया। बागियों ने सुक्खू पर अपने निर्वाचन क्षेत्रों में विकास कार्यों को अनुमति न देने और लोगों की शिकायतों का समाधान न करने का भी आरोप लगाया। सुधीर शर्मा और राजिंदर राणा ने हिमाचल प्रदेश उच्च न्यायालय में सुक्खू के खिलाफ मानहानि का मुकदमा दायर किया है। इनमें से दो याचिकाओं में सुक्खू को नोटिस जारी किया गया है।
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