शिमला में अब शौचायल इस्तेमाल पर पुरुषों को चुकाने होंगे इतने रुपए, निगम के फैसले से लोग नाराज
हिमाचल प्रदेश का शिमला सार्वजनिक शौचायल को लेकर चर्चा में है। शिमला नगर निगम ने सोमवार को शहर में सार्वजनिक शौचालयों का उपयोग करने के लिए पुरुषों से पांच रुपये शुल्क लेने का निर्णय लिया है।यह निर्णय निगम की मासिक सदन बैठक के दौरान लिया गया।
हिमाचल प्रदेश का शिमला सार्वजनिक शौचायल को लेकर चर्चा में है। शिमला नगर निगम ने सोमवार को शहर में सार्वजनिक शौचालयों का उपयोग करने के लिए पुरुषों से पांच रुपये शुल्क लेने का निर्णय लिया। यह निर्णय निगम की मासिक सदन बैठक के दौरान लिया गया। इससे पहले, केवल महिलाओं से सार्वजनिक शौचालयों का उपयोग करने के लिए शुल्क लिया जाता था, जबकि पुरुषों के लिए यूरिनल (मूत्रालय) का इस्तेमाल निःशुल्क था।
कार्ड होंगे जारी
निगम अधिकारियों ने बताया कि यह शुल्क करीब 30 सार्वजनिक शौचालयों से वसूला जाएगा, जहां लोगों की आवाजाही अधिक है। निगम के अनुसार, पुरुषों से यूरिनल का इस्तेमाल करने के लिए 5 रुपये लिए जाएंगे, जो पहले मुफ्त थे। निगम ने शहर के व्यापारियों और दुकानदारों को सार्वजनिक शौचालयों का इस्तेमाल करने के लिए मासिक कार्ड जारी करने की भी योजना बनाई है। व्यापारियों और दुकानदारों को सार्वजनिक सुविधाओं का इस्तेमाल करने के लिए हर महीने करीब 100 से 150 रुपये का भुगतान करना होगा।
लोगों से लेंगे सुझाव
इस मामले पर शिमला नगर निगम के मेयर सुरेन्द्र चौहान ने कहा कि चयनित शौचालयों में साफ-सफाई और स्वच्छता सुनिश्चित करने के साथ-साथ रख-रखाव के लिए भी शुल्क लिया जाएगा। उन्होंने कहा कि इस निर्णय के क्रियान्वयन के लिए रूपरेखा तैयार की जा रही है। चौहान ने कहा कि भविष्य में और भी बैठकें आयोजित की जाएंगी और लोगों के सुझाव भी लिए जाएंगे। भुगतान को आसान बनाने के लिए शौचालयों के बाहर क्यूआर कोड भी लगाए जाएंगे।
मेयर ने कहा, 'यह शुल्क केवल उन सार्वजनिक शौचालयों में लिया जाएगा, जहां बड़ी संख्या में लोग रोजाना आते हैं।' उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि निगम कोई शौचालय कर नहीं वसूल रहा है, लेकिन वह शौचालयों के रखरखाव के लिए शुल्क लेगा। हालांकि इस योजना ने विवाद को जन्म दिया है। लोग इसका विरोध कर रहे हैं।
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