हिमाचल में मौसम ने बदले तेवर, बर्फबारी के साथ हल्की बारिश, सर्द हवाओं से बढ़ी ठिठुरन
- Himachal Pradesh Weather Today: हिमाचल प्रदेश में मौसम ने अपना रंग बदला है। ऊंचे इलाकों में जहां बर्फबारी हो रही है तो वहीं हल्की बारिश भी देखी गई। लगातार चल रही सर्द हवाओं ने भी प्रदेश में ठिठुरन बढ़ाई है।

शिमला, यूके शर्मा: हिमाचल प्रदेश में मौसम के तेवर बदल गए हैं। राज्य के ऊपरी इलाकों में हल्की बर्फबारी हो रही है। हिल स्टेशनों शिमला और मनाली सहित अन्य शहरों में बादलों की आवाजाही बनी हुई है और सर्द हवाएं चल रही हैं। मैदानी इलाकों में भी मौसम का मिजाज बिगड़ा हुआ है और कुछ स्थानों पर हल्की बारिश दर्ज की गई है। किन्नौर, लाहौल-स्पीति, कुल्लू और चंबा जिले के ऊपरी हिस्सों में बीती रात से रुक-रुक कर हल्की बर्फबारी हो रही है। किन्नौर जिला के कल्पा में 0.2 सेंटीमीटर बर्फबारी दर्ज की गई है। पहाड़ों पर हो रही बर्फबारी से तापमान में गिरावट आई है और कई जनजातीय क्षेत्रों में न्यूनतम पारा माइनस में दर्ज किया गया है।
आगे कैसा रहेगा मौसम?
मौसम विभाग ने पांच फरवरी तक राज्य के ऊपरी इलाकों में बर्फबारी और अन्य हिस्सों में बारिश की संभावना जताई है। वहीं किन्नौर और लाहौल स्पीति को छोड़कर अन्य सभी 10 जिलों में आज आंधी और आसमानी बिजली गिरने की चेतावनी जारी की गई है। हालांकि 6 और 7 फरवरी को मौसम के साफ रहने की संभावना है, लेकिन इस दौरान मैदानी इलाकों में कुछ जगह घने कोहरे का येलो अलर्ट जारी किया गया है। आठ फरवरी से फिर से मौसम खराब होने की आशंका है। 8, 9 और 10 फरवरी को राज्य के पहाड़ी इलाकों में दोबारा वर्षा और बर्फबारी के आसार हैं। इस दौरान बर्फबारी की वजह से ऊपरी इलाकों में यातायात प्रभावित हो सकता है। खासकर रोहतांग, बारालाचा, कुंजुम दर्रा, जलोड़ी दर्रा और अन्य ऊंचे दर्रों पर बर्फबारी के कारण रास्ते अवरुद्ध हो सकते हैं।
मौसम विभाग ने क्या बताया?
मौसम विज्ञान केंद्र शिमला के निदेशक कुलदीप श्रीवास्तव ने बताया कि पश्चिमी विक्षोभ के प्रभाव से राज्य में यह बदलाव आया है। पांच फरवरी को राज्य के अधिकांश ऊंचे इलाकों में बर्फबारी और कुछ मैदानी क्षेत्रों में बारिश हो सकती है। वहीं 6 और 7 फरवरी को मौसम साफ रहने के बाद 8 फरवरी से एक और पश्चिमी विक्षोभ के सक्रिय होने की संभावना है, जिससे 8 से 10 फरवरी को दोबारा बारिश और बर्फबारी हो सकती है। इससे पारे में गिरावट आने से शीतलहर बढ़ेगी।
उन्होंने कहा कि पिछले 24 घण्टों के दौरान मौसम साफ रहने से राज्य के औसतन न्यूनतम तापमान में 1.6 डिग्री की बढ़ोतरी हुई है। शिमला और मनाली का न्यूनतम तापमान भी सामान्य से अधिक दर्ज किया गया। उन्होंने कहा कि लाहौल स्पीति जिला के ताबो और कूकुमसेरी में आज सुबह न्यूनतम तापमान क्रमशः -7.1 डिग्री व -3.4 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया। इसके अलावा केलंग में न्यूनतम पारा 0.3 डिग्री, कल्पा में 2.4 डिग्री, ऊना में 3 डिग्री, डल्हौजी में 3.9 डिग्री, सोलन में 4 डिग्री, मनाली में 4.1 डिग्री, भुंतर में 4.6 डिग्री, बिलासपुर में 4.7 डिग्री, धर्मशाला व सुंदरनगर में 5 डिग्री, चम्बा में 5.5 डिग्री, मंडी में 6 डिग्री और शिमला में 7.5 डिग्री रहा।
इस बीच मौसम विशेषज्ञों का कहना है कि पश्चिमी हिमालयी क्षेत्र में हर साल जनवरी और फरवरी में अच्छी बर्फबारी होती है। लेकिन इस साल अब तक अपेक्षित बर्फबारी नहीं हुई है। राज्य में जनवरी से अब तक सामान्य से 80 फीसदी कम बारिश दर्ज की गई है। इसका सीधा असर फसलों और बागवानी पर पड़ सकता है। कम वर्षा और बर्फबारी के कारण सेब की फसल पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ने की आशंका है। बागवानों का कहना है कि इस समय पर्याप्त बर्फबारी न होने से सेब के पौधों की ठंडी आवश्यकताओं (चिलिंग ऑवर्स) को पूरा करने में दिक्कत हो रही है। अगर फरवरी में भी पर्याप्त बर्फबारी नहीं हुई तो सेब की पैदावार पर नकारात्मक प्रभाव पड़ सकता है। इसके अलावा, गेहूं, मटर, आलू और अन्य रबी फसलों के लिए भी पर्याप्त नमी जरूरी होती है। यदि आने वाले दिनों में अच्छी बारिश नहीं हुई तो किसानों को नुकसान उठाना पड़ सकता है।
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