क्रॉस वोटिंग मामले में हिमाचल पुलिस गुड़गांव की हेलीकॉप्टर कंपनियों पर कसेगी शिकंजा, क्या तैयारी?
हिमाचल प्रदेश पुलिस गुरुग्राम की कुछ हेलीकॉप्टर कंपनियों पर शिकंजा कसेगी। हिमाचल प्रदेश पुलिस इसको लेकर पुख्ता तैयारी कर चुकी है। हिमाचल प्रदेश पुलिस के इस ऐक्शन की क्या है वजह? हिमाचल प्रदेश पुलिस की क्या है तैयारी? जानने के लिए पढ़ें यह रिपोर्ट...
हिमाचल प्रदेश में राज्यसभा की एक सीट पर 5 महीने पहले हुए चुनाव में विधायकों की कथित खरीद फरोख्त की जांच कर रही शिमला पुलिस उन हेलीकॉप्टर कंपनियों पर शिकंजा कसेगी, जिनमें क्रॉस वोटिंग करने वाले कांग्रेस के तत्कालीन 6 विधायकों और 3 निर्दलीय विधायकों ने उड़ान भरी थी। शिमला पुलिस की SIT इन हेलीकॉप्टर कंपनियों के खिलाफ कोर्ट से गिरफ्तारी वारंट हासिल करने की तैयारी कर रही है। एसआईटी ने पिछले दिनों कोर्ट से सर्च वारंट लेकर गुरुग्राम में हेलीकॉप्टर कंपनियों के दफ्तरों में दबिश दी थी। हालांकि गुड़गांव पुलिस के बाधक बनने से एसआईटी को बैरंग वहां से लौटना पड़ा था।
गिरफ्तारियां भी कर सकती है एसआईटी
एसआईटी ने इस पूरे घटनाक्रम की रिपोर्ट कोर्ट में दाखिल कर दी है। रिपोर्ट में जिक्र किया गया है कि हेलीकॉप्टर कंपनियों ने जांच में सहयोग ना कर के कोर्ट के आदेशों की अवमानना की है। अब एसआईटी की ओर से 3 हेलीकॉप्टर कंपनियों के खिलाफ कोर्ट से गिरफ्तारी वारंट लेने की प्रक्रिया को अपनाया जा रहा है। कोर्ट से गिरफ्तारी का वारंट मिलते ही एसआईटी पूरी तैयारी के साथ दोबारा गुड़गांव में इन कंपनियों के परिसरों में दबिश देगी। शिमला पुलिस की एसआईटी इस मामले में तेजी से काम कर रही है। एसआईटी आने वाले दिनों में गिरफ्तारियां भी कर सकती है।
निशाने पर क्रॉस वोटिंग करने वाले विधायक
राज्यसभा चुनाव में कांग्रेस के छह तत्कालीन विधायकों और तीन तत्कालीन निर्दलीय विधायकों ने भाजपा उम्मीदवार को वोट किया था। इससे विधानसभा में बहुमत होते हुए भी सत्ताधारी कांग्रेस उम्मीदवार अभिषेक मनु सिंघवी चुनाव हार गए थे और राज्यसभा की सीट भाजपा की झोली में आ गई थी। हर्ष महाजन राज्यसभा सदस्य के तौर पर निर्वाचित हुए।
होटलों में ठहरने से लेकर यात्रा खर्चे तक की जांच
चुनाव नतीजों के कुछ दिन बाद क्रॉस वोटिंग करने वाले नौ विधायक (कांग्रेस के छह और तीन निर्दलीय) भाजपा में शामिल हो गए थे। इन्हें कड़े सुरक्षा घेरे में कई दिनों तक हरियाणा और उतराखंड के होटलों में रखा गया। एसआईटी इनके होटलों में ठहरने और इनकी हेलीकाप्टर यात्रा के खर्चे की जांच में जुटी है। नौ तत्कालीन विधायकों में से आशीष शर्मा, सुधीर शर्मा और इंद्रदत्त लखनपाल विधानसभा उपचुनाव में भाजपा की टिकट पर चुनाव जीत कर फिर से विधायक बने हैं, जबकि छह पूर्व विधायकों को उपचुनाव में हार का सामना करना पड़ा है। क्रॉस वोटिंग करने वाले विधायक एसआईटी के निशाने पर हैं।
यह है मामला
बता दें कि हिमाचल की एक राज्यसभा सीट पर 27 फरवरी को चुनाव हुआ था। क्रॉस वोटिंग से यह सीट भाजपा ने जीत ली। कांग्रेस ने चुनाव में भाजपा पर विधायकों की खरीद फरोख्त के आरोप लगाए। कांग्रेस के दो विधायकों संजय अवस्थी और भुवनेश्वर गौड़ द्वारा 10 मार्च को बालूगंज थाना में भादंसं 171ई और 171सी, 120बी और भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम की धारा 7 व 8 के तहत मामला दर्ज कराया।
इन पर आरोप
एफआईआर में भाजपा विधायक आशीष शर्मा और पूर्व आईएएस राकेश शर्मा को नामजद किया गया। विधायक आशीष शर्मा और पूर्व विधायक चैतन्य शर्मा के पिता सेवानिवृत आईएएस अधिकारी राकेश शर्मा पर आरोप है कि इन्होंने सरकार को गिराने के लिए विधायकों के फाइव से सेवन स्टार होटलों में ठहराने की व्यवस्था की है।
एसआईटी इनसे कर चुकी है पूछताछ
पुलिस अभी तक हरियाणा के पूर्व सीएम मनोहर लाल खट्टर के प्रचार सलाहकार तरूण भंडारी, चैतन्य शर्मा, आशीष शर्मा, राकेश शर्मा, रवि ठाकुर से पूछताछ कर चुकी है, जबकि इस मामले में कांग्रेस के बागी व पूर्व विधायकों सुजानपुर से राजेंद्र राणा व कुटलैहड़ से देवेंद्र कुमार भुट्टो के अलावा उत्तराखंड में नेताओं के होटलों में ठहरने और हवाई यात्राओं को लेकर हुए लाखों के खर्च में सामने आ रहे वहां के एक भाजपा नेता से भी पूछताछ करनी है।
रिपोर्ट- यूके शर्मा
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